10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आसानी से पास करने के लिए टॉप टिप्स
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ पास करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन सही दृष्टिकोण से यह संभव है। यह पोस्ट छात्रों को आसानी से सफल होने में मदद करने के लिए सरल और सिद्ध सुझाव साझा करती है। स्मार्ट अध्ययन तकनीकों से लेकर समय प्रबंधन के गुर तक, आप सीखेंगे कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे करें। आत्मविश्वास के साथ परीक्षाएँ पास करने के लिए वास्तव में क्या कारगर है, यह जानने के लिए तैयार हो जाइए।
परिचय
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आसानी से पास करने के लिए टॉप टिप्स, दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएँ अरे वाह, नाम सुनते ही दिल की धड़कन बढ़ जाती है! ये एग्जाम्स बड़े भारी लग सकते हैं, मानते हैं, लेकिन थोड़ा दिमाग और थोड़ी प्लानिंग मिल जाए तो क्या मजाल जो टेंशन पास फटके! पढ़ाई हो, प्रैक्टिस हो या रिवीजन सबका संतुलन बनाना आ जाए, फिर तो समझो गेम अपने हाथ में है.
इस पोस्ट में आपको कुछ हटके, मजेदार और काम के टिप्स मिलेंगे टाइम का सही इस्तेमाल कैसे करें, पढ़ाई को बोझ न बनने दें, और टेंशन को तो भाईसाब, दूर से ही नमस्ते बोल दें! ताकि जब आप एग्जाम हॉल में कदम रखें, तो हर सवाल का सामना पूरे जोश और कॉन्फिडेंस के साथ कर सकें.
आवश्यक तैयारी युक्तियाँ
पढ़ाई का शेड्यूल बनाना है? चलो, थोड़ा क्रिएटिव हो जाते हैं
देखो, बिना टाइम टेबल के पढ़ाई वैसी है जैसे बिना गूगल मैप्स के रोड ट्रिप मंज़िल पता नहीं, रास्ता गुम! हर सब्जेक्ट के लिए एक टाइम स्लॉट बना लो, और अपने आपको ईमानदारी से उस पर टिकाए रखो। ऐसा मत सोचो कि “चलो, आज मैथ्स छोड़ देते हैं, कल देखेंगे” क्योंकि कल कभी आता नहीं, और फिर आख़िरी रात को नींद की जगह टेंशन मिलती है।
टाइम टेबल में बस पढ़ाई ही नहीं रिवीजन, ब्रेक, खाना, सब चीज़ फिट करो। कुछ लोग तो टाइम टेबल को रंग-बिरंगे पेन से सजाते हैं ऐसा करो, बोरियत भी कम लगेगी और देखने में भी अच्छा लगेगा।
स्मार्ट नोट्स बनाओ, दिमाग का बोझ कम करो
पूरी किताब कॉपी में उतारने से कुछ नहीं होगा, रिसर्च कहती है कि सिंप्लिफाइड नोट्स से याददाश्त तेज़ होती है। पॉइंट्स में लिखो, शॉर्ट फॉर्म यूज़ करो, फ्लैशकार्ड्स बना लो जैसे छोटा पैकेट बड़ा धमाका।
माइंड मैप्स भी एकदम जादू का काम करते हैं रंगीन पेन से डूडल बना लो, कनेक्शन दिखाओ। इससे दिमाग जल्दी चीज़ें जोड़ लेता है। और हाँ, अपने स्मार्ट नोट्स को दीवार पर चिपका दो हर रोज़ आंखों के सामने रहेंगे तो भूलने का चांस जीरो।
एक्टिव रिवीजन खुद से सवाल, खुद से जवाब
रिवीजन का मतलब सिर्फ किताब खोलकर पढ़ना नहीं, खुद से सवाल पूछो जैसे क्विज़ मास्टर हो। बाथरूम में, छत पर, या फ्रेंड्स के साथ जहां मन करे, खुद से क्वेश्चन करो। जवाब गलती से गलत हो जाए तो डरना नहीं, बस उसे गोल्डन स्टार मार्क कर लो अगली बार उसी पर फोकस। ऐसा करने से हर बार दिमाग एक्टिव रहता है, और जो कमजोर टॉपिक्स हैं, वो धीरे-धीरे स्ट्रॉन्ग हो जाते हैं।
एक तरह से खुद का टीचर बनो कूल, ना?
मॉक टेस्ट रिहर्सल है, मज़ाक नहीं
मॉक टेस्ट को सीरियसली लो, ये असली परीक्षा की प्रैक्टिस है। हफ्ते में कम से कम एक बार, टाइमर लगाओ और पूरा सेटअप वैसा ही रखो जैसे एग्ज़ाम हॉल में होता है। बाद में खुद का रिजल्ट देखो कहाँ गड़बड़ी हुई, कहाँ टाइम ज्यादा लगा।
अपने गलत जवाबों की वजह पूछो, खुद से बहस करो (हाँ, थोड़ा पागलपन चलेगा)। मॉक टेस्ट से सिर्फ मार्क्स नहीं बढ़ते, कॉन्फिडेंस भी चार गुना हो जाता है। कभी-कभी तो दोस्तों के साथ मॉक क्विज़ करो, जो हारे वो पार्टी दे मज़ा भी आएगा, पढ़ाई भी होगी।
सेहत बेसिक है, लेकिन इग्नोर मत करो
चलो, एक सच अगर बॉडी ढीली पड़ गई, तो पढ़ाई भी ढीली हो जाएगी। नींद पूरी होनी चाहिए, कम से कम 7-8 घंटे वरना दिमाग स्लोमोशन में चलने लगेगा। खाने में जंक छोड़ो, हेल्दी खाओ फ्रूट्स, ड्राई फ्रूट्स, और थोड़ा-सा डार्क चॉकलेट (क्योंकि लाइफ में स्वाद भी ज़रूरी है)। रोज़ थोड़ा एक्सरसाइज़ जैसे रस्सी कूदना, योगा या डांस mind fresh रहेगा, stamina भी बढ़ेगा।
दोस्ती + पढ़ाई = सुपरपॉवर
यार, अकेले पढ़ोगे तो बोर हो जाओगे, कभी-कभी लगेगा कि दिमाग बंद हो गया। ग्रुप बना लो दोस्तों के साथ पढ़ो, एक-दूसरे को समझाओ। जब किसी को समझाते हो, तो खुद भी गहराई से समझ में आ जाता है।
ग्रुप डिस्कशन में ऐसी-ऐसी बातें निकल आती हैं, जो किताबों में नहीं मिलतीं। साथ में पढ़ाई से कॉम्पिटिशन भी रहता है “तू मुझसे आगे कैसे?” और सबका लेवल ऊपर उठता है। ग्रुप स्टडी में चाय-पकोड़े का ब्रेक भी एकदम जरूरी है!
ब्रेक माइंड की रिफ्रेश बटन
लगातार पढ़ाई करने से दिमाग चिपक जाता है, सच में! हर 45-50 मिनट पर 5-10 मिनट का छोटा ब्रेक लो। इस दौरान म्यूजिक सुनो, थोड़ा स्ट्रेचिंग करो, या छत पर घूम आओ बस मोबाइल पर रील्स में मत उलझ जाना।
छोटे ब्रेक से दिमाग रीसेट होता है, और फिर पढ़ाई में फोकस भी बढ़ जाता है। कभी-कभी ब्रेक में पेटिंग या गाने का भी मज़ा ले लो, पढ़ाई और क्रिएटिविटी का कॉम्बो बन जाएगा।
सही किताबें चुनो फालतू गाइड्स से बचो
NCERT या बोर्ड की ऑफिशियल किताबें बस इन्हीं पर भरोसा करो। मार्केट में जो भी “100% पास गारंटी” वाली गाइड्स मिलती हैं, उनसे बचो। वो सिर्फ कन्फ्यूज़ करती हैं, और सिलेबस भी छूट सकता है।
रिवीजन गाइड्स, क्वेश्चन बैंक सिर्फ ऑथेंटिक वाले यूज़ करो। एक बार जो पढ़ रहे हो, उस पर टिके रहो हर हफ्ते नया मटेरियल मत उठाओ, वरना दिमाग का कबाड़ा हो जाएगा।
एक्ज़ाम डे पैनिक मत करो, प्लान से चलो
पेपर हाथ में आया, तो घबराओ मत। सबसे पहले पूरा पेपर देख लो, मनपसंद आसान सवाल पहले कर डालो टाइम बचेगा, कॉन्फिडेंस भी मिलेगा। मुश्किल सवालों को बाद के लिए छोड़ दो, ताकि आख़िरी में दिमाग थका हुआ नहीं हो। टाइम मैनेजमेंट का यही असली जादू है स्मार्ट बनो, घबराओ मत। और हाँ, पानी की बोतल साथ रखना मत भूलना कभी-कभी एक घूंट पानी भी दिमाग खोल देता है।
स्ट्रेस थोड़ा है तो अच्छा है, ज्यादा है तो गड़बड़
परीक्षा के पहले स्ट्रेस नॉर्मल है, लेकिन ओवरडोज़ मत लो। डीप ब्रीदिंग, पॉज़िटिव सोच ये सब फालतू नहीं है, ट्राय करके देखो। सोशल मीडिया से थोड़ा दूर रहो, वरना पढ़ाई की जगह लाइक्स और कमेंट्स गिनते रहोगे।
शांत दिमाग से, बिना घबराहट के, सबसे बेस्ट परफॉर्मेंस आती है। खुद को बोलो “मैं कर सकता हूँ, और सिर्फ अच्छे मार्क्स के लिए नहीं, अपने लिए।”
तो बस, ये टिप्स फॉलो करो थोड़ी क्रिएटिविटी, थोड़ा डिसिप्लिन, और थोड़ा मस्ती; पढ़ाई भी आसान लगेगी और रिज़ल्ट भी शानदार आएगा!
बोर्ड परीक्षा में सफलता पाने के लिए शीर्ष अध्ययन तकनीकें
बोर्ड एग्जाम्स की तैयारी, सुनते ही दिमाग में हलचल मच जाती है, है ना? लेकिन यकीन मानो, अगर सही पढ़ाई के तरीके अपना लिए तो आधी लड़ाई तो वैसे ही जीत लोगे। बात सिर्फ़ घंटों सिर झुकाकर पढ़ने की नहीं है मामला है समझदारी से पढ़ाई करने का, ताकि जो पढ़ो वो दिमाग में सेट हो जाए, टाइम भी वेस्ट ना हो और टेंशन का भी कोई नामोनिशान न रहे।
इस ब्लॉग में हम कुछ ऐसे तिकड़म और आज़माए हुए तरीके शेयर कर रहे हैं, जो तुम्हारे नंबर भी बढ़ाएंगे, चिंता घटाएंगे और पढ़ाई को थोड़ा-बहुत एन्जॉयबल भी बना देंगे। चलो, सफर शुरू करते हैं!
1. सक्रिय स्मरण: स्वयं का परीक्षण करें, केवल दोबारा न पढ़ें
पढ़ाई में असली जादू तब होता है जब बार-बार नोट्स रटने के बजाय, खुद से दिमाग को झकझोरो जैसे खुद से सवाल-जवाब का खेल खेलो।
- फ्लैश कार्ड्स बनाओ, एक साइड सवाल, दूसरी साइड जवाब जैसे खुद की क्विज़ मास्टर बन जाओ।
- कोई टॉपिक पूरा किया? किताबें बंद, और जो याद है, उसे झटपट कागज पर उतार दो।
- जो बातें सिर से बार-बार फिसल जाती हैं, उन्हीं को पकड़ो और उन पर तगड़ी मेहनत करो।
ये तरीका आपके दिमाग को सुपरहीरो बना देता है, क्योंकि अब वो सिर्फ जानकारी जमा नहीं करता, बल्कि उसे ढूंढ-ढूंढकर निकालना भी सीख जाता है। याददाश्त में असली पावर इसी में छुपा है, ट्राय करके देखो!
2. अंतराल पुनरावृत्ति: दीर्घकालिक स्मृति के लिए अंतराल बनाएं
अंतराल पुनरावृत्ति सुनने में थोड़ा टेक्निकल सा लगता है, लेकिन असल में बड़ा ही जुगाड़ू तरीका है। सीधी सी बात: बार-बार रटने के बजाय, उस पल रिवाइज करो जब दिमाग उसे भूलने ही वाला हो। ऐसे में जानकारी दिमाग के लॉकर में ताले के साथ बंद हो जाती है लॉन्ग टर्म के लिए!
अब बात करें फ्लैशकार्ड्स की, तो चाहे मोबाइल ऐप्स का सहारा लो या देसी लिटनर बॉक्स रख लो, मकसद एक ही है देखो कौन सा कार्ड कितनी बार याद आया। जितनी अच्छी तरह याद रहे, उतना उसका इंटरवल बढ़ा दो। गलती की? कोई बात नहीं, फिर से जल्दी दिखा दो। पढ़ाई में भी थोड़ा स्पोर्ट्स वाला फील आ जाता है ट्रेनिंग जैसा!
रिवीजन का शेड्यूल? पहला रिवीजन तो झटपट, सीखने के फौरन बाद। फिर एक दिन बाद, उसके बाद एक हफ्ते बाद वगैरह-वगैरह। जैसे-जैसे दिमाग मजबूत होता जाए, रिवीजन के बीच का गैप बढ़ा दो।
इस तरीके से दिमाग हमेशा ऑन रहता है, और लास्ट मिनट की हड़बड़ी से भी राहत मिलती है। सच कहूं तो, अगर पढ़ाई को गेम बनाना है, तो ये तरीका एकदम मास्टरस्ट्रोक है!
3. संरचित पठन: SQ3R और PQ4R विधियाँ
पाठ्यपुस्तकें पढ़ना उफ्फ, कभी-कभी तो ऐसा लगता है जैसे किसी भारी पत्थर को घसीट रहे हों। मगर SQ3R और PQ4R जैसे जुगाड़ू तरीके आ जाएं तो सारा खेल ही बदल जाता है, सच में!
- SQ3R यानी सर्वे कर, सवाल पूछ, पढ़, खुद से बोल, और फिर से एक बार दोहरा ले।
- PQ4R पहले झांक, सवाल बना, पढ़, सोच, बोल, और फिर से याद कर ले।
इन दोनों टेक्निक का असली जादू यही है पढ़ाई सिर्फ आंखों से नहीं, दिमाग से भी करो! सवाल-जवाब, खुद से बातें, थोड़ी खुद की परीक्षा बस, समझ और याददाश्त दोनों सुपरचार्ज हो जाते हैं। पढ़ाई का मज़ा ही कुछ और है जब तरीका थोड़ा तिकड़मी हो!
4. पोमोडोरो तकनीक: केंद्रित विस्फोटों में अध्ययन
देखो, ध्यान लंबे टाइम तक टिकाए रखना कोई बच्चों का खेल नहीं है। पोमोडोरो टेक्निक बस इसी काम के लिए बनी है तुम्हारे पढ़ाई के टाइम को छोटे-छोटे, कूल हिस्सों में तोड़ देती है।
सीधा सा गेमप्लान: 25-30 मिनट तक पूरी जान लगा के पढ़ाई, फिर 5 मिनट की मस्ती। ऐसे चार राउंड कर लो, तो फिर मिल जाता है स्पेशल ब्रेक 15-30 मिनट का लंबा वाला चिल टाइम।
इन ब्रेक्स में, सिर्फ बैठ के मोबाइल मत चलाओ थोड़ा स्ट्रेच कर लो, पानी पी लो या गहरी सांसें भर लो, ताकि दिमाग को भी “रीसेट” मिल जाए।
मजा ये कि इस तरीके से एनर्जी लेवल हाई रहता है, और थकावट वो तो दूर भाग जाती है!
5. फेनमैन तकनीक: सीखने के लिए सिखाएं
अगर आप किसी कांसेप्ट को ऐसे आसान शब्दों में समझाते हो जैसे सामने कोई छोटा बच्चा बैठा है, तो मज़ा ही आ जाता है खुद की समझ में कौन-कौन सी दरारें हैं, वो सब उभरकर सामने आ जाती हैं।
बस, कोई भी टॉपिक पकड़ो और सोचो कि आपको किसी नन्हे शरारती बच्चे को समझाना है। जैसे ही किसी हिस्से पर खुद झिझकने लगो या दिमाग में धुंध छा जाए, समझो वहीं पेंच फंसा है।
अब अपने नोट्स की शरण लो, फिर से पढ़ो, और तब तक उस हिस्से को अपने दिमाग में घुमाओ जब तक आपके लिए सब कुछ एकदम चमकदार और साफ न हो जाए।
यही तरीका है, जिससे खुद को या दूसरों को पढ़ाते-पढ़ाते, जो मुश्किल चीज़ें थीं वो धीरे-धीरे बिलकुल चॉकलेट की तरह आसान और मीठी लगने लगती हैं।
6. माइंड मैपिंग और दृश्य सहायताएँ: बड़ी तस्वीर देखें
दृश्य शिक्षण तो जैसे दिमाग का जादू है सब कुछ झटपट सलीके से सेट कर देता है और ये दिखा देता है कि कौन सा आइडिया कहां से जुड़ रहा है।
शुरुआत करो बीच में एक तगड़ा सेंट्रल आइडिया फेंककर, फिर उससे जुड़े टॉपिक्स को लाइनों या तीरों से जोड़ दो। सिंपल लगे तो रंग-बिरंगे मार्कर निकालो, आइकन बना डालो या कोई कूल सा सिंबल डालकर रिश्तों को हाईलाइट कर दो।
अगर किसी प्रोसेस, तारीख या सीक्वेंस की बात है तो चार्ट, टाइमलाइन या इन्फोग्राफिक्स बना दो देखते ही सारी जानकारी क्लिक हो जाएगी।
ये तकनीक उन टॉपिक्स के लिए एकदम फिट है, जहां एक के साथ दस बातें जुड़ी हों यानि, सब कुछ इंटरकनेक्टेड हो तो विज़ुअल स्टाइल जैसे मसीहा बनकर आ जाता है!
7. मॉक टेस्ट और स्व-मूल्यांकन: अभ्यास ऐसे करें जैसे यह असली परीक्षा हो
मॉक टेस्ट टाइम से देने का अपना ही मजा है, जैसे रिहर्सल हो असली एग्जाम की।
– पुराने पेपर्स पकड़ो, टाइमर लगाओ, और खुद को दबाव में डालकर देखो कि टाइम की रेस में कितने तेज हो।
– रिजल्ट के बाद खुद के साथ ईमानदारी रखो—कहाँ-कहाँ फिसले, वो ढूंढो। जो गलतियाँ बार-बार हो रही हैं, उन्हें पकड़ लो, वही असली दुश्मन हैं।
– अगली पढ़ाई की प्लानिंग उन्हीं कमजोरियों के इर्द-गिर्द बनाओ, वरना वहीं फंस जाओगे।
आखिर में, बार-बार ये सेल्फ-टेस्टिंग करने से कॉन्फिडेंस तो बूस्ट होता ही है, साथ में एग्जाम डे की घबराहट भी हवा हो जाती है।
8. शिक्षण और समूह अध्ययन: एक साथ सीखें
यार, मानो या ना मानो, पढ़ाई सिर्फ़ किताबों से नहीं होती। जब अपने दोस्तों को कोई टॉपिक समझाते हो, तभी असली समझ दिमाग में फिट बैठती है। खुद भी पकड़ में आ जाता है, कहाँ अटक रहे हो।
- छोटे-छोटे ग्रुप बना लो—2-3 लोग काफी हैं—फिर बारी-बारी से कोई चैप्टर या टॉपिक समझाओ, जैसे टीचर खुद बन गए।
- एक-दूसरे से ऐसे सवाल पूछो, जो सोचने पर मजबूर कर दें। फॉर्मूला हो या डेफिनिशन, घेर कर पूछो।
- अगर कोई चीज़ समझ नहीं आ रही, तो उस पर खुलकर बहस करो। हर किसी का नज़रिया सुनो, क्या पता, कोई नई बात पकड़ में आ जाए।
ग्रुप स्टडी सिर्फ़ टाइम पास नहीं, ये असली ज्ञान का जुगाड़ है। जो दिमाग में गैप है, वो भी ऐसे ही भरता है टोटल गेम चेंजर!
9. स्मृति सहायक उपकरण: याददाश्त को मज़ेदार बनाएँ
स्मृति सहायक? वाह, इन्हें तो समझो बोरिंग जानकारियों के जादूगर! ये उबाऊ फैक्ट्स को छोटे-छोटे यादगार टुकड़ों में बदल डालते हैं।
- ग्रेट लेक्स याद रखने में दिक्कत हो रही है? बस “HOMES” याद रखो ह्यूरन, ओन्टारियो, मिशिगन, एरी, सुपीरियर जैसे कोई सीक्रेट पासवर्ड हो!
- कोई लंबी लिस्ट या सीक्वेंस है? उस पर जिंगल या तुकबंदी बना लो, जैसे स्कूल के पुराने गानों में करते थे याद ना रहे तो कहना!
- नंबर या शब्द? उन्हें दिमाग में किसी फनी या अजीब इमेज से लिंक कर दो। जैसे 7 है, तो सोचो कोई जादुई छड़ी!
सीरियसली, ये ट्रिक्स एग्जाम में ऐसे काम आते हैं जैसे छुपा हुआ जोकर झट से फैक्ट्स याद आ जाते हैं, और पढ़ाई में भी मजा आ जाता है!
10. समय प्रबंधन और अध्ययन वातावरण: सफलता के लिए खुद को तैयार करें
यार, पढ़ाई अगर प्लान के बिना की तो गड़बड़ पक्की!
- सबसे पहले, सारे सब्जेक्ट्स और टॉपिक्स की लिस्ट बनाओ और एक ऐसी वीकली टाइमटेबल सेट करो जो सच में फॉलो हो सके मतलब ऐसा नहीं कि सुपरमैन बनना है, बस रियलिस्टिक रहो।
- फिर, एकदम बढ़िया, शांत जगह पकड़ो कोई डिस्टर्ब करने वाला न हो, लाइट भी शानदार हो और फोन? उसे तो दूर ही रखो, नहीं तो पढ़ाई की जगह रील्स ही देख लोगे।
- जो टॉपिक्स सबसे ज्यादा सिरदर्द देते हैं, उन्हें तब कवर करो जब दिमाग एकदम ताजा हो, जैसे सुबह-सुबह। शाम को वैसे भी ब्रेन आउट ऑफ सर्विस मोड में चला जाता है।
प्लानिंग सही हो तो पढ़ाई भी स्मूद चलेगी और टेंशन? वो तो हवा हो जाएगी!
निष्कर्ष
सुनो, बोर्ड एग्जाम में बाज़ी मारनी है तो बस पढ़ते रहना ही काफी नहीं है थोड़ा जुनून चाहिए, थोड़ा अनुशासन और दिमाग़ का तड़का भी ज़रूरी है। ये जो टिप्स बताए हैं, इन्हें अपनी रूटीन में डाल लो, रोज़ थोड़ा-थोड़ा दोहराते रहो, वरना आखिरी वक्त में पसीना छूट जाएगा! पढ़ाई का माहौल भी मस्त रखो, टेंशन फ्री वरना दिमाग़ कहीं और घूम जाएगा। ये सब अपनाओगे तो, फिर क्या भरोसे के साथ एग्जाम में बैठो और अपना जलवा दिखाओ!
FAQs
प्रभावी समय सारिणी कैसे बनाएं?
देखो, टाइमटेबल बनाना किसी मिसाइल लॉन्च करने जैसा सीरियस काम नहीं है, लेकिन फिर भी दिमाग लगाना पड़ता है! सबसे पहले तो अपने दिन को हिस्सों में बाँट लो कौन-सा सब्जेक्ट कब पढ़ना है, वो सोच के लिख लो।
ये मत भूलना कि हर टॉपिक के बाद थोड़ा ब्रेक भी चाहिए, वरना दिमाग की हालत थाली में बिखरे मैगी जैसी हो जाएगी। और हाँ, रिवीजन के लिए अलग से टाइम फिक्स करो, नहीं तो सब याद किया हुआ हवा हो जाता है।
थोड़ा फ्लेक्सिबल भी रहो अगर कोई टॉपिक ज्यादा टाइम ले ले, तो उस हिसाब से टाइमटेबल एडजस्ट कर लो। कोई रूल नहीं कि सब कुछ एकदम फिक्स होना चाहिए। खुद को समझो, फिर टाइमटेबल बनाओ।
सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को कैसे कवर करें?
इसका तो सीधा फंडा है सबसे पहले NCERT और बोर्ड वाली किताबें चाट डालो, क्योंकि इनके बिना तो कुछ नहीं होने वाला। ये बेसिक है, भाई!
उसके बाद अपने बनाए हुए रिवीजन नोट्स या शॉर्ट नोट्स पढ़ो। बाकी लोग भले ही गाइड बुक्स या कुछ भी लेकर बैठ जाएं, लेकिन असली गेम तो वही है जो अपने नोट्स में है।
अगर समय बचे तो पुराने सालों के पेपर भी देख लो, उससे पता चलता है कि कौन-से टॉपिक पे बार-बार सवाल आते हैं। और जो चीज़ें समझ में न आएं, उसे दोस्तों या टीचर से पूछ लो घबराने की कोई बात नहीं।
मॉक टेस्ट के क्या लाभ हैं?
मॉक टेस्ट देने का मतलब है खुद को असली एग्जाम वाली फीलिंग देना। कभी कभी हमें लगता है कि सब आता है, लेकिन जैसे ही टाइम लिमिट में पेपर देने बैठते हैं, तब समझ आता है असली खेल।
इससे पता चलता है कि कौन-सा टॉपिक कमजोर है, कहाँ टाइम ज्यादा लग रहा है, और कहाँ गलती कर रहे हो। मॉक टेस्ट से न सिर्फ प्रैक्टिस मिलती है, बल्कि एग्जाम का डर भी कम हो जाता है वो जो हाथ-पैर कांपने वाली फीलिंग है, वो भी धीरे-धीरे गायब हो जाती है।
और हाँ, हर मॉक टेस्ट के बाद खुद का एनालिसिस करो गलतियों से सीखो, तभी फायदा मिलेगा।
परीक्षा से पहले रिवीजन कैसे करें?
रिवीजन का नाम सुनते ही कई लोग घबरा जाते हैं, लेकिन अगर सही तरीके से करो तो मजेदार भी हो सकता है। फ्लैशकार्ड्स बना सकते हो छोटे-छोटे पॉइंट्स लिख लो, बार-बार देखो, दिमाग में बैठ जाएगा। माइंड मैप्स बनाओ तो एक ही पेज पर पूरा चैप्टर दिख जाएगा सुपरहिट तरीका है!
एक्टिव रिकॉल भी ट्राय करो, मतलब खुद से सवाल पूछो और खुद ही जवाब देने की कोशिश करो। इससे पता चलता है कि क्या वाकई में याद है या बस खुद को धोखा दे रहे हैं। कभी-कभी ग्रुप स्टडी भी कर लो दोस्तों के साथ डिस्कशन करने से चीजें और क्लियर हो जाती हैं।
बोर्ड परीक्षा में अधिकतम अंक कैसे प्राप्त करें?
इसके लिए तो कोई जादू नहीं है, बस मेहनत चाहिए रोज का पढाई करो, वर्कशीट्स सॉल्व करो, मॉक टेस्ट दो, और टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दो।
एग्जाम के दिन दिमाग को ठंडा रखना भी जरूरी है पैनिक करने से कुछ नहीं मिलेगा, उल्टा जो याद है वो भी भूल जाओगे। अगर कोई सवाल नहीं आता, तो घबराने की जगह जो आता है पहले वो करो स्मार्ट तरीके से पेपर सॉल्व करो।
और याद रखना, लगातार मेहनत करने वाले को ही अच्छे मार्क्स मिलते हैंकोई शॉर्टकट नहीं है जिंदगी में, ये बोर्ड एग्जाम भी उसी का हिस्सा है। मेहनत करोगे, तो नंबर अपने आप मिल जाएंगे और नहीं मिले तो भी कोई बात नहीं, अगली बार और तगड़ा मारो!