7-Day India Tour by Train: Delhi to Varanasi to Kolkata Under ₹3500
Explore India’s rich culture and beautiful cities on a 7-day train tour from Delhi to Varanasi and Kolkata. This trip offers a budget-friendly way to see three vibrant places for under ₹3500. You will learn how to plan your journey, find the best travel tips, and discover affordable ways to enjoy each city. Get ready to travel comfortably and see India’s heartland without breaking the bank.
Introduction:
ओहो, India Tour by Train की बात चले और क्रिएटिविटी न झलके ऐसा कैसे हो सकता है! यहाँ हर मोड़ पर कहानी है, हर स्टेशन पर जादू। ट्रेनों की खिड़की से बाहर झाँकते ही लगता है जैसे कोई रंगीन फिल्म चल रही हो कभी दिल्ली का हल्ला-गुल्ला, कभी वाराणसी की सुबह की चमक, तो कभी कोलकाता की पुरानी इमारतों की फुसफुसाहट। और ये सब ₹3,500 में? हाँ, भाई, सही सुन रहे हो! बस, थोड़ा हिम्मती बनो, थोड़ी प्लानिंग झोंको, फिर देखो, सात दिन में इंडिया आपकी जेब में नहीं, आपकी यादों में समा जाएगा।
यह सफर किसी बोरिंग बजट ट्रिप जैसा नहीं, ये तो रचनात्मकता की रेल है! स्लीपर क्लास के डिब्बे में बैठकर नए दोस्त बनाओ, प्लेटफॉर्म पर चाय की चुस्की के साथ गपशप करो, और हर स्टेशन पर कुछ नया चखो जोश में, होश में, और फुल जोश में। जब आप 1,500 किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी नापते हो, तब असल में आप इंडिया के हर रंग में रंग जाते हो। किसी महंगे कैफे की चिकनी प्लेट्स में इतना स्वाद नहीं मिलेगा जितना इन सात दिनों की रेलवे राइड में मिलेगा। इंडिया के असली रंगों में डूबना है? तो चलो, टिकट कटाओ और निकल पड़ो क्योंकि ये ट्रिप है, सपनों का कारवां!
🚆 Why Travel by Train Across India?
एक बार ट्रेन में बैठो, और फिर देखो ये कोई सफर नहीं, पूरा तामझाम है! सुबह-सुबह नींद में डूबी आवाज़ें “चाय, चाय!” और कहीं से टिफिन की खुशबू आ रही है, कोई अंकल अपने पोते को आमलेट खिला रहे हैं, और बगल वाली आंटी आपके मोबाइल में वायरल वीडियो देखना चाहती हैं। भाई, यहीं असली इंडिया मिलता है बिना फ़िल्टर, बिना दिखावे के! स्लीपर क्लास में AC नहीं, लेकिन ठंडी हवा फ्री में, और नए दोस्त बनाने की गारंटी।
अब खर्चे की बात कर लो प्लेन की टिकट देखो और फिर ट्रेन का टिकट देखो, फ़र्क खुद समझ जाओगे। ट्रेन में सीट मिल गई तो समझो जन्नत मिल गई ₹500-₹600 में पूरा शहर बदल लो! यहाँ ना कोई एयरपोर्ट की झंझट, ना ओवर-प्राइस्ड पानी, बस सीधा आम लोगों के बीच, असली लाइफ के बीच। और सबसे मज़ेदार बात रात में ट्रेन पकड़ो, सुबह नई जगह पर उठो, होटल का पैसा बचाओ और फुल टाइम घूमो।
तो यार, अगर सच में इंडिया को दिल से देखना है, जेब भी हल्की रखनी है और फ़ुल ऑन एडवेंचर चाहिए ट्रेन पकड़ो, किस्सा ख़त्म!
💰 How ₹3500 Makes It Possible
₹3500 में जादू हो सकता है, बेशक! अब देखो, अगर तुम्हारे दिमाग में ये सवाल घूम रहा है कि भाई, 3,500 रुपये में सात दिन, तीन-तीन शहर, और 1,500 किलोमीटर की धक्का-मुक्की कैसे हो जाएगी तो जवाब है: जुगाड़ और स्मार्टनेस! असली मास्टरस्ट्रोक है कहाँ पैसे उड़ाने हैं, कहाँ बचाने हैं। टिकट और सोने की जगह में पैसे फूंक दो, बाकी? भारत के लाजवाब स्ट्रीट फूड पे दिल खोल के उड़ाओ, और लोकल सफर तो है ही सस्ता।
आओ, मजेदार जोड़-घटाकर देखें
- दो लंबी दूरी की स्लीपर क्लास ट्रेन: दिल्ली-वाराणसी, फिर वाराणसी-कोलकाता ₹1,100 (पैसा वसूल, भाई!)
- बजट होटल/ हॉस्टल, ₹300 रात × 3 रात = ₹900 (बिस्तर मिल गया? समझो शाही ठाठ!)
- लोकल बसें, शेयर ऑटो ₹200 (भीड़ में घुसो, असली इंडिया देखो)
- स्ट्रीट फूड ₹100 रोज़, 7 दिन = ₹700 (समोसा, चाय, जलेबी… मुंह में पानी आ गया?)
- एक्स्ट्रा खर्चा, जैसे अचानक चप्पल टूट जाए या किसी का बर्थडे आ जाए ₹100
कुल जोड़ो, भाई 3,000 में पूरा सफर निपट गया। जो 500 रुपये बच गए, उससे कुछ भी कर लो कोलकाता में रसगुल्ला खा लो, नाव में घूम आओ, या किसी दोस्त को चाय पिला दो। ज़िंदगी का मज़ा पैसे में नहीं, जुगाड़ में है और घूमने का असली स्वाद तो इसी में है!
🧳 Trip Planning Essentials
🧳 ट्रिप प्लानिंग: मज़ा भी, दिमाग़ भी!
सच बताऊँ, असली घुमक्कड़ी तो प्लानिंग में ही है। आधा एक्साइटमेंट यहीं, आधा मगजमारी और जो सबसे जरूरी, पैसे की असली बचत भी इसी में छुपी है। अगर जेब हल्की है और दिल भारी, तो ये ट्रिक्स फॉलो कर!
✅ ₹3,500 में क्या-क्या जुगाड़ हो सकता है?
- स्लीपर क्लास ट्रेन टिकट (मस्त देसी सफर, पैसे बचाओ, मज़े उड़ाओ)
- 3 रातें बिल्कुल बजट वाले ठिकाने पर
- पूरे 7 दिन, पेट पूजा स्ट्रीट फूड से (पानीपुरी से लेकर डोसे तक, पेट भी खुश, वॉलेट भी)
- लोकल ट्रांसपोर्ट रिक्शा, बस, ऑटो…जो सामने मिले उसी में कूद जाओ
- टूरिस्ट प्लेसेस की एंट्री (कई जगह फ्री, बाकी 30-40 रुपए में काम चल जाएगा)
क्या नहीं मिलेगा? फ्लाइट का चस्का, मॉल में खरीदारी, फाइव स्टार खाना या AC वाली शाही सवारी ये सब छोड़ो, असली मस्ती बजट में है!
🚉 स्लीपर क्लास का टिकट जुगाड़ू स्टाइल
IRCTC का ऐप खोलो, या वेबसाइट। बुकिंग 120 दिन पहले ओपन होती है तो जितना जल्दी, उतना मस्त। स्लीपर क्लास में सफर, थोड़ा rough & tough, पर असली इंडिया देखने का मज़ा यहीं है!
- टिकट पहले ही कटवा लो, वरना आखिरी टाइम में भागदौड़
- मिस हो गया? तत्काल का ऑप्शन है थोड़ा महंगा, पर मिल गया तो राजा
- वेटिंग में फंस गए? ‘विकल्प’ ऑन करो दूसरी ट्रेन में सीट ट्राई करो, किस्मत चमक सकती है
🏨 सस्ता ठिकाना जहाँ नींद भी आ जाए, जेब भी बच जाए अब रहने की बारी ये जुगाड़ नोट कर:
- Zostel या कोई भी बैकपैकर हॉस्टल (₹300-400 में बिस्तर, बाकी पैसे घूमने में उड़ाओ)
- धर्मशाला, मंदिर या आश्रम मिले तो समझो jackpot
- Hostelworld या Booking.com पर ‘lowest price’ लगा के सर्च मारो
अक्सर ये जगहें स्टेशन या फेमस टूरिस्ट स्पॉट के पास ही होती हैं मतलब लोकल ट्रांसपोर्ट का झंझट भी कम! बाकी, हर बजट ट्रिप में थोड़ा एडवेंचर जरूरी वरना घर लौट के किस्से क्या सुनाओगे? चलो, बैग पैक करो, दुनिया तुम्हारा इंतजार कर रही है!
🏙️ Day 1: Exploring Delhi Before Departure
दिल्ली, यार, ये कोई आम शहर थोड़ी है ये तो पूरा टाइम मशीन है। एक पल में मुगलों के राजमहल, अगले ही पल अंग्रेज़ों की सड़कें, और कहीं नज़रों से बचकर चाय की टपरी।
🌆 घूमने का असली मजा पुरानी दिल्ली बनाम न्यू दिल्ली
चांदनी चौक: इतनी टेढ़ी-मेढ़ी गली, इतनी चटपटी खुशबू भाई, यहाँ तो GPS भी घूम जाए! दुकानों में घुसो, गोलगप्पे उड़ाओ, और किसी ठेले वाले से बचपन की मिठास खरीद लाओ।
लाल किला: मुगलों की ऐशगाह, 35 रुपये की टिकट में इतिहास हाथ में और इंस्टा के लिए बैकग्राउंड रेडी!
इंडिया गेट & राष्ट्रपति भवन: शाम को यहाँ की लाइटिंग देखना, मानो कोई महफ़िल सज गई हो।
कुतुब मीनार: ईंटों से बनी गर्व की ऊँचाई, आसपास के खंडहर ऐसे लगेंगे जैसे किसी पुराने म्यूजिक वीडियो का सेट।
भाई, 50 की आलू टिक्की खाना ही पड़ेगा, वरना दिल्ली ने क्या खाया? और चाय… 20 रुपये में दिल खुश!
🚄 रात का जुगाड़ ट्रेन में सफर, होटल का खर्चा जीरो!
अब होटल-वोटल के चक्कर में क्यों पड़ना, जब 600 रुपये में मिल रही है रात भर की वाराणसी की स्लीपर ट्रेन? खाने-पीने के लिए समोसे, फल, पानी सब बैग में डाल लो। ठंड? कंबल या शॉल डालो, और फोन फुल चार्ज करके रखो वरना ट्रेन की रातें बिना म्यूजिक या रील के सूनी लगेंगी।
यही है दिल्ली का असली creative swag कम खर्च, ज्यादा मस्ती, और हर मोड़ पर कहानी तैयार!
🌅 Day 2: Arrival in Varanasi
सुबह-सुबह ट्रेन के डिब्बे में नींद खुली, तो बाहर की दुनिया बिल्कुल किसी स्लाइड शो जैसी बदल रही थी। एक पल सूखे खेत, अगले पल हरे-भरे नज़ारे यूपी का वेलकम स्टाइल ही अलग है, बॉस! वाराणसी बस कुछ ही मिनट दूर है और दिल में एक अजीब सी हलचल क्या पता कौन सी कहानी इंतजार कर रही हो।
☕ पहली मुलाकात चाय और चमत्कार
वाराणसी जहाँ आध्यात्मिकता और हल्की-फुल्की गड़बड़ी, दोनों का मिक्स जूस मिलता है। स्टेशन पर उतरते ही कड़क चाय वाला! उसकी चाय पीते ही लगेगा, जैसे आत्मा रीसेट हो गई। (₹10 में, वैसे सोने की नहीं है, लेकिन फील ऐसा ही आएगा।) पैर सीधा घाट की तरफ कोई सस्ता-सा गेस्टहाउस ढूंढ लो, जहाँ खिड़की से गंगा दिख जाए, तो समझो जैकपॉट लग गया।
दशाश्वमेध या अस्सी घाट के करीब कोई साधारण लॉज (~₹300/रात) बैग पटक दो, नहा-धो लो और फिर निकल पड़ो गलियों के भंवर में। यहां वक्त जैसे स्लो मोशन में चलता है कोई बाबा नंगे पैर, फूलों के टोकरे में सपने बेचती औरतें, और गंगा…वो तो जैसे किसी पुरानी कविता में बह रही हो।
सुबह का नाश्ता? भाई, कचौरी-सब्जी और जलेबी (₹30-₹50) ऐसा लगेगा, जैसे बचपन की यादों में डुबकी लगा ली। घाट पर बैठकर जिंदगी का थिएटर देखो हर किरदार यूनिक।
🕯️ गंगा आरती – रात की जादूगरी
जैसे ही सूरज ढलने लगे, भाग लो दशाश्वमेध घाट। यहाँ की गंगा आरती मतलब, जैसे भगवान खुद स्पॉटलाइट जला रहे हों। धुएं का डांस, मंत्रों का म्यूजिक और दीयों की परेड—हर चीज़ में जादू घुला है। गंगा की लहरों पर रोशनी की लकीरें, ऐसी फीलिंग जो शब्दों से बाहर है। और हां, इसकी कोई कीमत नहीं बस जल्दी पहुँचो, वरना भीड़ में हाथ मलते रहोगे। बोट पर बैठने का भी मजा अलग है (₹50–₹100) थोड़ा फिल्मी हो जाओ।
आरती के बाद, भूख लगे तो बनारसी थाली (~₹100) खा लो या फिर ब्लू लस्सी शॉप की ताजगी ले लो। दिन का एंडिंग? बस, गंगा किनारे चुपचाप टहलते रहो। यहाँ वक्त भी कभी-कभी ठहर जाता है।
🚣 Day 3: Dive into Varanasi’s Culture
ओह, वाराणसी का ये तीसरा दिन माने, फुल ऑन क्रिएटिविटी का मौका! यहाँ हर गली, हर घाट, हर चाय की प्याली में एक कहानी छुपी है, बस पकड़ने वाला चाहिए।
🚣 सुबह की बात करें तो, गंगा अपने स्पेशल इफेक्ट्स के साथ एंट्री मारती है। सूरज की पहली किरणें जैसे ही पानी में पड़ती हैं, लगता है कोई पेंटिंग बन रही है लाइव। उठो-लपको, अस्सी या दशाश्वमेध घाट पहुँचो, और लकड़ी की नाव में बैठकर ज़िंदगी का स्लो-मोशन मोमेंट एन्जॉय करो पूजा-पाठ, घंटियों की गूंज, मंत्रो की आवाज, लोग पानी में कूदते-फांदते। और हाँ, फोटो खींचो जितना मन करे, लेकिन असली फील मिस मत करना वरना सब बेकार।
नाव से उतरते ही गरमा-गरम चाय पकड़ो, साथ में बन मस्का या पोहा सस्ती चीजें, लेकिन स्वाद में VIP। यहाँ नाश्ता भी क्रिएटिविटी में पीछे नहीं!
🛕 मंदिरों की गलियों में चलो, जैसे किसी पेंटिंग में घुस गए हो। विश्वनाथ गली इतनी तंग कि सांस लेना भी एडवेंचर, पर मस्त। काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर का माहौल क्या बताऊँ, जैसे स्प्रिचुअलिटी की हवाएँ बह रही हों। अंदर जा पाओ तो किस्मत, वरना बाहर का वाइब भी कुछ कम नहीं।
अब सारनाथ ये तो एकदम अलग ही दुनिया! शेयरिंग ऑटो पकड़ो, रास्ते में खिड़की से बाहर झाँको, और पहुंच जाओ जहाँ बुद्ध ने ज्ञान की पहली क्लास ली थी। धामेक स्तूप, म्यूज़ियम, गार्डन हर जगह कुछ न कुछ नया देखने को मिलेगा। टिकट भी सस्ते, फीलिंग्स अनमोल!
🛍️ Day 4: Last Day in Varanasi
🛍️ दिन 4: वाराणसी आख़िरी दिन, फुल ऑन बनारसी स्टाइल
अब देखो, आज वाराणसी में तुम्हारा फिनाले है कोई टेंशन नहीं, बस दिल खोलकर घूमो या घाट पर बैठकर अपनी ही दुनिया में खो जाओ। यहाँ वक्त स्लो मोशन में चलता है, तो घड़ी देखना छोड़ दो।
🧵 लोकल मार्केट्स & गुप्त खजाने
सुबह-सुबह अस्सी घाट की हवा में कुछ जादू है। लोग मंत्र जप रहे हैं, कोई योगा कर रहा है, और गंगा के किनारे चाय की चुस्की क्या सीन है! उसके बाद, गोदौलिया या ठठेरी बाजार में कूद पड़ो। यहाँ हर गली में कोई न कोई कहानी छुपी है रंग-बिरंगे कपड़े, मस्त गहने, और दुकानदार की हँसी—सब कुछ फिल्मी लगता है।
जेब में क्या डालना है?
- बनारसी स्कार्फ या दुपट्टा (सस्ते में स्टाइलिश बन जाओ)
- पान बिना पान के तो वाराणसी का स्वाद ही अधूरा है
- जरा आध्यात्मिक बनो, धूपबत्ती या गंगाजल की बोतल ले जाओ घर में वाराणसी की खुशबू बसा लेना
भारत माता मंदिर को मिस मत करना यहाँ मूर्तियाँ नहीं, बल्कि पूरा इंडिया उभरा हुआ है। फोटो खींचना मत भूलना, #DesiVibes। लंच में सस्ता-टेस्टी ढाबा पकड़ो (₹80 थाली) और बस देखो, साधु अपनी धुन में, बच्चे छतों पर शॉट मार रहे, गली में गायें, सब कुछ लाइव शो की तरह।
🎒 कोलकाता वाली ट्रेन: एडवेंचर शुरू
अब शाम होते-होते स्टेशन की तरफ कूच करो। समोसा, केला, या जो भी दिल करे, ले लो (₹50-₹60 में पेट पूजा)। फोन चार्ज, पानी भर, हेडफोन जेम्स बॉन्ड की तरह तैयार ट्रेन सफर लंबा है, जनाब! लेकिन असली मजा भी तो इसी में है। खिड़की से झांकते हुए तारे गिनना, धीमे-धीमे शहर पीछे छूटेगा, और तुम एक नए शहर की तरफ बढ़ रहे होगे…खुद को फिल्म का हीरो समझना मत भूलना!
🚆 Day 5: Journey to Kolkata
🚆 दिन 5: कोलकाता जाने वाली ट्रेन सपनों का सफर
ट्रेन में बैठते ही जैसे कोई जादू सा शुरू हो जाता है, है ना? भारतीय रेलवे नाम सुनते ही दिमाग में वो सीटी, प्लेटफार्म पर भागते लोग, और चायवाला ‘चाय-चाय’ चिल्लाता हुआ घूमता नजर आता है। ट्रेन का सफर, खासकर रात वाली लंबी जर्नी, खुद में एक एडवेंचर है। कभी तो लगता है जैसे किसी फिल्म का हिस्सा बन गए हों खिड़की से गुज़रती चांदनी, दूर-दूर खेतों में जलती लालटेनें, और डिब्बे में बजती धीमी बातें। अरे, और जो नींद आती है ट्रेन में… वो तो पांच सितारा होटल में भी नहीं आती!
🛌 रात की ट्रिप: असली जुगाड़ और ट्रिक्स
अब देखो, ट्रेन में सफर करना है तो थोड़ा ‘स्मार्ट’ बनना पड़ेगा। शॉल सिर्फ ठंड से बचाने के लिए नहीं, कई बार तकिया बना लो, या खिड़की से आती तेज़ हवा को रोकने के लिए भी काम आ जाती है। मोज़े? हाँ भाई, वो भी ज़रूरी हैं क्योंकि कभी-कभी एसी इतना ठंडा कर देता है कि पैरों की उंगलियाँ सुन्न हो जाएँ। सैनिटाइज़र तो अब बिना कहे ही रखना चाहिए, वैसे भी डिब्बे में जाने कौन-कौन छूता रहता है। पावर बैंक, ये तो भगवान का रूप है वरना मोबाइल की बैटरी डेड, और आप बिना गाने-सिरीज़ के बोर हो जाओगे।
ट्रेन में लोगों से मिले बिना सफर अधूरा सा लगता है। कभी-कभी तो सामने बैठी आंटीजी अपनी ‘घर की बनी मठरी’ शेयर कर देती हैं, या किसी कॉलेज के ग्रुप के साथ ताश खेलने का चांस मिल जाता है। और भई, अगर ऊपरी बर्थ मिली है, तो सामान कसकर रखना वरना आधी रात को नीचे गिरा तो खुद ही उठाओ कोई नहीं पूछेगा।
🍱 खाने-पीने की असली बात ‘ट्रेन का टिकट, पेट का हिट’
अब खाने की बात ट्रेन में जो रेलवे का खाना आता है, वो कभी-कभी ‘सर्व’ से ‘सर्वाइव’ तक पहुंच जाता है। ईमानदारी से, अगर पेट को खुश रखना है तो अपना ‘travel snack kit’ बनाओ। बिस्कुट, चिवड़ा, मूँगफली ये सब न सिर्फ सस्ते हैं, बल्कि पेट को भी टाइम पास कराते हैं। फल भी रख लो केला सबसे बेस्ट, क्योंकि छिलका फेंकना आसान है और गंदगी भी नहीं होगी।
बहुत तले-भुने खाने से बचो, वरना पेट में बम फूट सकता है और ट्रेन का टॉयलेट… अरे बाबा, वो तो भगवान का नाम लेकर ही जाना चाहिए! स्टेशन आते ही अगर पूरी-सब्जी या गरम-गरम कटलेट दिखे, तो फटाफट खरीद लो। बस ध्यान रखना, ट्रेन की सीटी सुनते ही चढ़ जाना वरना फिर प्लेटफार्म पर सेल्फी लेते रह जाओगे और ट्रेन चली जाएगी!
खुल्ले पैसे जेब में रखना, वरना चाय वाले भैया ‘पाँच का सिक्का दो’ गाते रहेंगे। और हाँ, कभी-कभी कोई यात्री अपनी टिफिन से कुछ ऑफर करे तो ‘ना’ मत करना, असली इंडिया वहीं मिलता है।
🏛️ Day 6: Cultural Kolkata
🏛️ दिन 6: कोलकाता संस्कृति, कहानियाँ, और स्ट्रीट फूड का तड़का
✨ सुबह की शुरुआत नाश्ता और पहला इम्प्रेशन
- कोलकाता स्टेशन पर उतरते ही शहर की वाइब चौंका देती है
ट्रेन की भीड़, पीली टैक्सियाँ और हर तरफ मस्ती नींद खुद-ब-खुद उड़ जाती है। - नाश्ते में क्या लें?
- लूची – आलू टोकरी बंगाली स्टाइल पूरी-सब्ज़ी, इतनी मुलायम कि मुंह में घुल जाए।
- रसगुल्ला – भाई, बिना रसगुल्ले के कोलकाता आया ही क्यों?
- गरम चाय – कुल्हड़ में, हाथ में, और सीधे दिल में।
- खर्चा? – ₹30–₹50 में पेट पूजा और इंस्टा स्टोरी दोनों हो जाएँगी।
🏰 औपनिवेशिक इमारतें इतिहास को छू लो
- विक्टोरिया मेमोरियल
- सफेद संगमरमर का महल, हरियाली से घिरा।
- अंदर घुसते ही अंग्रेजों के जमाने की हवाओं का एहसास राजा-महाराजाओं की तस्वीरें, पुरानी किताबें, और एकदम रॉयल फील।
- टिकट – ₹10 (इतना सस्ता, OMG!)
- इंस्टाग्रामर्स, यहाँ की फोटो लाइक्स तोड़ देगी।
- हावड़ा ब्रिज
- 1943 की धरोहर, स्टील का जादू।
- दिन में भीड़, रात में लाइट्स दोनों टाइम अलग सा मजा।
- यहाँ से गुजरना मतलब कोलकाता को असली में महसूस करना।
- और हाँ, फ्री है कोई रोक-टोक नहीं।
- कॉलेज स्ट्रीट
- बुक्स का जन्नत!
- दुनिया का सबसे बड़ा सेकंड-हैंड बुक मार्केट किताबें, नोट्स, पुराने मैगज़ीन, सबकुछ मिलेगा।
- कैफे कॉफी हाउस में बैठकर किताब पढ़ना? क्लासिक बंगाली फिल्म फील्स।
🍴 लंच टाइम स्ट्रीट फूड, सॉलिड टेस्ट
- फुचका (पानी पूरी)
- पानी पूरी को बंगाल में फुचका बोलते हैं मसालेदार, खट्टा, और एकदम झकास।
- काठी रोल
- रोटी में चिकन, अंडा, या आलू मसाले, प्याज, चटनी के साथ।
- निज़ाम के रोल्स तो फेमस हैं, भाई।
- बजट
- ₹50-₹80 में पेट भी खुश, जेब भी सेफ।
🌇 सूर्यास्त हुगली के किनारे वाली जादूगरी
- फेरी राइड
- हुगली नदी की हवा, आसपास पुराने जहाज, और सामने हावड़ा ब्रिज की लाइटें।
- बस ₹6-₹10 में फेरी मजा आ गया!
- प्रिंसेप घाट
- लोकल्स की चहलकदमी, चाय की दुकानें, और शाम की ठंडी हवा।
- फीलिंग ऐसी कि जैसे कविता के पन्नों में टहल रहे हों।
- यहाँ आकर लगता है, जिन्दगी स्लो मोशन में चल रही है जितना चाहो, उतना जी लो।
🍨 मिठास का तड़का मिष्टी दोई और कुल्हड़ वाली चाय
- मिष्टी दोई
- बंगाल का मीठा दही, मिट्टी के कुल्हड़ में हर बाइट में सुकून।
- चाय
- मिट्टी के प्याले में गरम चाय छोटे-छोटे सुख, जो दिन को खास बना देते हैं।
💤 दिन का एंड – फुल फीलिंग, लाइट स्लीप
- थक गए? कोई बात नहीं!
- बैकपैकर हॉस्टल या डॉर्म ₹300 में बिस्तर और नए दोस्त दोनों मिल जाएंगे।
- रात को सोते-सोते, दिनभर की यादें घूमती रहेंगी “क्या दिन था, बॉस!”
🎉 एक्स्ट्रा टिप्स:
- लोकल लोगों से बातें करो असली कोलकाता उनकी कहानियों में बसा है।
- फोटोग्राफी के शौकीन हो?
- हर गली, हर दुकान, हर चेहरा कैमरा निकालो, शूट कर लो।
- कुछ नया ट्राय करो
- कहीं भी बैठ जाओ, चाय पीओ, लोकल मिठाई चखो यही असली सफर है।
🎁 Day 7: Wrapping Up the Tour
🎁 दिन 7: फुल ऑन फिनाले यादों का पिटारा
तो, आखिरकार ट्रिप का आखिरी दिन आ ही गया! यकीन मानो, ये “समापन” वाला दिन कभी सीधा-साधा नहीं होता इसमें सबकुछ चाहिए: शांति, मस्ती, थोड़ी शॉपिंग, और ढेर सारी यादें। यहाँ तुम्हारे दिन का मास्टरप्लान है बस, फॉलो करते जाओ और फील करो असली बजट ट्रैवलर वाली वाइब।
🌅 सुबह-सुबह: मंदिर में सुकून और पॉजिटिव वाइब्स
- दक्षिणेश्वर काली मंदिर विजिट
- लोकेशन: हुगली नदी के किनारे, एकदम फिल्मी सीन वाला माहौल।
- फीचर्स: शून्य एंट्री फीस (बजट का ध्यान!), शांतिपूर्ण माहौल, और वास्तुकला ऐसी कि मोबाइल उठाओ, इंस्टाग्राम पर डालो।
- एक्सपीरियंस: यहाँ आकर बिलकुल रिलैक्स फील होता है। अगर ट्रिप के झमेले से थक गए हो, तो यहीं बैठकर थोड़ा डिटॉक्स कर लो दिमाग भी शांत, फोटो भी एकदम कड़क।
🛍️ दोपहर: शॉपिंग का क्रेज़ सस्ते में स्टाइलिश
- लोकल मार्केट्स में धमाल
- न्यू मार्केट या गरियाहाट मार्केट
- जूट बैग्स: टिकाऊ, स्टाइलिश, और सस्ते मतलब, ट्रेंडी भी और बजट-फ्रेंडली भी।
- बंगाली कपड़े: चाहे साड़ी हो या कुर्ता, यहाँ की फैशन में एकदम देसी-फ्लेवर है।
- स्नैक्स: संदेश, निमकी जैसी लोकल मिठाइयाँ मुंह में पानी आ गया क्या?
- स्मृति-चिन्ह: हस्तशिल्प, चाबी के छल्ले, प्रिंटेड कुर्ते कुछ तो लेकर ही जाना बनता है।
- टिप्स:
- मोलभाव करना मत भूलो! दुकानदार भी जानते हैं, ट्रैवलर बिना मोलभाव के लौटता नहीं।
- थोड़ा टाइम दो, हर दुकान में कुछ अनोखा मिलेगा और कौन जाने, कोई छुपा खजाना मिल जाए!
☕ ब्रेक टाइम: पार्क स्ट्रीट पर कैफ़े क्रॉल
- थोड़ी राहत, थोड़ी चाय/कॉफी
- पार्क स्ट्रीट के पास एक बढ़िया कैफ़े पकड़ लो।
- स्ट्रॉन्ग कॉफी, या कोई मीठी रोटी जो मन करे, मंगा लो (₹30–₹50 देखो, बजट में ही है)।
- यहाँ बैठकर ट्रिप की कुछ यादें लिख डालो, या बस लोगों को घूरते रहो (कभी-कभी ये भी मजेदार होता है)।
🎒 बजट ट्रैवलर के आखिरी मंत्र
- क्या अचीव किया?
- दिल्ली की हलचल, वाराणसी की आत्मा, कोलकाता का जादू तीनों का स्वाद चख लिया।
- और वो भी सिर्फ़ ₹3500 में! अब बोलो, कौन कहता है इंडिया घूमना महंगा है?
- सीखे क्या?
- प्लानिंग ज़रूरी है, पर ओपन माइंड और थोड़ा सा “चलो देखते हैं आगे क्या होता है” मूड और भी ज़रूरी!
- हर शहर की अपनी कहानियाँ हैं सुनो, महसूस करो, और खुद में समेट लो।
- टिप्स फॉर नेक्स्ट ट्रिप
- हमेशा थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा बचा लो आखिरी दिन एक्स्ट्रा शॉपिंग का मन बन ही जाता है।
- फोटो खींचते रहो, पर असली पल जीना मत भूलो।
- अगली ट्रिप के लिए अभी से नोट्स बनाना शुरू कर दो बजट वाला गेम तो तुम्हारे बस की बात है!
📸 समापन – यादों का खजाना और अगली मंज़िल की तलाश
- आखिरी दिन की फीलिंग अलग ही लेवल की होती है। सबका चेहरा थोड़ा थका-थका, पर मुस्कान हमेशा की तरह फुल ऑन।
- ये ट्रिप सिर्फ़ घूमने-फिरने का नहीं, खुद को जानने का भी बहाना था।
- इंडिया तो यूं ही इंतजार कर रहा है बस बैग पैक करो, टिकट बुक करो, और फिर नई मंज़िल की तरफ निकल पड़ो।
चलो, अब अलविदा बोलने का टाइम है पर बजट ट्रैवलर का दिल हमेशा अगली ट्रिप का सपना देख रहा होता है। इंडिया बड़ा है, किस्सा अभी बाकी है दोस्त!
📊 Cost Breakdown of the Entire Trip
1. ट्रैवल का असली खर्चा सब कुछ टेबल में
देखो, अगर सफर प्लान कर रहे हो न, तो पैसे की गिनती बहुत ज़रूरी है। नीचे पूरा ब्रेकडाउन है किधर क्या खर्चा गया, और किधर तुम कटौती करके चाय के साथ समोसा ले सकते हो:
खर्चा | अंदाज़ा लागत (INR) |
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दिल्ली से वाराणसी ट्रेन (स्लीपर) | ₹600 |
वाराणसी से कोलकाता ट्रेन (स्लीपर) | ₹500 |
बजट होटल (3 रात) | ₹900 (₹300×3) |
लोकल ट्रांसपोर्ट | ₹200 |
खाना (7 दिन x ₹100) | ₹700 |
बाकी खर्च (स्नैक्स, टिकट, वगैरह) | ₹100 |
कुल टोटल | ₹3,000 |
बफर | ₹500 |
2. ये ₹500 बच गए, अब क्या करें?
अरे भाई, ये फालतू नहीं हैं! चलो देखते हैं, इनसे कितना धमाल मचा सकते हो:
- कॉलेज स्ट्रीट पर बुक शॉपिंग:
किताबों के शौकीन हो? फिर तो ये जगह तुम्हारे लिए जन्नत है। एक-दो बेस्टसेलर पकड़ लो, या कुछ ऐसे रत्न जो अमेज़न पर नहीं मिलते। - पेट पूजा – स्पेशल ट्रीट:
रोडसाइड छोले-भटूरे या फिर कोई बढ़िया बंगाली मिठाई? बजट बचा है, तो थोड़ा सा फैंसी खाना खा आओ। कभी-कभी पेट को भी पार्टी चाहिए। - एक्स्ट्रा नाव की सवारी या स्मृति चिन्ह:
वाराणसी या कोलकाता में गंगा की नाव पे और घूम आओ, या फिर कोई लोकल आर्ट का पीस उठा लो। यादें हमेशा साथ रहेंगी। - इमरजेंसी के लिए बैकअप:
चलो, थोड़ा प्रैक्टिकल भी बनते हैं। ट्रिप में कभी भी कुछ भी हो सकता है मोबाइल चार्जर टूट गया, या अचानक पेट गड़बड़ा गया तो दवाई लेनी पड़ी। उस वक्त यही पैसे काम आएंगे।
3. बजट में घूमने की असली जुगाड़
- प्लानिंग ही असली जादू है:
हर ट्रिप का असली मज़ा तब आता है जब तुम खुद मैन्युअल बजट बनाते हो। यानी हर चीज़ का हिसाब ट्रेन, होटल, खाना, सब कुछ। - फ्लेक्सिबिलिटी रखो:
कभी-कभी प्लानिंग के बावजूद खर्चा बढ़ जाता है। इसलिए बफर रखना ज़रूरी है, वरना आधी ट्रिप ATM ढूंढने में निकल जाएगी। - लोकल एक्सपीरियंस छूटे ना:
सस्ते में घूमने का मतलब ये नहीं कि मस्त चीजें छोड़ दो। लोकल स्ट्रीट फूड, छोटे-छोटे म्यूजियम, लोकल ट्रांसपोर्ट इनसे असली फील आती है।
4. ट्रैवल हैक पैसे से ज्यादा यादें बनाओ
- हर रुपया, एक नई कहानी:
सोचो, ये ₹3,500 सिर्फ रुपये नहीं, हर जगह पे एक नई कहानी जोड़ रहे हैं। ट्रेन में मिलने वाले लोग, होटल के वेटर के किस्से, या रोड पर मिल जाने वाले अजीबो-गरीब स्नैक्स यही असली ट्रेजर है। - यादें सबसे बड़ी करेंसी:
पैसा तो फिर कभी आ जाएगा। लेकिन वो गंगा किनारे बैठकर दोस्त के साथ चाय पीना, या कॉलेज स्ट्रीट की टपरी पे बुक ब्राउज़ करना ये यादें अमूल्य हैं।
5. फुल-ऑन सलाह – ट्रिप का मज़ा डबल करो
- थोड़ा रिसर्च, थोड़ा जुगाड़:
इंटरनेट पर हर चीज़ नहीं मिलती… कभी-कभी लोकल लोगों से पूछो, वो सच्ची वाली टिप्स देंगे। - बजट को बोझ मत समझो:
कम पैसे में भी फुल-on मज़ा लिया जा सकता है, बस थोड़ा सा दिमाग और थोड़ा सा जिगर चाहिए। - ट्रिप के बाद भी पैसे बच जाएं, तो बोनस!
वापसी पर दोस्तों को समोसे खिला देना ट्रिप की कहानी सुनाते हुए।
अंत में:
ट्रैवल करना मतलब लाखों खर्च करना नहीं है, असली जुगाड़ ये है कि दिल और पैसे दोनों खुले रखो। मज़ा तब डबल होता है जब खर्चा कम, और किस्से ज़्यादा मिलते हैं। तो बैग पैक करो, बजट बनाओ और निकल पड़ो अपनी अगली एडवेंचर पर! 🚂
📸 Must-See Attractions Across Delhi, Varanasi, and Kolkata
📸 दिल्ली, वाराणसी और कोलकाता घूमने का धमाकेदार प्लान
दिल्ली: पुराने किले, नई यादें
- लाल किला (₹35):
दिल वालों की दिल्ली और उसका दिल लाल किला! टिकट सस्ता, इम्प्रेशन तगड़ा। शाम को लाइट एंड साउंड शो यकीन मानो, इतिहास में खो जाओगे। और हाँ, सेल्फी स्पॉट तो हर कोने पर मिल जाएगा। - कुतुब मीनार (₹30):
लंबा, पुराना और यूनिक कुतुब मीनार। UNESCO की डेटिंग लिस्ट में भी टॉप पर है। बगीचों में बैठकर चिल करो, बर्ड-वॉचिंग करो या बस टॉवर की परिक्रमा कर लो। टिकट बस ₹30, सस्ते में शानदार तफरीह। - चांदनी चौक (फ्री):
अगर चांदनी चौक की गलियों में खो गए तो समझो असली दिल्ली देखी। यहां हर मोड़ पर चाट, समोसा, और मिठाइयों की बहार। भीड़ भले ही लगे ‘OMG’ टाइप, पर यहीं असली मस्ती है। जेब से पैसा निकले या न निकले, पेट जरूर भर जाएगा।
वाराणसी: घाट, गंगा और घुमक्कड़ी
- दशाश्वमेध घाट (फ्री):
बनारस आए और गंगा आरती नहीं देखी? भई, फिर तो सब बेकार। शाम के वक्त घाट की लाइट्स, मंत्रोच्चार और आरती लगता है जैसे कोई फिल्म लाइव चल रही हो। - सूर्योदय नाव सवारी (₹50–₹100):
सुबह-सुबह गंगा में नाव की सवारी सपनों जैसी फीलिंग। सूरज उगते देखना और घाट किनारे की हलचल कैमरा निकालो, Insta Reels बनाओ। दाम उतना ही जितना चाय के दो कप में आ जाए। - काशी विश्वनाथ मंदिर (फ्री):
आस्था की असली राजधानी। मंदिर के गलियारों में घूमो, घंटियों की आवाज़ सुनो और बनारसी ठाठ फील करो। यहाँ vibes ही कुछ और हैं और वो भी फ्री! - सारनाथ (₹10):
थोड़ा सुकून चाहिए? सारनाथ की तरफ निकल लो। बौद्ध स्तूप, शांति, हरियाली सबकुछ मिलेगा। सिर्फ ₹10 में अंदर पहुँच जाओ, और Zen mode ऑन कर दो।
कोलकाता: इतिहास, हुगली और हंगामा
- विक्टोरिया मेमोरियल (₹10):
कोलकाता की शान, सफेद संगमरमर में लिपटी कलाकारी। टिकट सिर्फ ₹10 अंदर जाओ, आर्ट गैलरी घूमो, झील के किनारे बैठो, और खुद को राजा-रानी समझो। - हावड़ा ब्रिज (फ्री):
दुनिया में इतने लोग रोज़ इस ब्रिज से गुजरते हैं, फिर भी इसका swag अलग ही है। पैदल चलो, ट्राम देखो, और हुगली पर हवा खाते रहो सब free का मजा। - दक्षिणेश्वर मंदिर (फ्री):
रंग-बिरंगे फूल, घंटियां, और भक्तों की भीड़ यहां का माहौल देखते ही बनता है। पूजा करो या बस मंदिर के आंगन में बैठकर सुकून लो, सबकुछ फ्री ऑफ कॉस्ट। - प्रिंसेप घाट:
नदी किनारे वॉक, नाव में सैर, और चारों तरफ हरियाली। यहां की शामें खास होती हैं हूक उठती है तो बस भागकर यहां पहुंच जाओ। पैसे लगेंगे, पर जेब नहीं फटेगी।
नोट:
इन शहरों की असली खूबसूरती ये सभी जगहें पॉकेट-फ्रेंडली हैं! खाने-पीने, घूमने-फिरने और फोटो की भरमार और घर लौटते वक्त यादें मुफ्त में मिलेंगी। Honestly, इससे सस्ता और मस्त ट्रिप कौन सा मिलेगा?
🧠 Smart Travel Hacks for Budget Train Journeys
ट्रेन में घूमना है, लेकिन पैसा भी बचाना है? भाई, सही जगह आ गए हो! यहां मिलेगा वो सब कुछ जो एक सच्चे देसी यात्री को चाहिए थोड़ा जुगाड़, थोड़ा तड़का, और ढेर सारा काम का ज्ञान।
🚆 टिकट बुकिंग के सुपरहिट जुगाड़
बिना सीट के सफर? नो चांस! इन ट्रिक्स से टिकट मिलना बच्चों का खेल है (लगभग)
- जल्दी बाजी मारो
IRCTC पर टिकट 120 दिन पहले खुल जाते हैं। मतलब, जितनी जल्दी क्लिक करोगे, उतनी जल्दी सीट पक्की। आलस्य छोड़ो, वरना वेटिंग लिस्ट में ही बुढ़ापा आ जाएगा। - तत्काल का ट्रंप कार्ड
अचानक कहीं निकलना पड़ा? तत्काल कोटा है न! हां, किराया थोड़ा ज्यादा लगेगा, पर सीट मिलने की संभावना भी ज्यादा। पैसे पर मत रो, कभी-कभी तुरुप का इक्का खेलना ही पड़ता है। - ‘विकल्प’सीक्रेट शिफ्टिंग प्लान
अगर तुम्हारी पसंदीदा ट्रेन में WL है, तो IRCTC की ‘विकल्प’ योजना का फायदा उठाओ। ये तुम्हें दूसरी ट्रेन में ऑटोमैटिकली डाल देगा कभी-कभी किस्मत चमक जाती है। - फाइनल चार्ट का गेम
ट्रेन निकलने के 2-3 घंटे पहले फाइनल चार्ट जरूर देखो। कई बार WL सीटें आखिरी मिनट में कन्फर्म हो जाती हैं। एक बार देख लिया, तो टेंशन भी आधी रह जाएगी। - ऐप्स से टेंशन फ्री
ConfirmTkt, RailYatri जैसे ऐप्स से टिकट स्टेटस या PNR चेक करो। किसी काउंटर के चक्कर में मत पड़ो, सब मोबाइल में है। - वेटिंग टिकट पर मत चढ़ो—Seriously!
पूरी वेटिंग लिस्ट वाले टिकट पर ट्रेन पकड़ना धांसू आइडिया नहीं है। कानूनी पंगा हो सकता है। RAC या कन्फर्म टिकट तक रुक जाओ, वरना TTE की डांट सुनने को तैयार रहो।
📱 स्मार्ट ऐप्स यात्री लाइफ के असली सुपरहीरो
फोन में ये ऐप्स नहीं हैं, तो समझो आधा सफर मिस कर दिया।
- IRCTC Rail Connect
टिकट बुकिंग, PNR स्टेटस, कैंसिलेशन सब कुछ एक क्लिक में। - मेरी ट्रेन कहाँ है
ट्रेन की लोकेशन चाहिए, नेट नहीं है? ये ऐप ऑफलाइन भी चल जाता है। मस्त है! - NTES
प्लेटफॉर्म नंबर, ट्रेन की देरी लाइव अपडेट्स मिलेंगे। मम्मी को बताने के लिए भी काम आएगा। - Google Maps
नए शहर में भटकने का शौक है? ऑफलाइन मैप्स डाउनलोड कर लो, ऑटो वालों की लूट से बच जाओगे। - Zomato/Swiggy
अगर प्लेटफॉर्म पर पेट में चूहे नाच रहे हों और स्टेशन का खाना देखकर डर लग रहा हो बस ऑर्डर कर लो! ट्रेन में भी डिलीवरी मिल सकती है, मज़ा ही मज़ा।
💡 एडिशनल टिप्स मास्टर स्ट्रोक्स
- समय की कीमत समझो
ट्रेन लेट हो गई? पैनिक मत करो! NTES या ‘मेरी ट्रेन कहाँ है’ से लाइव स्टेटस देख लो, आराम से बैठो, चार्जिंग पॉइंट पकड़ लो। - पैकिंग में जुगाड़
छोटा बैग, जरूरी सामान, चार्जर, पानी की बोतल, कुछ स्नैक्स इतना सामान लेकर चलो कि सीट के नीचे पूरा फिट हो जाए। भारी-भरकम लगेज घर छोड़ दो, वरना खुद ही उठाते रहोगे। - संबंधों का फायदा उठाओ
ट्रेन में नए दोस्त बनाओ कभी-कभी सीट बदलने या खाने की अदला-बदली में काम आ जाता है। और हां, दादी के घर जा रहे हो तो टिफिन मत भूलना! - सावधान!
रेलवे स्टेशन पर फर्जीवाड़ा बहुत है किसी अनजान से मदद मत मांगो, ऐप्स और ऑफिशियल काउंटर पर ही भरोसा करो।
🌟 आखिर में मज़ा लो, लेकिन स्मार्ट बनो!
यार, इतना सब करने के बाद भी ट्रेन लेट हो गई, तो नाराज मत होना ये हिंदुस्तान है, यहां सब चलता है! मस्ती करो, पैसे बचाओ, और अगली ट्रेन यात्रा के लिए जुगाड़ू बनकर लौटो।
🏁 Conclusion: A Rich Journey for Less
सच बताऊँ? लोग सोचते हैं कि इंडिया घूमना मतलब पैसे का खेल है, जैसे बैंक बैलेंस जितना मोटा, उतना ही मज़ा। लेकिन यार, असली तड़का तो उस जुगाड़ में है जब 3,500 रुपए जेब में हों और दिल में पूरी दुनिया घूमने का जोश। तीन मशहूर शहर वो भी इतने कम पैसों में? मानो अपने आप को धोखा दे रहे हो, पर बहुत ही मज़ेदार वाला।
ट्रेन की खिड़की से भागती ज़िंदगी देखना, रात में सीट पर लुड़कते-लुड़कते तारों को गिनना ये कोई फाइव-स्टार होटल नहीं दे सकता।
और वो स्ट्रीट फूड! सड़क किनारे कुलचे, समोसे, चाय ऐसा लगता था जैसे खुदा ने स्पेशली आपके लिए किचन खोला हो। मंदिरों की घंटियां, नदियों का ठंडा पानी, इतिहास की दीवारें इन सबके आगे तो पैसे की कोई औकात ही नहीं लगती।
असल बात ये है कि ऐसी ट्रिप सिर्फ़ इंडिया की खूबसूरती नहीं दिखाती, बल्कि अपने अंदर छुपे जुगाड़ू मास्टर को भी सामने लाती है। थोड़ा लचीला बनो, सामान हल्का रखो, और दिल को खोल दो तभी असली सफर शुरू होता है। रास्ते में नए दोस्त, अनजाने शहर, और हर मोड़ पर एक नई कहानी ये सब कुछ कम पैसों में भी मिल सकता है, अगर इरादे सच्चे हों।
और हाँ, ये मत सोचो कि बजट ट्रैवल मतलब समझौता। कम पैसों में ट्रैवलिंग एकदम VIP वाली फीलिंग दे सकती है बस नजरिया चाहिए। कभी-कभी सबसे अच्छी यादें वहीं बनती हैं जहाँ सबसे कम उम्मीद होती है। कुल मिलाकर, जिंदगी का असली स्वाद उसी में है थोड़ा रिस्क, थोड़ा एडवेंचर, थोड़ा जुगाड़, और ढेर सारी मस्ती।
टिकट बुक करो और निकल पड़ो। लाइफ छोटी है, और सफर लंबा तो जेब चाहे जितनी पतली हो, दिल बड़ा रखो।
❓FAQs
₹3,500 के बजट में पूरे भारत की यात्रा कैसे करें?
सुन, ये कोई जादू-टोना नहीं है, बस थोड़ी तैयारी चाहिए। टिकट बुक कर स्लीपर क्लास में मान ले दिल्ली से वाराणसी, फिर कोलकाता तक। रहने के लिए हॉस्टल पकड़, वो भी सस्ते वाले ₹300 के आसपास मिल जाएगा, बस थोड़ा ढूंढना पड़ेगा।
पेट की भूख? स्ट्रीट फूड से बढ़िया कुछ नहीं, ₹100-₹150 में दिन निकल जाएगा। लोकल घूमना है तो बस या ऑटो पकड़, ओला-उबर छोड़ दे, जेब का दुश्मन है वो! टोटल खर्चा? ₹3,000 के अंदर-अंदर, बाकी ₹500 इमरजेंसी के लिए रख, इंडिया है भाई कुछ भी हो सकता है!
लंबी दूरी की यात्रा के लिए सबसे सस्ती ट्रेनें कौन सी हैं
स्लीपर क्लास ही असली बजट वाली चीज़ है। दिल्ली-वाराणसी, वाराणसी-कोलकाता इन रूट्स के टिकट 500-600 में मिल जाते हैं,
अगर टाइम से बुक कर ले। IRCTC पर 120 दिन पहले बुकिंग खुलती है, जल्दी कर ले तो सस्ता भी मिलेगा और सीट भी पक्की। तत्काल में ट्राय कर, लेकिन कभी-कभी किस्मत धोखा भी दे देती है बोल के चलता हूँ भाई।
पैसे बचाने के लिए ट्रेन टिकट जल्दी कैसे बुक करें?
अबे, देर कर दी तो जेब ढीली करेगी IRCTC! बुकिंग खुलते ही कटवा ले, 120 दिन पहले। ConfirmTkt, Rail Connect जैसे ऐप्स पर नोटिफिकेशन ऑन रख वरना “No tickets available” का बोर्ड सामने दिखेगा।
आखिरी टाइम पर बुकिंग? फिर तो एक्स्ट्रा पैसे उड़ेंगे—फालतू का खर्चा क्यों?
वाराणसी/कोलकाता में सबसे अच्छे बजट प्रवास कौन से हैं?
वाराणसी: दशाश्वमेध घाट के पास हॉस्टल्स हैं, 300-400 में बढ़िया जगह मिल जाएगी। सुबह गंगा किनारे उठ, शाम को आरती देख क्या नज़ारा है, भाई!
कोलकाता: Zostel, बैकपैकर हॉस्टल, या कोई मंदिर वाली धर्मशाला ट्राय कर हॉस्टल वाला माहौल मिलेगा, नये लोग मिलेंगे, और पैसे भी बचेंगे।
थोड़ा एडवेंचरस फील चाहिए तो धर्मशाला में ट्राय कर, एकदम देसी अनुभव मिलेगा।
रेल यात्रा के दौरान भोजन व्यय का प्रबंधन कैसे करें?
भूख लगी? ट्रेन का खाना छोड़, प्लेटफॉर्म के स्टॉल से ले, 20-50 रुपए में पेट भर जाएगा। बिस्कुट, फल वगैरह साथ रख काम आएगा, सस्ते में टाइम पास।
शहरों में स्ट्रीट फूड भेलपुरी, समोसा, ममोज़ दिल खुश, जेब खुश। और हाँ, पानी की बोतल साथ रख, बार-बार 20-30 रुपए की बोतल मत खरीद।
क्या स्लीपर क्लास अकेले यात्रियों के लिए सुरक्षित है?
हां, सेफ है लेकिन इंडिया है, ज़रा अलर्ट रह। अपना कीमती सामान बैग में चेन से लॉक कर, और बर्थ के नीचे से बांध देना। ऊपरी बर्थ पर सो, थोड़ी प्राइवेसी भी मिलती है।
किसी अजनबी से फालतू की बातें मत कर, अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर करने की तो जरुरत ही नहीं। रात में बर्थ बदलने का चक्कर मत कर अच्छा नहीं लगता।
दिल्ली/वाराणसी/कोलकाता में कौन से निःशुल्क आकर्षण अवश्य देखने चाहिए
दिल्ली: इंडिया गेट, चांदनी चौक इतिहास, खाना, भीड़ सब मिलेगा।
वाराणसी: गंगा आरती (दशाश्वमेध घाट), काशी विश्वनाथ। सुबह घाट पर सूर्योदय देख, जादू सा लगता है!
कोलकाता: हावड़ा ब्रिज, प्रिंसेप घाट फोटोज़ के लिए परफेक्ट, और जेब से एक पैसा नहीं जाएगा।
कभी-कभी फ्री चीज़ें ही सबसे शानदार होती हैं, सच में।
प्रतीक्षा सूची (WL) रेल टिकटों का प्रबंधन कैसे करें?
NTES ऐप पर 2-3 घंटे पहले फाइनल चार्ट चेक कर, पता चल जाएगा टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं। अगर नहीं, तो “विकल्प” स्कीम ट्राय कर या दूसरी ट्रेन देख ले भारत में ट्रेनें कम नहीं हैं, बस टाइम थोड़ा फ्लेक्सिबल रखना पड़ता है। बहुत जरूरत हो तो जनरल टिकट ले, लेकिन भीड़ का सामना करना पड़ेगा बोल दिया!
बजट ट्रेन यात्रा के लिए क्या आवश्यक सामान पैक करें?
जरूरी चीजें: पावर बैंक (फोन की बैटरी कब धोखा दे जाए, कोई भरोसा नहीं), सैनिटाइज़र, पानी की बोतल (बार-बार खरीदने से अच्छा है), शॉल या स्वेटर (रात में ठंडी पड़ती है), बेसिक दवाइयाँ (सिरदर्द, बुखार वगैरह)।
क्या न लें: भारी सामान मत ले, वरना खुद ही परेशान होगा। हल्का चल, मस्त चल!
ट्रेन से पहुंचने के बाद सस्ते में शहरों की खोज कैसे करें?
लोकल बस, मेट्रो ₹10-₹20 में पूरा शहर नाप डालेगा। पैदल चल, नए शहर को महसूस कर। साइकिल किराए पर लेना चाहता है तो बढ़िया है, थोड़ा एडवेंचर हो जाएगा।
कैब छोड़, शेयर्ड ऑटो या रिक्शा पकड़ पैसे भी बचेंगे, लोकल एक्सपीरियंस भी मिलेगा। फ्री वॉकिंग टूर मिल जाए तो सोने पे सुहागा!