Blue Aadhaar Card Guide: How to Get Aadhaar for Kids (0-5 Years)
Getting a Blue Aadhaar Card for kids aged 0-5 years is easier than you think. This guide explains how parents can quickly obtain Aadhaar for their little ones. We will cover the step-by-step process, required documents, and tips to make the process smooth. By the end, you’ll know exactly how to secure an Aadhaar card for your child, ensuring they are recognized and protected.
Introduction to Blue Aadhaar Card
अगर आपके घर में पाँच साल से कम उम्र का छोटा बच्चा है, तो यकीन मानिए, ब्लू आधार कार्ड जिसे लोग बाल आधार भी बोलते हैं का नाम तो सुना ही होगा। अब असली सवाल ये है क्या चीज़, और इसकी ज़रूरत क्यूँ पड़ती है? इस ब्लॉग में हम ब्लू आधार के बारे में सारी काम की बातें रखने वाले हैं ये असल में है क्या, किसे चाहिए, इसके झकास फायदे क्या हैं, और इसे पाने के लिए आपको कितनी मशक्कत करनी पड़ेगी। तो चलिए, इस ब्लू आधार की दुनिया में एक मज़ेदार सफर शुरू करते हैं!
What Is a Blue Aadhaar Card?
ब्लू आधार (बाल आधार) इसे समझो ज़रा हटके!
नीला आधार कार्ड, जो UIDAI वाले जारी करते हैं, दरअसल बच्चों के लिए एक खास वर्जन है सिर्फ 0 से 5 साल की उम्र के नन्हे उस्तादों के लिए। बड़ों वाले सफेद आधार से ये अलग दिखता है इसमें नीला रंग है, जैसे छोटे बच्चों के क्रेयॉन बॉक्स में सबसे पॉपुलर कलर!
इसमें अलग क्या है?
- बायोमेट्रिक की छुट्टी: देखो, इतने छोटे बच्चों की फिंगरप्रिंट या आंखें स्कैन करना? हां, वो तो टॉम एंड जेरी पकड़ने जैसा है नामुमकिन! तो इसमें बायोमेट्रिक डाटा नहीं लिया जाता। बस नाम, फोटो हो गया काम।
- मम्मी-पापा से लिंक: बच्चे की सारी डिटेल्स सीधा उसके माता-पिता या गार्जियन के आधार नंबर से जुड़ी होती हैं। यानी, बच्चा छोटा है, उसकी पहचान भी मम्मी-पापा के साथ बंधी हुई।
- वैधता का गेम: नीला आधार कार्ड पांच साल तक ही चलता है। उसके बाद बच्चा थोड़ा बड़ा हुआ, तो फिर बायोमेट्रिक अपडेट करवाओ और रेगुलर आधार कार्ड में बदलवा लो। जैसे कपड़े छोटे पड़ने पर नए खरीदने पड़ते हैं, वैसे!
तो बस, बच्चों के लिए खास नीला आधार अलग, क्रिएटिव और पहचान में तुरंत पकड़ में आने वाला!
Blue Aadhaar Card Eligibility
आयु और निवास क्या चाहिए?
देखो, ब्लू आधार कार्ड के लिए बस इतना ध्यान रखना है बच्चा 0 से 5 साल के बीच होना चाहिए, ना एक दिन ज़्यादा, ना कम! और हाँ, इंडिया का पक्का निवासी, वरना कहानी यहीं खत्म।
माता-पिता या गार्जियन के लिए नियम
कम से कम एक पेरेंट या लीगल गार्जियन के पास पहले से आधार नंबर होना चाहिए कोई जुगाड़ नहीं चलेगा! और उसी के साथ मोबाइल नंबर एक्टिव हो, वरना OTP वाला ड्रामा हो सकता है नामांकन के वक्त।
डॉक्युमेंट्स क्या-क्या चाहिए?
बर्थ का सबूत साफ-साफ: या तो म्युनिसिपलिटी वाला बर्थ सर्टिफिकेट या फिर हॉस्पिटल से मिली डिस्चार्ज स्लिप कुछ भी चलेगा, बस डेट ऑफ बर्थ कन्फर्म होनी चाहिए।
रिलेशन प्रूफ
बर्थ सर्टिफिकेट जिसमें पेरेंट्स का नाम लिखा हो चलेगा, या फिर कोई और लीगल पेपर जो साबित करे कि बच्चा आपका ही है ज्यादा घुमा-फिराकर नहीं।
पते का सबूत (पेरेंट्स/गार्जियन)
बिजली-पानी का बिल, बैंक स्टेटमेंट, राशन कार्ड, पासपोर्ट इनमें से कुछ भी जिसमें पता लिखा हो, ले जाओ।
फोटो
आमतौर पर सेंटर वाले वहीं फोटो खींच लेंगे, लेकिन क्या भरोसा? अपनी तरफ से बच्चे की पासपोर्ट साइज फोटो साथ ले जाना अच्छा रहेगा बेहतर सेफ साइड में रहो।
बायोमेट्रिक डिटेल्स बच्चों के लिए
बच्चों के लिए तो लाइफ सेट है! 5 साल से छोटे बच्चों को ना फिंगरप्रिंट देना, ना आई-स्कैन सिर्फ फोटो और बेसिक डिटेल्स। इससे आसान क्या होगा?
नामांकन कैसे करें?
सेंटर की तलाश किसी भी आधार सेवा केंद्र या परमानेंट एनरोलमेंट सेंटर चले जाओ। लाइन से बचना है तो UIDAI पोर्टल से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर लो स्मार्ट मूव!
प्रोसेस
डॉक्युमेंट्स लेके पहुँचो, अधिकारी वेरिफिकेशन करेंगे, बच्चे की फोटो और डिटेल्स लेंगे। बायोमेट्रिक्स नहीं है, तो काम फटाफट निपट जाएगा।
ब्लू आधार क्यों बनवाएँ?
सीधी बात ब्लू आधार मतलब आपके बच्चे के पास इंडिया लेवल का एक सुपर कूल ऑफिशियल आईडी कार्ड है। 5 साल तक सरकारी स्कीम, हेल्थ सर्विस, बाकी फायदे सब मिलेंगे। और जब बच्चा 5 का हो जाए, फिर बायोमेट्रिक अपडेट करवा दो। बस, हो गया काम!
Who Needs the Blue Aadhaar Card?
ब्लू आधार कार्ड नाम सुनते ही लगता है कुछ खास बच्चों के लिए! दरअसल, ये उन्हीं नन्हे सितारों के लिए बना है जो अभी 5 साल के भी नहीं हुए। यानी, आपके लाडले या लाडली के लिए सबसे पहला और सबसे जरूरी पहचान-पत्र।
अब, मान लीजिए आप पैरेंट्स हैं या कूल अभिभावक, तो जाहिर है चाहते होंगे कि बच्चे को स्कूल में आसानी से एडमिशन मिले, स्कॉलरशिप के चांस खुले रहें, टीकाकरण हो या फिर कहीं घूमने-फिरने का प्लान बने तो डॉक्यूमेंट्स की किच-किच न हो। ऐसे में, ब्लू आधार कार्ड आपके सारे टेंशन का रामबाण इलाज है।
क्यों जरूरी है ये कार्ड?
सीधी सी बात है अगर आपको अपने बच्चे को स्कूल में दाखिल कराना है, सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाना है, या फिर हेल्थ सर्विस, ट्रैवल के लिए उसकी पहचान चाहिए, तो ब्लू आधार कार्ड से बेहतर कुछ नहीं। ये छोटे-छोटे कागजी झमेलों को एक झटके में आसान कर देता है। बच्चे के बचपन में ही उसकी पहचान और एड्रेस का पक्का सबूत एकदम झकास!
Blue Aadhaar vs Regular Aadhaar: Key Differences Explained
अरे भाई, आधार कार्ड के नाम पर बस एक ही चीज़ नहीं मिलती इसके भी बड़े-बड़े वर्ज़न आते हैं! खासकर जब बात आती है छोटे बच्चों की, तो “ब्लू आधार” नाम का क्यूट सा कार्ड आता है, जो छोटे बच्चों के लिए स्पेशल बनाया गया है। चलो, एक-एक करके सब कुछ डिटेल में समझते हैं, ताकि आगे कहीं भी कन्फ्यूजन ना हो।
1. बेसिक फर्क: ब्लू आधार vs. रेगुलर आधार
ब्लू आधार | रेगुलर आधार | |
---|---|---|
आयु समूह | 0-5 साल | 5 साल और उससे ऊपर |
कार्ड का रंग | नीला (ब्लू) | सफेद |
बायोमेट्रिक डाटा | फोटो बस, फिंगर/आंख नहीं | फिंगरप्रिंट और आईरिस दोनों अनिवार्य |
पेरेंट्स से लिंक | हाँ, होना चाहिए | जरूरी नहीं |
कार्ड की वैधता | 5वें जन्मदिन तक | अनिश्चितकालीन (जब तक चाहो) |
अपडेट कब करना | 5 साल पर (बायोमेट्रिक्स जोड़ना), फिर 15 में | सिर्फ जब डिटेल्स बदलें |
प्रमुख उपयोग | बच्चों की योजनाएं, स्कूल, ट्रैवल | हर जगह पहचान-पत्र की तरह |
2. ब्लू आधार क्यों है ज़रूरी?
अब सोचो, 5 साल से कम उम्र के बच्चे उनकी उंगलियां और आंखें इतनी जल्दी बदलती हैं कि मशीनें भी गच्चा खा जाएं। फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन लेना मतलब टाइम वेस्ट! UIDAI ने सोचा, क्यों न बच्चों के लिए पहचान में कोई रुकावट ही न रहे? इसलिए, ब्लू आधार आया जिसमें नाम, फोटो और बाकी डिटेल्स होती हैं, लेकिन बायोमेट्रिक्स नहीं।
ब्लू आधार के फायदे:
- बच्चों को जल्दी-जल्दी स्कूल में एडमिशन मिल जाता है।
- हेल्थ केयर टीकाकरण, अस्पताल, डॉक्टर इन सबमें पहचान की टेंशन नहीं।
- सरकारी योजनाओं का फायदा जल्दी मिल जाता है।
- बैंक अकाउंट खोलना हो, तो भी कार्ड काम आता है।
- पैरेंट्स के साथ सफर करने के लिए केवाईसी (KYC) की बेसिक जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं।
ये कार्ड असल में उन बच्चों का “पहचान-पत्र” है, जिनकी पहचान बनाना खुद उनके लिए मुश्किल है! एक तरह से, ये उनकी लाइफ की पहली आईडी प्रूफ है।
3. ब्लू आधार को रेगुलर आधार में बदलना आसान सा प्रोसेस, पर जरूरी!
अब जैसे ही बच्चा 5 साल का हो गया, कार्ड को भी अपग्रेड करना जरूरी हो जाता है। पेरेंट्स को बच्चे को आधार सेंटर ले जाना होगा, और वहां जाकर फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन करवाना पड़ेगा। ये अपग्रेड बिना किसी एक्सक्यूज़ के करना है, वरना कार्ड बेकार हो जाएगा।
स्टेप्स:
- 5 साल में: बायोमेट्रिक्स जोड़ना (फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन)
- 15 साल में: बायोमेट्रिक्स फिर से अपडेट कराना
ये सब इसलिए ताकि डेटा हमेशा ताजा रहे। लाइफ में कहीं भी पहचान दिखानी हो, तो दिक्कत ना आए।
4. ब्लू आधार के खास मौके
ब्लू आधार सिर्फ कार्ड नहीं, मतलब ये छोटे बच्चों की लाइफ में एंट्री टिकट है:
- स्कूल एडमिशन: स्कूल में दाखिले के लिए डॉक्युमेंटेशन स्ट्रेस फ्री।
- बाल कल्याण योजनाएं: टीकाकरण, सरकारी हेल्थ स्कीम्स, सब में जरूरी।
- बैंक अकाउंट: बच्चा भी बन सकता है अकाउंट होल्डर (विथ गार्जियन, ऑफ कोर्स)।
- डोमेस्टिक ट्रैवल: पेरेंट्स के साथ ट्रैवल के लिए सीमित केवाईसी कोई दिक्कत नहीं।
5. रेगुलर आधार हर जगह लाइफलाइन
अब, जब बात आती है रेगुलर आधार की, तो ये सिर्फ एक कार्ड नहीं पूरी पहचान है।
- पहचान, पता, उम्र तीनों का प्रूफ।
- सरकारी योजनाओं (सब्सिडी, राशन, पेंशन, वगैरह) के लिए जरूरी।
- बैंकिंग, मोबाइल सिम, पासपोर्ट, पैन कार्ड सब जगह आधार चाहिए।
- सरकारी ही नहीं, प्राइवेट कंपनियां भी इसे पहचान के तौर पर मानती हैं।
Benefits of the Blue Aadhaar Card
सरकारी फायदों की सीधी एंट्री
सरकारी स्कीम्स या ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप्स हर जगह आधार कार्ड की डिमांड रहती है। अब बच्चों के लिए आया ये नीला आधार कार्ड, यानी कम उम्र से ही बेधड़क सारे फायदे मिल सकते हैं। लाइन में लगने का झंझट गया, बस कार्ड दिखाओ और गेम ऑन!
स्कूल और हेल्थ सेंटर झटपट पहचान
स्कूल में एडमिशन हो या अस्पताल में इलाज हर जगह पहचान और एड्रेस प्रूफ चाहिए, वरना फाइल इधर-उधर घूमती रहती है। नीला आधार कार्ड लेकर गए, तो सब आसान। कोई अलग से दस्तावेज़ ढूंढने की जरूरत ही नहीं, कार्ड दिखाओ और सीधा एंट्री पास!
यात्रा में भी बन गया सुपरहीरो
देश में घूमना हो? बच्चों के लिए अब टेंशन फ्री यात्रा। पैरेंट्स के आधार के साथ नीला आधार दिखाओ, पहचान का काम झटपट। वरना पहले बच्चों के डॉक्युमेंट्स के नाम पर जो भागदौड़ थी, वो सब एक झटके में खत्म।
What Documents Do You Need to Apply?
कागजातों की चेकलिस्ट थोड़ा क्रिएटिव अंदाज में:
- बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट या फिर हॉस्पिटल से मिली छुट्टी वाली पर्ची (ये दोनों ही उसकी पहचान और उम्र की गवाही देंगे, बिलकुल जासूस स्टाइल में)
- मम्मी-पापा या गार्जियन का आधार कार्ड (भाई, ये तो लिंक करना ही करना है सिस्टम का फेवरेट!)
- माता-पिता/अभिभावक के एड्रेस का सबूत चाहे बिजली का बिल हो, राशन कार्ड, या फिर कोई भी सरकारी प्रूफ, जो भी झोले में पड़े मिल जाए, वही सही
- बच्चे की दो पासपोर्ट साइज फोटो (अगर नामांकन सेंटर वाले खुद फोटो खींच लें, तो बढ़िया, वरना घर से लाना मत भूलना वरना वापस चक्कर लगवाएंगे!)
How to Apply for the Blue Aadhaar Card ?
ऑनलाइन आवेदन करना है? कोई रॉकेट साइंस नहीं, बड़ा ही सिंपल प्रोसेस है
- UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट (uidai.gov.in) खोल लो, मोबाइल या लैपटॉप जो हाथ में हो।
- “मेरा आधार” सेक्शन देखो, उसमें “अपॉइंटमेंट बुक करें” पर क्लिक मारो।
- “नया आधार” चुनो, फिर कैप्चा डालो (थोड़ा ध्यान से, गड़बड़ हो जाती है) और मोबाइल नंबर डाल दो।
- “संबंध” वाले ड्रॉपडाउन में से “बच्चा (0-5 वर्ष)” सेलेक्ट करो, फिर बच्चे और मम्मी-पापा की डिटेल्स डाल दो।
- जो आधार सेवा केंद्र आपके घर के सबसे पास है, वहीं का अपॉइंटमेंट बुक कर लो।
- SRN यानी नामांकन पर्ची नंबर लिख लेना ये खो गया तो बाद में ढूंढते रह जाओगे।
- फिक्स किए गए दिन, सारे डाक्यूमेंट्स पैक करके सेंटर पहुंचो, नामांकन प्रोसेस पूरी करवा लो हो गया काम!
अब ऑफलाइन मोड की बात करें? कोई टेंशन नहीं
- UIDAI पोर्टल से या आस-पड़ोस पूछकर नजदीकी आधार सेवा केंद्र या परमानेंट एनरोलमेंट सेंटर का पता लगा लो।
- सेंटर पहुंचकर नामांकन फॉर्म भर दो बस ये ध्यान देना कि बच्चे की उम्र पांच साल से कम लिखी हो।
- डॉक्युमेंट्स अटैच करो, फॉर्म जमा कर दो।
- सेंटर पर बच्चे की फोटो वहीं खींची जाएगी कोई इंस्टाग्राम पोज नहीं, सीधा कैमरा देखना है।
- नामांकन आईडी या SRN वाला स्लिप मिल जाएगी इसको जेब में रखना, कहीं गिरा मत देना।
- अब बस, 60 दिन के भीतर नीला आधार कार्ड पोस्ट से घर आ जाएगा। और याद रखना, बच्चों के लिए कोई चार्ज नहीं है फ्री का माल है।
तो बस, इतना ही झंझट है। बातें लंबी, काम छोटा आधार बनवाना अब बच्चों का खेल है!
Tracking Your Application and What Happens Next
ऑनलाइन एक झलक मारो बिल्कुल आसान है!
- यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाओ, वहाँ नामांकन जांचें और स्थिति अपडेट करें वाला ऑप्शन पकड़ो।
- अपनी पावती पर्ची पर जो नामांकन आईडी या 28 अंकों वाला एसआरएन लिखा है, वही टाइप कर दो।
- अब देखो क्या चल रहा है, कार्ड की प्रॉसेसिंग कहाँ तक पहुँची, कब आएगा सब सामने दिख जाएगा।
पाँच साल के बाद बायोमेट्रिक्स अपडेट करना
जैसे ही बच्चा पाँच साल का हो जाता है, पार्टी खत्म होते ही उसे आधार नामांकन केंद्र ले जाओ।
फिर से फिंगरप्रिंट्स और आँखों की पुतलियों का स्कैन कराओ यही असली अपग्रेड है!
अब बाल आधार नीले रंग से सीधा रेगुलर आधार में बदल जाता है, वरना पुराना वाला कार्ड तो आउट ऑफ सर्विस ही समझो!
Tips for a Smooth Blue Aadhaar Application
फॉर्म सबमिट करने से पहले, सारी डिटेल्स को एक बार फिर से गौर से देख लो गलती रह गई तो बाद में सिर पकड़ना पड़ेगा!
- नामांकन सेंटर जाते वक्त अपने असली डॉक्युमेंट्स और उनकी फोटोकॉपी साथ रखो, वरना वहां पहुँचकर माथा ठोकना पड़ेगा।
- टाइम पर पहुँच जाओ, लेट हुए तो फिर अपॉइंटमेंट आगे-पीछे करवाने की नई फिल्म शुरू हो जाएगी।
- SRN को संभाल के रखना, ये तुम्हारा टिकट है एप्लिकेशन की पूरी जर्नी ट्रैक करने का।
- अगर पांच साल के बाद बायोमेट्रिक अपडेट नहीं करवा पाए हो तो अब देर मत करो, जल्दी से अपॉइंटमेंट बुक कर डालो वरना काम अटक जाएगा, और फिर पछताना पड़ेगा।
Conclusion
सरकारी दफ्तरों के चक्कर, स्कूल में एडमिशन का झंझट, डॉक्टर के पास भाग-दौड़ या फिर इंडिया घूमने का प्लान सब कुछ आसान बनाना है? बच्चे का नीला आधार कार्ड बनवाना समझदारी से भरा एक छोटा-सा मास्टरस्ट्रोक है! ये बच्चों के लिए बना एक खास वर्ज़न है, जो आपके ही डिटेल्स से जुड़ जाता है, और सबसे मस्त बात स्टार्टिंग में बायोमेट्रिक देने की कोई टेंशन ही नहीं। चाहे इंटरनेट पे क्लिक-क्लिक करके बनवाओ या सीधा सेंटर जाओ प्रोसेस इतनी सिंपल और मुफ्त है कि मम्मी-पापा का आधा सिरदर्द तो वैसे ही गायब!
FAQs
ब्लू आधार कार्ड क्या है
देखो, ब्लू आधार कार्ड, या बाल आधार, छोटे बच्चों यानी 0 से 5 साल के नन्हे-मुन्नों के लिए खास तौर पर बनाया गया है। इसका रंग भी बाकियों से अलग, एकदम नीला! इसमें बच्चे का नाम, उसकी फोटो और माता-पिता का आधार कार्ड लिंक रहता है, ताकि बच्चे की पहचान की कोई कन्फ्यूजन ही न रहे। सबसे मजेदार बात इसमें अभी बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) नहीं लिया जाता, क्योंकि बच्चों की उंगलियां और आंखें तो अभी बदलती रहती हैं। बस नाम, फोटो और पैरेंट्स की डिटेल्स काफी हैं।
ब्लू आधार कार्ड क्यों जरूरी है?
अब सोचो, स्कूल में एडमिशन करवाना है, हॉस्पिटल में कोई डॉक्यूमेंट चाहिए, या फिर किसी सरकारी योजना का फायदा उठाना हो हर जगह पहचान का सबूत मांगा जाता है। छोटे बच्चों के लिए ब्लू आधार एकदम सही है, क्योंकि इसमें सब कुछ क्लीयर रहता है। बैंक अकाउंट खुलवाना हो, बच्चों की पॉलिसी लेनी हो या कहीं सफर करना हो ब्लू आधार हर जगह काम आता है। कई बार तो सरकारी सब्सिडी दिलवाने में भी ये कार्ड तगड़ी मदद करता है। यानी, ये छोटा कार्ड, लेकिन काम बड़े-बड़े!
ब्लू आधार के लिए कौन पात्र है?
सीधा फार्मूला बच्चा अगर 0 से 5 साल का है, तो उसके लिए ब्लू आधार बन सकता है। हां, मगर एक शर्त है माता-पिता या गार्जियन का आधार कार्ड और मोबाइल नंबर पहले से लिंक होना चाहिए। बिना पैरेंट्स का आधार, बच्चे का आधार नहीं बनता। इससे बच्चे और माता-पिता दोनों की पहचान जुड़ जाती है, जो आगे चलकर कई जगह काम आती है।
ब्लू आधार के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट या हॉस्पिटल से मिली डिस्चार्ज स्लिप चलेगी।
माता-पिता का आधार कार्ड तो चाहिए ही, साथ में एड्रेस प्रूफ भी जैसे बिजली का बिल, पासपोर्ट, बैंक स्टेटमेंट, कोई भी एड्रेस वाला डॉक्यूमेंट चलेगा।
और हां, बच्चे की पासपोर्ट साइज वाली एक क्यूट फोटो जरूर ले जाना। फोटो के बिना तो कोई डॉक्यूमेंट बनता ही नहीं!
ब्लू आधार कार्ड कैसे बनवाएं
अब ये काम ऑनलाइन भी होता है और ऑफलाइन भी दोनों ऑप्शन खुले हैं।
ऑनलाइन करना है तो UIDAI की वेबसाइट पर जाओ, अपॉइंटमेंट बुक करो, फिर तय समय पर सेंटर जाओ।
ऑफलाइन वालों के लिए सीधा नजदीकी आधार सेंटर पहुंचो, फॉर्म भरो, डॉक्युमेंट्स दो, और कुछ ही मिनटों में प्रोसेस शुरू!
वैसे, बच्चों के साथ सेंटर जाना थोड़ा टफ लग सकता है, लेकिन वहां के स्टाफ काफी हेल्पफुल होते हैं। बच्चों के साथ थोड़ा खेल-खिलौना लेकर जाना, ताकि फोटो के वक्त वो हंसते रहें!
ब्लू आधार कार्ड की वैधता कितनी है
इसकी वैधता 5 साल की होती है। मतलब, बच्चा जब 5 साल का हो जाता है, तब उसके बायोमेट्रिक्स फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन अपडेट करवाने होते हैं। उसके बाद वही ब्लू आधार अपने आप रेगुलर आधार कार्ड में बदल जाएगा। ऐसे समझो – बच्चा बड़ा हुआ, तो उसका कार्ड भी बड़ा हो गया!
क्या ब्लू आधार बनवाने के लिए कोई फीस है?
बिल्कुल नहीं! एकदम फ्री का माल है ये। कोई फीस नहीं, कोई छुपा हुआ चार्ज नहीं। बच्चों के लिए सरकार की ये एक अच्छी पहल है कम से कम कार्ड बनवाने पर तो जेब ढीली नहीं होगी।
ब्लू आधार कार्ड की स्थिति कैसे चेक करें?
अगर आपको जानना है कि कार्ड बना या नहीं, तो UIDAI की वेबसाइट पर जाइए। वहां 28 अंकों वाला SRN (Service Request Number) या नामांकन ID डालिए, और झट से पता चल जाएगा कि आपका कार्ड कहां तक पहुंचा। वैसे, स्टेटस चेक करना बड़ा आसान है बस इंटरनेट चाहिए।
5 साल के बाद ब्लू आधार कैसे अपडेट करें?
जैसे ही बच्चा 5 साल का हो जाए, उसे नजदीकी आधार सेंटर ले जाइए। वहां फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन कराएंगे, और फिर कार्ड अपने आप रेगुलर आधार बन जाएगा। इसके बाद बच्चा भी बड़ा, उसका आधार भी बड़ा – दोनों की पहचान पक्की!