Tax Benefits

Discover 5 Tax Benefits Under Section 80C That You Shouldn’t Miss

Understanding tax benefits can save you a lot of money. Section 80C offers some of the best ways to cut your taxes legally. This post will show you 5 key benefits under Section 80C you should not miss. Knowing these can help you make smarter financial choices and keep more of your hard-earned money.

Introduction

टैक्स सीज़न आते ही जैसे सबकी सांसें अटक जाती हैं, है ना? लेकिन, मानो या ना मानो, ये उतना डरावना भी नहीं है बस थोड़ी सी होशियारी चाहिए। सही टैक्स-सेविंग तरीके पकड़ लो, तो टैक्स वालों की जेबें नहीं, आपकी जेब भारी रहेगी! अब देखो, हमारे प्यारे भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 80C यानी हर समझदार बंदे का फेवरेट हथियार।

अगर आप सही जगह इन्वेस्ट करो, तो साल भर में टैक्सेबल इनकम को पूरे ₹1.5 लाख तक हल्का कर सकते हो. अब दिमाग में यही घूम रहा होगा यार, कैसे करें? चिंता मत करो! चलो, 80C के बेस्ट 5 टैक्स-सेविंग ऑप्शन पर नजर मारते हैं और देखो, ये कैसे आपकी सेविंग्स में चार चांद लगा सकते हैं।

What is Section 80C?

धारा 80सी नाम सुनते ही कुछ लोग बोर हो जाते हैं, लेकिन असल में ये तो टैक्सपेयर्स के लिए एक जादुई चाबी है। सोचिए, हर साल 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट! बस शर्त ये है कि आपको पैसे सही जगह लगाने हैं।

अब ये “सही जगह” क्या है? बहुत सिंपल भविष्य निधि में डालो, LIC की पॉलिसी ले लो या बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा घुसा दो। बस, इन सब पर 80सी की छूट मिलती है। याद रहे, कुल मिलाकर 1.5 लाख रुपये से ज्यादा इन्वेस्ट कर भी लिया तो एक्स्ट्रा फायदा नहीं मिलेगा।

थोड़े से नियम-कायदे हैं इन्वेस्टमेंट मान्य प्रोडक्ट्स में होना चाहिए और लिमिट का ध्यान रखना पड़ेगा। वरना बाद में टैक्स डिपार्टमेंट का चक्कर लगाना पड़ सकता है। तो बस, गेम के रूल्स समझो और जितना हो सके टैक्स बचाओ सरकार ने ये गिफ्ट फालतू में नहीं दिया है! टैक्स में बेवजह पैसा लॉस करने का कोई शौक नहीं है, है कि नहीं?

Why Should You Maximize Your 80C Deductions?

भाई, 80C का खेल सिर्फ़ टैक्स बचाने तक सिमटा नहीं है ये तो अपने फ्यूचर को फुल-on सिक्योर करने की प्लानिंग है। धारा 80C का पूरा फायदा उठाओ, तो टैक्स तो कम होगा ही, साथ में लंबे टाइम के लिए पैसा भी बढ़ेगा, और वो भी स्मार्ट इन्वेस्टमेंट्स से। सही टैक्स प्लानिंग से ये सब अपने हाथ में है

  • टैक्सेबल इनकम में जबरदस्त कटौती हो जाती है।
  • पैसा ऐसे इन्वेस्टमेंट्स में जाता है, जो सेफ हैं, ऊपर से सरकार की छांव भी है।
  • और हां, कंपाउंडिंग का जादू मत भूलो पैसा खुद पर इंटरेस्ट कमाता है, मतलब पैसा अपने दोस्त बुला लाता है!

1. Employee Provident Fund (EPF)

ईपीएफ की बात करो तो यार, ये हर सैलरी लेने वाले की लाइफलाइन है टैक्स बचाने का सुपरहिट जुगाड़! ये सिर्फ रिटायरमेंट के लिए नहीं है, बल्कि टैक्स के मोर्चे पर भी दमदार खिलाड़ी है। सेक्शन 80C के नाम पर जो छूट मिलती है, वो तो जैसे बोनस है। हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा कटता रहता है, और पता भी नहीं चलता कब जमा-पूंजी का पहाड़ बन गया।

अब बात करते हैं इसकी कुछ धांसू खूबियों की ईपीएफ में जो भी पैसा डालते हो, उस पर सीधा टैक्स में छूट मिलती है। और उस पर ब्याज भी टैक्स फ्री रहता है, अगर पांच साल तक छेड़ा नहीं तो। ऊपर से कंपनी जो अपना हिस्सा डालती है, उस पर भी कटौती मिलती है। मतलब, हर तरफ से फायदे का सौदा।

टैक्स बचाने के लिए ईपीएफ तो जैसे रामबाण है। अपनी और कंपनी दोनों की तरफ से डबल फायदा, ब्याज भी टैक्स फ्री क्या चाहिए जिंदगी में! बस एक बात याद रखना, पांच साल से पहले पैसे निकालने का सोचा तो टैक्स का डंडा पड़ सकता है। बाकी, ईपीएफ के बिना टैक्स बचत की गाड़ी अधूरी है ये तो हर सैलरीड बंदे के लिए ‘मस्ट हैव’ है, भाई!

2. Public Provident Fund (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) नाम तो सुना ही होगा, सरकारी छत्रछाया में पलने वाली वो बचत स्कीम, जिसमें पैसा डालो और टैक्स की झंझट भूल जाओ। ये 80C के नीचे टैक्स बचाने का सबसे सेफ, सबसे भरोसेमंद और, सच कहूं तो, सबसे पॉपुलर तरीका है।

अब इसमें टैक्स-बचत की जादूगरी देखो साल में 1.5 लाख तक आराम से डालो, पूरा अमाउंट सीधे कटौती में मान्य। और जो ब्याज मिलता है? पूरे का पूरा टैक्स-फ्री! सरकार खुद इसकी गारंटी लेती है, तो टेंशन किस बात की?

लॉक-इन है 15 साल का सुनने में लंबा लगता है, लेकिन सोचो तो, फ्यूचर सिक्योर करने का इससे बेहतर तरीका मुश्किल है। रिस्क अलमोस्ट जीरो, गारंटीड रिटर्न, और टैक्स की बचत PPF पुराने से पुराने और नए से नए इन्वेस्टर्स की पहली पसंद है। सच बताऊं, तो इसमें इन्वेस्टमेंट करने में दिमाग लगाना ही नहीं पड़ता!

3. National Savings Certificate (NSC)

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, यानी एनएससी नाम सुनते ही पुराने पोस्ट ऑफिस की खिड़की याद आ जाती है, है ना? ये एकदम क्लासिक फिक्स्ड इनकम स्कीम है, जिसमें आप पैसा डालते हो, और फिर चैन की नींद सो सकते हो। ब्याज दर भी फिक्स अभी के हिसाब से लगभग 6.8% सालाना (कौन जाने कल क्या हो, लेकिन फिलहाल तो यही है)।

सबसे तगड़ा फायदा? सरकार की गारंटी! मतलब पैसा लेकर भाग जाने वाला कोई चांस नहीं। और टैक्स बचाने का मन है, तो भाई, धारा 80C में ये इन्वेस्टमेंट एकदम सुपरहिट है। मज़ेदार बात ये भी है कि एनएससी पर मिलने वाला ब्याज भी 80C के टैक्स बेनिफिट में शामिल हो जाता है यानी एक तीर से दो निशाने।

अब निवेश कैसे करें? कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बस अपने नज़दीकी पोस्ट ऑफिस जाओ, दो-चार कागज़ लेकर, पैसे जमा करो और एनएससी का सर्टिफिकेट ले आओ। एकमुश्त इन्वेस्टमेंट कोई किचकिच नहीं। और जब तक लॉक-इन पीरियड खत्म नहीं होता, तब तक ब्याज भी जुड़ता रहेगा और टैक्स में भी राहत मिलती रहेगी।

सीधी बात है अगर रिस्क से दूर रहना है और टैक्स भी बचाना है, तो एनएससी से बेहतर ऑप्शन मिलना मुश्किल है!

4. Tax-Saving Fixed Deposit (FD)

टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट नाम सुनते ही दिमाग में एकदम सेफ्टी वाली घंटी बज जाती है, है ना? ये एक ऐसा FD है जो धारा 80C के तहत टैक्स कटौती जैसी जादुई छड़ी लेकर आता है। पांच साल की लॉक-इन अवधि मतलब पैसा डाला तो पांच साल भूल जाओ, जैसे पुराने जमाने की गुल्लक में पैसे डालते थे और फिर खोलना भी भूल जाते थे।

ये वैसे लोगों के लिए है जो फाइनेंशियल रोलर-कोस्टर में चढ़ने से डरते हैं जिन्हें चाहिए फुल सिक्योरिटी और गारंटीड रिटर्न। वैसे, कर-बचत FD में फायदा ही फायदा है निश्चित रिटर्न, टैक्स में छूट, और रिस्क? नाममात्र का! हां, ब्याज पर टैक्स लगेगा, लेकिन जो मोटी रकम FD में डाली है, वो कटौती के लिए गिन ली जाएगी।

अगर आप वो इंसान हैं जो कहता है, “मुझे झटके नहीं चाहिए, बस पैसा बढ़ता रहे और टैक्स में भी राहत मिले” तो ये FD आपके लिए ही बना है। रिस्क कम, रिटर्न फिक्स, और पांच साल की चैन की नींद। बस, आगे बढ़ो और सोच-समझकर अपना फैसला लो, क्योंकि यहां सब्र का फल मीठा है!

5. Life Insurance Premiums

जीवन बीमा सिर्फ बोरिंग फाइनेंशियल प्रोडक्ट नहीं है, ये तो असली लाइफ हैक है! मानो, टर्म प्लान हो, एंडोमेंट पॉलिसी या यूलिप इन सबमें प्रीमियम भरते ही आप टैक्स की दुनिया में अपना गेम लेवल अप कर लेते हैं। 80C का जादुई दरवाज़ा खुलता है और कटौती का बोनस मिल जाता है।

अब इसमें कौन-कौन खेल सकता है? आपके नाम पर, आपके पार्टनर और बच्चों के नाम पर दिया गया हर प्रीमियम इसमें फिट बैठता है। टर्म हो या एंडोमेंट दोनों में छूट का स्वाद मिल जाता है। सबसे मज़ेदार बात? बीमा सिर्फ इन्वेस्टमेंट नहीं, बल्कि आपका फैमिली प्रोटेक्शन कवच भी है एक तीर से दो शिकार!

तो सोचिए, जीवन बीमा पोर्टफोलियो में डाला, मतलब टैक्स भी बचाया और अपने अपनों का भविष्य भी सेफ किया। ये कोई मामूली डील नहीं, ये फुलऑन विन-विन सिचुएशन है!

How to Invest in These Tax-Saving Instruments?

धारा 80सी के तहत टैक्स बचाने की बात करें तो तरीका तो सीधा है, बस हर निवेश का अपना-अपना रंग ढंग है। यहाँ टॉप 5 टैक्स-सेविंग ऑप्शन्स के लिए बेसिक स्टेप्स दिए गए हैं एकदम सरल भाषा में, ताकि समझना आसान हो जाए।

  1. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

EPF सीधा सैलरी वाले लोगों की फेवरेट चीज़। हर महीने तनख्वाह से कटता है, कोई झंझट नहीं। ऑफिशियल कामकाज में टेंशन फ्री। अब अगर खुद के लिए या एक्स्ट्रा पैसा डालना है, कोई रोक नहीं—स्वतंत्रता है बॉस!

EPF में पैसे लगाने के स्टेप्स:
नौकरी में हो? तो हर महीने खुद-ब-खुद सैलरी से हिस्सा कट जाएगा, सीधा EPF खाते में जाएगा।
एम्प्लॉयर भी अपनी तरफ से पैसा डालता है इससे सारे फायदे पूरी तरह मिलते हैं। इंटरस्ट हर साल कंपाउंड होता है, और फिर रिटायरमेंट या जब भी नियम के मुताबिक निकालना हो, पैसा मिल जाता है। टैक्स सेविंग का भी मसला है 80C में 1.5 लाख की लिमिट है, उसके अंदर रहो तो फायदा ही फायदा।

  1. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)

PPF नाम सुनते ही दिमाग में लंबी प्लानिंग आ जाती है। किसी भी सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में चले जाओ, KYC दो ID, एड्रेस प्रूफ, फोटो वगैरह फटाफट खाता खुल जाएगा। ब्याज भी बढ़िया और टैक्स का झंझट भी नहीं।

PPF में पैसा डालने के स्टेप्स:
पास के बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाओ, फॉर्म भरो, KYC डॉक्यूमेंट्स साथ ले जाओ। खाता खुलते ही चेक, डिमांड ड्राफ्ट या ऑनलाइन ट्रांसफर जैसा मन करे, वैसे पैसा डालो। साल में 1.5 लाख तक डाल सकते हो, एक साथ या किस्तों में कोई रोक नहीं। 15 साल बाद खाता बंद कर सकते हो या बढ़ा सकते हो, और 7वें साल के बाद जरूरत पड़ी तो थोड़ा पैसा निकाल भी सकते हो।

  1. राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)

NSC सीधा पोस्ट ऑफिस का माल है। फॉर्म भरो, डॉक्यूमेंट दो, और हो गया! सरकार की गारंटी, मतलब रातों की नींद पूरी। 5 या 10 साल के लिए पैसा लॉक, फिक्स रिटर्न, टैक्स में भी छूट क्या चाहिए ज़िंदगी से?

NSC में पैसे डालने के तरीके:
पोस्ट ऑफिस में जाकर फॉर्म भर दो, ID और एड्रेस प्रूफ साथ ले जाओ। जैसे ही प्रोसेस पूरा, सर्टिफिकेट पकड़ लो इसी में सारा फंडा है। इंटरस्ट हर साल कंपाउंड होता है, लेकिन पैसा मिलेगा मैच्योरिटी पर। इमरजेंसी में सर्टिफिकेट किसी और को ट्रांसफर भी कर सकते हो। जो लोग रिस्क से डरते हैं, उनके लिए NSC एकदम मजेदार ऑप्शन है फिक्स्ड रिटर्न, टैक्स सेविंग का मजा।

  1. टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

FD यानी सीधा-साधा, सील्ड डील। पैसा बैंक में डालो, 5 साल तक भूल जाओ, फिर ब्याज के साथ निकालो। बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन जहाँ मन करे, चला जाओ।

FD में इनवेस्टमेंट के स्टेप्स:
अपने बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से मिलो। ID और एड्रेस प्रूफ दो, बस। एकमुश्त या अगर बैंक माने तो किस्तों में पैसा डाल दो। पांच साल तक पैसा लॉक रहेगा, तभी टैक्स में छूट मिलेगी।
ब्याज पर टैक्स लगेगा, लेकिन जो पैसा डाला है वो 80C के तहत छूट पाएगा। अगर फिक्स्ड रिटर्न और सेफ्टी चाहिए, तो FD से बेहतर क्या मिलेगा?

  1. जीवन बीमा प्रीमियम

लाइफ इंश्योरेंस फैमिली का सिक्योरिटी कवच और टैक्स बचाने का सीक्रेट हथियार। टर्म प्लान, एंडोमेंट, ULIP—जो भी फिट लगे, चुन लो, सब पर टैक्स छूट है।

प्रीमियम भरने के आसान स्टेप्स:
पहले सोचो, क्या चाहिए—सिर्फ प्रोटेक्शन या सेविंग्स भी। ऑनलाइन या एजेंट से बात करो, पॉलिसी चूज़ कर लो। मंथली, क्वार्टरली, ईयरली जैसा सूट करे, प्रीमियम भरो। ध्यान रखो, 80C की लिमिट में ही रहना चाहिए, वरना छूट नहीं मिलेगी। पॉलिसी टाइम पर रिन्यू करते रहो, टैक्स बेनिफिट्स और फैमिली दोनों साथ में सेफ। दोनों हाथ में लड्डू फैमिली भी खुश, टैक्स वाला भी खुश!

What Are the Limitations of Section 80C?

अरे, धारा 80सी तो टैक्स बचाने का फेवरेट जुगाड़ है! लेकिन, भाई, इसमें भी कुछ ट्विस्ट और टर्न्स हैं, जो हर किसी को जानना ज़रूरी है वरना बाद में पछताना पड़ेगा।

सबसे बड़ा ट्विस्ट कटौती की लिमिट। चाहे जितना भी EPF, PPF, NSC, टैक्स सेविंग FD, या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम में डुबकी लगा लो, एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये से ऊपर की छूट नहीं मिलने वाली। समझ लो, ये 1.5 लाख की छत है इसके ऊपर सिर मारोगे तो चोट लगेगी, कटौती नहीं मिलेगी। इसलिए, सारे इन्वेस्टमेंट एक साथ जोड़कर ही प्लानिंग करनी चाहिए, वरना बेवजह मेहनत और पैसे दोनों वेस्ट।

अब आते हैं उन निवेशों पर जो 80सी के गेट के बाहर खड़े हैं। जैसे, NPS ये तो अपने लिए अलग धारा 80CCD में बसा है। कुछ स्टॉक या म्यूचुअल फंड्स हैं, जो टैक्स बेनिफिट का झुनझुना नहीं बजाते। मतलब, सिर्फ नाम बड़ा और दर्शन छोटे। इन्वेस्टमेंट करने से पहले डबल चेक कर लो कि वाकई 80सी के क्लब में एंट्री है या नहीं, वरना टैक्स डिपार्टमेंट की नजर से बच नहीं पाओगे।

और लास्ट में, लॉक-इन पीरियड का लफड़ा। कुछ निवेश तो ऐसे हैं कि एक बार पैसे डाल दिए, फिर सालों तक भूल जाओ। PPF के 15 साल—सीधा बालिग होकर ही पैसे मिलेंगे! NSC में भी 5 या 10 साल की गांठ बांधनी पड़ेगी। तो अगर पैसे की जल्दी जरूरत पड़ गई, तो बस इंतजार करो कोई शॉर्टकट नहीं मिलेगा।

तो, 80सी की दुनिया में छलांग लगाने से पहले, ये सारे ट्विस्ट-प्लॉट जरूर समझ लो। वरना कहीं ऐसा न हो कि टैक्स तो बचा लिया, लेकिन फाइनेंशियल प्लानिंग की कहानी अधूरी रह जाए।

Can You Combine These Options for Maximum Tax Savings?

बिल्कुल यार, 80C में सबसे मज़ेदार बात यही है कि आप एक ही बास्केट में सारे अंडे नहीं डालते EPF, PPF, LIC प्रीमियम, NSC… सब मिलाकर 1.5 लाख तक की छूट आसानी से हासिल कर सकते हैं।

मसलन, सैलरी से EPF खुद-ब-खुद कट ही जाता है चलो, ये हो गया। फिर एक PPF अकाउंट खोल लो, उसमें जितना मन करे (और जितना लिमिट हो) डाल दो। दोनों का फायदा जोड़ो टैक्स की कमर तोड़ दी।

दूसरा तरीका? LIC की प्रीमियम भरनी ही है, वो कर दो, साथ में NSC में भी थोड़े पैसे डाल दो। दोनों मिलाकर 1.5 लाख की सीमा तक मज़े से खेलो।

बस याद रहे, कुल मिलाकर 1.5 लाख की लिमिट क्रॉस मत करना, वरना टैक्स वाला चुपचाप जेब काट जाएगा। अलग-अलग निवेश साधन चुनने से न सिर्फ टैक्स बचता है, बल्कि रिस्क भी कम होता है और रिटर्न भी डाइवर्सिफाई हो जाता है।

आखिरकार, 80C के मामले में जितना ज्यादा दिमाग लगाओगे, उतना ज्यादा फायदा बस लिमिट का ध्यान रहे, बाक़ी तो गेम तुम्हारे हाथ में है!

Section 80C and Financial Planning

देखो यार, धारा 80सी फाइनेंस की दुनिया में ऐसी है जैसे ताश के पत्तों में इक्का सही से खेलो, तो जेब भरी रहती है! ये आपकी टैक्सेबल इनकम को सीधा नीचे गिरा देती है, मतलब वही पैसे बचाओ, और उन पैसों से कुछ नया ट्राय करो, चाहे SIP में डालो या कोई और इन्वेस्टमेंट पकड़ लो। लेकिन, टैक्स बचत के चक्कर में अपने लॉन्ग टर्म गोल्स को न इग्नोर कर देना, वरना बाद में पछताना पड़ेगा।

अब बात ये है, असली गेम है शॉर्ट टर्म टैक्स सेविंग्स और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन का बैलेंस। हर कोई 80सी का नाम सुनते ही भागता है टैक्स बचाने, लेकिन सोचो क्या ये वही इन्वेस्टमेंट्स हैं जो आपके रिटायरमेंट या फैमिली के फ्यूचर के लिए भी सही हैं? बस वहीं तो पकड़ है। टैक्स सेविंग्स के साथ-साथ अपने बड़े सपनों की भी केयर करो।

तो जब भी 80सी में पैसे डालो, बस ये देख लो कि वो चैनल्स तुम्हारे फाइनेंशियल गोल्स के साथ मेल खाते हैं या नहीं। टैक्स बचाना है, मगर थोड़ा स्टाइल के साथ सिर्फ पैसे बचाओ मत, स्मार्टली बचाओ!

Conclusion

धारा 80C नाम सुनते ही लगता है जैसे कोई गुप्त खजाना छुपा हो टैक्स की दुनिया में! असल में, ये सेक्शन आपकी इनकम टैक्स को हल्का करने और बचत में चार चाँद लगाने का मास्टर स्ट्रोक है। EPF में पैसा डालो, PPF में इन्वेस्ट करो, या लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरो हर ऑप्शन में कुछ न कुछ दम छुपा है, बस पहचानने की देर है।

सब रास्ते एक बार टटोल लो, कौन सा कॉम्बो आपको सबसे फिट बैठेगा, वो चुनो। बस आँख बंदकर एक ही चीज़ पकड़ने की ज़िद मत करो थोड़ा दिमाग लगाओ, मिक्स एंड मैच की ट्रिक्स आज़माओ। इससे टैक्स का बोझ भी कम होगा और फ्यूचर भी थोड़ा ज्यादा सिक्योर लगेगा।

आखिरकार, 80C का पूरा फायदा उठाना कोई रॉकेट साइंस नहीं बस थोड़ी चालाकी, थोड़ा प्लानिंग और थोड़ी समझदारी चाहिए। टैक्स में बचत करो और फ्यूचर के सपनों के लिए मजबूत बुनियाद तैयार कर लो।

FAQ

धारा 80सी के अंतर्गत अधिकतम कटौती सीमा क्या है?

हर साल बस 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी, इससे ज़्यादा के सपने मत देखना। चाहे जितनी भी जगह पैसा डालो, लिमिट यही है।

क्या मैं ईपीएफ और पीपीएफ दोनों पर कर लाभ का दावा कर सकता हूं?

दोनों में पैसा लगाओ, दोनों 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए लिफाई करते हैं। लेकिन याद रखो, दोनों मिलाकर भी 1.5 लाख की सीमा है। एक्स्ट्रा फायदा नहीं मिलेगा।

क्या कर-बचत वाली सावधि जमा पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य है?

नाम में टैक्स-सेवर है, लेकिन ब्याज पर टैक्स लगेगा ही लगेगा। टैक्स छूट सिर्फ उस रकम पर है जो जमा की, ब्याज पर नहीं। इमोशनल मत हो जाना!

क्या मैं 15 वर्ष से पहले अपने पीपीएफ खाते से पैसा निकाल सकता हूँ?

PPF में 15 साल का लॉक-इन पीरियड है, सीधा-सीधा जवाब। हां, कुछ साल बाद थोड़ा पैसा निकाल सकते हो, मगर लिमिट के साथ। हर बार ATM नहीं है ये!

क्या जीवन बीमा प्रीमियम धारा 80सी के अंतर्गत कर कटौती के लिए पात्र हैं?

खुद, बीवी या बच्चों के नाम का प्रीमियम भरोगे तो 80सी में कटौती मिल जाएगी। किसी और के नाम पर पॉलिसी? उस पर छूट की कोई उम्मीद मत रखना।

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