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Don’t Miss Out: BPSC Offers 7279 Job Openings – Apply by July 28

बिहार वालों, इस बार BPSC Offers ने तो जैसे धमाका ही कर दिया! पूरे राज्य में स्पेशल स्कूल्स के लिए स्पेशल टीचर्स की भर्ती खोल दी है और सीटें भी कोई मामूली नहीं, पूरे 7,279! प्राइमरी से लेकर ऊपर तक, बच्चों के लिए जिनको पढ़ाई में एक्स्ट्रा केयर चाहिए। वैसे, ये कदम देख के तो लगता है अब सच में हर बच्चे के लिए पढ़ाई आसान बनानी है।

अब भर्ती की बात करें, तो मैं यहां वही घिसी-पिटी सरकारी भाषा नहीं बोलूंगा। असली में जानना है ना कौन अप्लाई कर सकता है, पेपर कैसा होगा, फॉर्म कैसे भरे जाते हैं, सब बता दूंगा, अपनी स्टाइल में। और हां, ये सिर्फ नौकरी का मौका नहीं, बल्कि उन बच्चों के लिए चेंज लाने का भी मौका है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। सोचो, पढ़ाई का मैदान अब वाकई सबके लिए खुला है!

BPSC Offers Key Features of the Recruitment

सीटों की डीटेल्स: कितनी पोस्ट्स, किस क्लास के लिए?

  • कुल पोस्ट्स: 7,279
  • कक्षा 1-5: 5,534 सीटें
  • कक्षा 6-8: 1,745 सीटें

जरा सोचिए, इतने सारे बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर! मतलब, यहां वाकई में टीचर्स की कमी की भरपाई की जा रही है। खासकर प्राइमरी सेक्शन (1-5) में सीट्स की तादाद देखके तो यही लगता है कि छोटे बच्चों को एक्स्ट्रा फोकस देने का इरादा है।


योग्यता की बात: कौन-कौन अप्लाई कर सकता है?

कक्षा 1-5 के लिए

  • शैक्षणिक योग्यता:
  • 12वीं में कम से कम 50% नंबर हां, इतनी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी!
  • स्पेशल एजुकेशन में D.El.Ed या B.Ed।
    (सीधा मतलब सिर्फ कोई भी डिग्री नहीं, स्पेशल एजुकेशन में ही होनी चाहिए।)

कक्षा 6-8 के लिए

  • शैक्षणिक योग्यता:
  • ग्रेजुएशन अनिवार्य कोई दो राय नहीं।
  • साथ में, स्पेशल एजुकेशन में B.Ed
    (यहाँ भी, स्पेशल एजुकेशन का टच ज़रूरी है।)

एज लिमिट: कितनी उम्र में मिल सकता है मौका?

  • न्यूनतम उम्र: 18 साल (मतलब, अभी-अभी बालिग हुए हो तो भी फॉर्म भर सकते हो!)
  • अधिकतम उम्र: 47 साल (भले आधी उम्र निकल गई हो, फिर भी मौका है)

ये लिमिट देखकर लग रहा है कि चाहे फ्रेशर हो या एक्सपीरियंस्ड हर किसी को मौका देने का मूड है।


क्यूँ इतनी सख्त क्वालिफिकेशन?

  • बच्चों की जरूरतें, खासकर दिव्यांग बच्चों की, बिल्कुल अलग होती हैं।
  • सोचिए, अगर सही ट्रेनिंग न हो तो क्या वो टीचर उनकी सही मदद कर पाएगा? शायद नहीं।
  • स्पेशल एजुकेशन में डिग्री इसलिए ज़रूरी है, ताकि टीचर सिर्फ किताबें न पढ़ाए, बच्चों के इमोशनल और सोशल पहलू भी अच्छे से समझ सके।

थोड़ा एक्स्ट्रा आखिर ये जॉब है क्या?

  • ये सिर्फ एक जॉब नहीं, बल्कि बच्चों के फ्यूचर को शेप करने का मौका है।
  • जो भी यहाँ चुना जाएगा, उसकी जिम्मेदारी सिर्फ पढ़ाना नहीं, बल्कि बच्चों की जिंदगी में पॉजिटिव चेंज लाना भी है।
  • वैसे भी आजकल स्पेशल एजुकेटर्स की डिमांड बढ़ रही है तो अगर आपके पास जरूरी डिग्री और जज़्बा है, तो ये मौका मिस ना करो!

संक्षेप में अगर आपके अंदर बच्चों के लिए पैशन है, और क्वालिफिकेशन मैच करती है, तो तैयारी शुरू कर दो। इतना बड़ा मौका बार-बार नहीं मिलता!

Selection Process and Exam Pattern

BSSTET की चयन प्रक्रिया: सीधा-सपाट, बिना घुमावदार बातें


1. प्रक्रिया की झलक

  • लिखित परीक्षा:
    सबसे पहले, कैंडिडेट्स को लिखित एग्ज़ाम से दो-दो हाथ करने पड़ते हैं।
  • डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन:
    अब जब पेपर क्लियर किया, तो सीधा अपने कागज-पत्तर लेकर पहुँच जाओ।
  • इंटरव्यू? कौनसा इंटरव्यू!
    हाँ भाई, यहाँ कोई इंटरव्यू-वंटरव्यू का चक्कर नहीं है सीधा रिज़ल्ट, सीधा सिलेक्शन।
  • कंफ्यूजन का कोई स्कोप नहीं, सब कुछ ट्रांसपेरेंट।

2. लिखित परीक्षा का फुल डिटेल

  • कुल सवाल:
    150 सवाल काफी है, कम नहीं!
  • समय सीमा:
    पूरे 2.5 घंटे (यानि 150 मिनट) मतलब हर सवाल के पीछे भागने की जरूरत नहीं, थोड़ा दिमाग लगाओ।
  • सेक्शन-वाइज ब्रेकडाउन:
  • भाषा (इंग्लिश + हिंदी/उर्दू/बांग्ला): 30 सवाल
  • जनरल स्टडीज: 40 सवाल
  • स्पेशलाइज्ड सब्जेक्ट: 80 सवाल (यानी असली दिमाग यहीं लगाओ, टीचिंग के हिसाब से)
  • सवालों का टाइप:
    सारे के सारे ऑब्जेक्टिव, मतलब टिक मार्किंग। निबंध लिखने की टेंशन नहीं।

3. नेगेटिव मार्किंग? भूल जाओ!

  • कोई माइनस प्वाइंट नहीं:
    अंदाज़ा मारो, कोई डर नहीं।
  • फालतू टेंशन का झंझट नहीं:
    गलत हो गया तो भी कोई नहीं पूछेगा पॉइंट कटेंगे नहीं।
  • स्ट्रैटेजी:
    जो भी आता है, टिक करो। जो नहीं आता, वहाँ भी किस्मत आज़माओ शायद लग जाए।

4. क्यों है ये तरीका खास?

  • हर एंगल से टेस्ट:
    लैंग्वेज, जनरल नॉलेज, और सब्जेक्ट तीनों में पकड़ चेक।
  • टीचिंग के लिए सॉलिड कैंडिडेट:
    यहाँ सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, प्रैक्टिकल सेंस और सब्जेक्ट में पकड़ भी देखी जाती है।
  • सबको बराबरी का मौका:
    कोई इंटरव्यू के कारण घबराने वाला मामला नहीं पेपर अच्छा गया तो सिलेक्शन पक्का।

5. कुछ काम की सलाह

  • फालतू के डर को बाय-बाय:
    नेगेटिव मार्किंग नहीं है, तो सोचने की जरूरत नहीं कि खाली छोड़ें या नहीं।
  • प्रैक्टिस ज़रूरी:
    टाइम मैनेजमेंट और तेज़-तर्रार टिकिंग यही काम आएगा।
  • सबसे भारी सेक्शन पर ध्यान दो:
    80 सवाल वाला सब्जेक्ट पार्ट, यहीं से पास-फेल का फैसला होगा।

6. अंत में, एक छोटी सी बात

BSSTET का ये पूरा सिस्टम ऐसा है कि अगर तैयारी ईमानदारी से की है, तो डरने की जरूरत नहीं। इंटरव्यू का लोड नहीं, नेगेटिव मार्किंग का डर नहीं बस पेपर में दिमाग और दिल दोनों लगाओ। और हाँ, थोड़ा किस्मत भी साथ हो तो मज़ा ही आ जाए!

Application Process

ऑनलाइन आवेदन: अब सरकारी फॉर्म भरना कोई रॉकेट साइंस नहीं!


1. ऑफिशियल पोर्टल्स – कहां जाएं?

ये दोनों वेबसाइट्स अब आपके सरकारी नौकरी के सपनों की पहली सीढ़ी हैं। पुराने जमाने के सरकारी दफ्तरों के चक्कर और लाइनें, अब इतिहास बन चुके हैं।


2. डिजिटल प्रोसेस सबकुछ मोबाइल पर, घर बैठे

  • रजिस्ट्रेशन:
    सबसे पहले, एकदम सिंपल रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता है। नाम, डेट ऑफ बर्थ, मोबाइल नंबर वही रटी-रटाई चीज़ें।
  • आवेदन फॉर्म सबमिट करना:
    रजिस्टर कर लिया? अब पूरा फॉर्म भर दो। थोड़ा ध्यान से, क्योंकि गलती का कोई स्कोप नहीं है ऑनलाइन है, भाई!
  • डॉक्युमेंट्स अपलोड:
    मार्कशीट, आईडी प्रूफ, फोटो – सब स्कैन करके अपलोड करना है। अब ये मत पूछना कि स्कैनर कहां मिलेगा, मोबाइल से फोटो भी चलेगी!
  • फीस पेमेंट:
    फीस? हां, भाई! ये भी ऑनलाइन UPI, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, जो मर्जी। कैटेगरी के हिसाब से ₹150 से ₹650 तक की फीस है।
  • रसीद का रिकॉर्ड:
    पैसे दिए? स्क्रीनशॉट या पीडीएफ बचा लो, बाद में सिस्टम से रिसिप्ट भी मिल जाएगी। रिसिप्ट का स्क्रीनशॉट है तो आधी टेंशन वैसे ही खत्म।

3. फायदे – Why Go Digital?

  • सरकारी चक्कर खत्म:
    अब कोई बाबू के आगे-पीछे घूमना नहीं।
  • टाइम की बचत:
    घर बैठे फॉर्म भरो, ऑफिस में बॉस को पता भी नहीं चलेगा।
  • सिस्टम में पारदर्शिता:
    सब कुछ ट्रैक हो जाता है किसने कब क्या सबमिट किया, कौन पीछे रह गया।
  • हर किसी के लिए आसान:
    छोटे शहर, गांव या बड़े शहर सबके लिए एक जैसा मौका। बस इंटरनेट चाहिए, बाकी सब हो जाता है।

4. थोड़ी हकीकत क्या सच में सब आसान है?

देखो, डिजिटल प्रोसेस सुनने में जितना आसान लगता है, उतना कभी-कभी होता नहीं। इंटरनेट स्लो हो, सर्वर डाउन हो, या बार-बार “error 404”—ये सब झेलना पड़ सकता है। पर हाँ, फिर भी पुराने तरीके से तो लाख गुना बेहतर है। और अब तो लोग बैंकिंग से लेकर शादी तक सब ऑनलाइन कर रहे हैं, तो नौकरी के लिए ये छोटा-मोटा ऑनलाइन फॉर्म कौनसा बड़ा टास्क है?


5. Bottom Line

सरकारी नौकरी के फॉर्म भरने का तरीका अब पूरी तरह बदल चुका है। न कोई लाइन, न कोई बाबू की चिकचिक। बस मोबाइल उठाओ, वेबसाइट खोलो और फॉर्म भरके गेम खेलो क्योंकि असली गेम तो अब सिस्टम के खिलाफ नहीं, सिस्टम के साथ है!

Conclusion

2025 की BPSC स्पेशल टीचर भर्ती बिहार में शिक्षा का असली ‘Plot Twist‘! समावेशी शिक्षा की बात तो सब करते हैं, लेकिन अबकी बार सच में कुछ नया पक रहा है। पात्रता-वात्रता सब एकदम ट्रांसपेरेंट, कोई गड़बड़झाला नहीं। आवेदन प्रोसेस? इतना सिंपल कि जैसे इंस्टा पोस्ट डालना हो बस क्लिक करो, हो गया।

अगर दिल में टीचर बनने की ख्वाहिश है, तो नोटिफिकेशन ध्यान से पढ़ो एक-एक लाइन, जैसे मम्मी WhatsApp फॉरवर्ड पढ़ती हैं। डेडलाइन मिस कर दी तो फिर वही पुरानी कहानी ‘अगर-लेकिन-काश’ वाली। BSSTET की तैयारी में पूरी जान लगा दो, भाई। ये मौका हाथ से निकला तो फिर शायरी करते रह जाओगे “काश उस दिन फॉर्म भर दिया होता…” बिहार की स्पेशल एजुकेशन में चमकने का टाइम है, पीछे मत हटना!

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