e-Passport
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Everything You Need to Know About India’s e-Passport: How to Apply, Who’s Eligible, and Key Advantages

India now offers an e-passport that makes travel easier and faster. This guide explains how to apply, who is eligible, and the main benefits of the e-passport. Whether you are applying for the first time or renewing your passport, you’ll find all the key details here. Learn what steps to take, who qualifies, and why switching to an e-passport can make your trips smoother.

कोई शक नहीं, क्रिएटिविटी का तड़का लग चुका है! भारत ने पासपोर्ट की दुनिया में ले ली है बड़ी छलांग अब पुराना बोरिंग पासपोर्ट नहीं, बल्कि हाई-फाई ई-पासपोर्ट। सोचो, उस पुराने नीले कवर में अब एक स्मार्ट चिप चुपचाप बैठी है, तुम्हारे सारे बायोमेट्रिक और पर्सनल राज़ छुपाए हुए। जैसे मानो पासपोर्ट के अंदर छोटा सा जासूस हो RFID चिप

मिनिस्ट्री ने 1 अप्रैल 2024 को अपना नया पासपोर्ट सर्विस 2.0 प्रोग्राम लॉन्च किया पहले तो बस ट्रायल था, अब तो कई सेंटर्स पर मिल भी रहा है! और भाई, 2025 तक तो हर जगह यही मिलेगा। जरा इमैजिन करो, एयरपोर्ट पर लाइन में खड़े हो, और तुम्हारा पासपोर्ट खुद ही इंटेलिजेंट बन के तुम्हारा रास्ता आसान कर दे।

बाकी, इसमें क्या कमाल है, कैसे काम करता है आगे पढ़ते जाओ, मज़ा आएगा!

What is an e-Passport?

भाई, ई-पासपोर्ट को समझने के लिए दिमाग में वो पुराने ज़माने के पासपोर्ट का इमेज रखो जिसमें दस पन्ने, हर पेज पर इंक की मुहर, और फोटो ऐसी कि खुद आपकी मम्मी भी दो बार देखे। अब उस कागज़ी पासपोर्ट को छोड़ो, और ज़रा सोचो, अगर टॉनी स्टार्क पासपोर्ट बनाता तो कैसा दिखता? जी हां, ई-पासपोर्ट उसी लाइन का प्रोडक्ट है सीधा भविष्य से टपका हुआ।

इसमें जो RFID चिप लगी है न, वो किसी जेम्स बॉन्ड मूवी के गिज़्मो से कम नहीं। इस छोटी-सी चिप में आपकी पूरी कुंडली फिट है नाम, फोटो, बर्थ डेट, फिंगरप्रिंट, आंखों का स्कैन, सब घुसा हुआ। अब पन्ने पलटने का झंझट ही नहीं, सीधा चिप स्कैन और आपकी पहचान सामने। और ये कोई बच्चों का खेल नहीं, इंटरनेशनल लेवल की एन्क्रिप्शन लगी है यानी डेटा को खोलना मतलब चाबी नहीं, सीधा जादूगर चाहिए।

अब सोचो, पहले एयरपोर्ट पर लाइन में लगे-लगे चाय की तलब लग जाती थी। इमिग्रेशन वाले हर पन्ने पर स्टैम्प, फोटो देखकर शक की निगाह, कभी-कभी तो खुद पर भी शक होने लगे! ई-पासपोर्ट के जमाने में ये सब क्रिस्टोफर नोलन के पुराने सीन की तरह फील होता है। स्पेशल स्कैनर आया, पासपोर्ट दिखाया, चिप स्कैन हुई, झटपट आपकी डिटेल्स सामने ना लंबा इंतज़ार, ना कोई गड़बड़। टेक्नोलॉजी ने सबकुछ स्पीड में डाल दिया, जैसे इंटरनेट की स्लो स्पीड से अचानक 5G पर शिफ्ट हो गए।

अब सिक्योरिटी के मामले में बात करें, तो ये चिप किसी बैंक वॉल्ट से कम नहीं। आपके डेटा पर ऐसा तगड़ा ताला लगा है कि हैकर भी सिर खुजाता रह जाएगा। पासपोर्ट कवर पर जो गोल्डन आइकॉन चमकता है, वो छोटा-सा लोगो नहीं, स्टेटमेंट है भाई, ये कोई मामूली पासपोर्ट नहीं, ये फुल ऑन स्मार्ट अवतार है।

अब सोचो, अगर कोई आपके पासपोर्ट की कॉपी बनाना चाहे, तो पहले तो उसके इरादे पर शक करो, फिर कसम से, उसकी हालत उस बंदे जैसी होगी जो पुराने जमाने का ताला खोलने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर लेके आ गया। इतने तगड़े सिक्योरिटी फीचर कि डेटा चोरी-वोरी नामुमकिन है कोशिश कर लो, मज़ा नहीं आएगा!

और असली फरक? अब पासपोर्ट सिर्फ ट्रैवल डॉक्यूमेंट नहीं, ये आपकी डिजिटल पहचान बन गया है। मतलब, फ्यूचर में हो सकता है कि एयरपोर्ट पर फेस स्कैन हो, और आप हाथ में पासपोर्ट लिए बस स्टाइल मारते निकल जाओ।

तो कुल मिलाकर, ई-पासपोर्ट वो लेवल की चीज़ है जिसमें भविष्य की झलक है। जैसे पुराने जमाने की चिट्ठी को छोड़कर व्हाट्सएप पर आ गए, वैसे ही ये पासपोर्ट भी एक जमाने का तगड़ा अपग्रेड है स्टाइलिश, हाई-टेक, और सिक्योरिटी में एकदम बुलेटप्रूफ। तो जब अगली बार पासपोर्ट हाथ में लो, थोड़ा मार्वल वाला बैकग्राउंड म्यूज़िक बजाओ क्योंकि भाई, अब आप सिर्फ ट्रैवल नहीं कर रहे, आप फ्यूचर ट्रैवलर हो!

Key Features of India’s e-Passport

ई-पासपोर्ट की बात ही अलग है, भाई! ऊपर से तो वही जाना-पहचाना मैरून रंग, वही 10 साल की वैलिडिटी जैसे पुरानी जीन्स जो हर किसी की वार्डरोब में है, आरामदायक और भरोसेमंद। लेकिन, असली धमाका तो इसके अंदर है। अब कवर के पीछे छुपी है एक RFID चिप, जो 64KB डेटा समेटे बैठी है मतलब, आपकी सारी डीटेल्स, फोटो, फिंगरप्रिंट, शायद आपकी पसंदीदा चाय तक डाल दो तो भी जगह बच जाएगी!

और ये चिप कोई मामूली चिप नहीं ये कॉन्टैक्टलेस है। मतलब, पुराने जमाने जैसा नहीं कि फाइलों के ढेर में पासपोर्ट खोले-घिसे जाएं। अब बस स्कैनर के पास ले जाओ, और झट से डेटा ट्रांसफर। कोई झंझट नहीं, कोई लाइन में लंबा इंतजार नहीं सीधे फास्ट-ट्रैक, जैसे मूवी में VIP एंट्री मिल गई हो!

अब थोड़ा इंटरनेशनल टच भी है इसमें। ICAO के ग्लोबल स्टैंडर्ड्स फॉलो करता है, तो लंदन हो या लॉस एंजेलिस, हर जगह मान्य। ऊपर से उस गोल्डन चिप का सिंबल कवर पर चमकता है, जैसे हीरो की छाती पर सुपरमैन का लोगो। और हाँ, नई सिक्योरिटी प्रिंटिंग भी है, जिसमें इतनी बारीकी है कि नकली पासपोर्ट बनाने वाले भी माथा पकड़ लें।

टेक्निकल लफड़े की बात करें, तो इसमें PKI सिस्टम है मतलब, हर चिप का अपना डिजिटल सिग्नेचर। बॉर्डर वाला अफसर झट से पकड़ लेगा कि पासपोर्ट असली है या कोई लोकल जुगाड़। कोई दूसरा चिप का डेटा कॉपी कर भी ले, तो भी बेकार सॉफ्टवेयर तुरंत पहचान लेगा। सीधा कहें तो, आपकी पहचान अब सुपर-सिक्योर लॉक में है, जिसकी चाबी सिर्फ सरकारी अफसरों के पास है।

बाकी पुरानी चीजें पेज, वीज़ा की टिकट, स्टैम्पिंग सब वैसे ही हैं। फर्क बस इतना है कि अब ये पासपोर्ट एक दमदार अपग्रेड है। एक ही डॉक्यूमेंट में पर्सनल डीटेल्स, बायोमेट्रिक्स, और सिक्योरिटी तीनों का तड़का। एयरपोर्ट पर लाइन छोटी, इमिग्रेशन फटाफट, और आप सफर के लिए रेडी।

Launch Timeline and Rollout Plan

भारत ने 1 अप्रैल, 2024 को जब ई-पासपोर्ट लॉन्च किया, तो भाई, ये बस एक सरकारी प्रक्रिया नहीं थी ये तो मानो डिजिटल इंडिया के सपनों को असली पंख लगने जैसा था। शुरूआत की बात करें तो, नागपुर और भुवनेश्वर जैसे कुछ चुनिंदा शहर ही थे जहाँ ये “पायलट प्रोजेक्ट” लॉन्च किया गया। सरकार ने भी सोचा, पहले थोड़ा टेस्टिंग-वेस्टिंग कर लें, फिर पूरी रफ्तार पकड़ेंगे। और वैसे भी, हम इंडियन्स बिना ट्रायल के सीधा फुल स्पीड में rarely जाते हैं!

अब देखो, जैसे ही सब कुछ स्मूद चला कोई बड़ा बवाल नहीं हुआ, सिस्टम भी सही चला तो सरकार ने बाकी बड़े RPO में भी ई-पासपोर्ट का जादू फैलाना शुरू कर दिया। 2025 तक, गिनती करो तो दर्जनों passport seva kendra (PSK) इस नए जमाने के चिप वाले पासपोर्ट थमा रहे हैं। और ये कोई छोटा-मोटा बदलाव नहीं है, भाई! अब टारगेट है कि 2025 के मिड तक हर एक PSK पर ये सुविधा मिलनी चाहिए।

चेन्नई की बात करें, तो वहाँ का RPO तो रिकॉर्ड ही तोड़ रहा है। मार्च 2025 में इन्होंने 20,000 से भी ज्यादा ई-पासपोर्ट जारी कर दिए मतलब, कोई मजाक थोड़ी है! लगता है जैसे पूरा शहर इंटरनेशनल ट्रिप्स पर निकलने की तैयारी में है।

अब एक बात बताऊँ, अगर आपने हाल ही में पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया है, तो Chances हैं कि आपको “चिप वाला पासपोर्ट” का ऑप्शन दिखा होगा। ये नया पासपोर्ट देखने में भी थोड़ा sci-fi सा लगता है कोना पकड़ो, तो फील ही अलग है। वैसे, ये रोलआउट चल रहा है, पर एकदम पलक झपकते सब कुछ नहीं बदलने वाला। इंडिया है, भाई, यहाँ हर चीज़ step by step ही चलती है: पहले बड़े शहर, फिर स्टेट कैपिटल, फिर गाँव-देहात तक पहुँचने में टाइम लगेगा।

सरकार भी फुल कॉन्फिडेंस में है 2025 के एंड तक हर पासपोर्ट ऑफिस में ई-पासपोर्ट की सुविधा आ जाएगी। और पुराने वाले ब्लू पासपोर्ट? वो भी अभी चलते रहेंगे, tension मत लो! कोई अचानक से आपके पुराने पासपोर्ट को out of syllabus नहीं कर रहा।

Who is Eligible for an e-Passport?

चलो, अब थोड़ा डीटेल में घुसते हैं सीधा-सीधा नहीं, थोड़ा मसाला डालकर!

तो देखो, ई-पासपोर्ट की कहानी वैसे तो सीधी है, लेकिन थोड़ा समझो तो मजा ही आ जाएगा। अगर आपके पास इंडियन पासपोर्ट के लिए जरूरी कागज-पत्तर हैं ID प्रूफ, एड्रेस, उम्र वगैरह तो भाई, आप VIP नहीं तो भी ई-पासपोर्ट के लिए एकदम रेडी हो। कोई स्पेशल क्लास या सुपरहीरो बनना नहीं पड़ता। इंडियन सिटीजन हो, चाहे दिल्ली के हो या डिंडोरी के, सब बराबर हैं यहाँ। जन्म से, वंश से, या फिर “चलो इंडिया बसते हैं” वाले नैचुरलाइजेशन से सबको हक है।

अब थोड़ा ट्विस्ट है, और यही असली मजेदार बात है हर PSK (पासपोर्ट सेवा केंद्र) पे ये फैंसी ई-पासपोर्ट नहीं मिल रहा अभी। कुछ चुनिंदा ऑफ़िस ही हैं जहाँ ये तगड़ा डिजिटल सिस्टम लगा हुआ है। आप अगर ऐसे सेंटर पर पहुँच गए, तो समझो आपकी किस्मत चमक गई नया पासपोर्ट सीधा ई-पासपोर्ट के रूप में मिलेगा, जिसमें चिप वगैरह लगी होगी, एकदम इंटरनेशनल लेवल की फीलिंग आएगी। मतलब, सिक्योरिटी भी ज्यादा और स्टाइल भी! और अगर आपके शहर का PSK अभी ‘old-school’ है, तो फिलहाल वही पुराना पासपोर्ट मिलेगा, लेकिन जल्दी ही सब जगह अपग्रेड होने वाला है। भारत में टेक्नोलॉजी धीरे-धीरे आती है, लेकिन जब आती है, तो धूम मचा देती है।

अब सोचो, एक जमाना था जब पासपोर्ट बनवाना मतलब—लंबी लाइन, हजार चक्कर, और ऊपर से “चार फोटो, दो फॉर्म, तीन सिग्नेचर” का झंझट। अब ई-पासपोर्ट के साथ सब कुछ डिजिटल, चुटकियों में काम। अगर आप ट्रैवल लवर हैं या फिर “यार, विदेश घूमना है” वाली लिस्ट बना रखी है, तो ई-पासपोर्ट आपके लिए बोनस है। और हाँ, छोटा-बड़ा, बच्चा-बूढ़ा, सरकारी अफसर या आम आदमी जिसके पास पुराने पासपोर्ट के लिए एलिजिबिलिटी थी, वही सब ई-पासपोर्ट के लिए भी फिट हैं। कोई VIP लाइन नहीं, कोई अलग रूल नहीं जो अप्लाई करेगा, वही पाएगा (बस आपके PSK में अपग्रेड हो चुका हो)।

थोड़ा सा सिरदर्द अभी है चेक करना पड़ेगा कि आपके नजदीकी PSK में ई-पासपोर्ट सिस्टम लगा है या नहीं। लेकिन ये भी टेंपरेरी है, कुछ महीनों में हर जगह मिलेगा। फिर तो बस एक ही सवाल बचेगा कितनी जल्दी विदेश घूमने निकलना है?

How to Apply for an e-Passport in India

ई-पासपोर्ट बनवाने की बात आते ही लोगों के चेहरे पर टेंशन वाली शिकन आ जाती है लेकिन भैया, ये 2025 है! यहां सब कुछ ‘क्लिक’ में हो जाता है, यहां तक कि पासपोर्ट भी। अब सरकारी दफ्तर के बाहर लंबी लाइनें लगाने का ज़माना गया, अब तो बस इंटरनेट चाहिए और थोड़ा धैर्य (और, हाँ, सही-सही डिटेल्स भरना मत भूलना वरना चक्कर पे चक्कर लगेंगे)।

1. रजिस्ट्रेशन डिजिटल दुनिया में पहला कदम:
सोचो, ये बिल्कुल वैसा है जैसे कोई नया गेम खेलने के लिए अकाउंट बनाना पड़ता है। passportindia.gov.in खोलो, नए यूज़र हो तो अकाउंट बनाओ, पुराने खिलाड़ी हो तो सीधा लॉग इन करो। ये पोर्टल है तुम्हारा मिशन कंट्रोल सेंटर यहीं से सब कुछ चलेगा। भूल गए पासवर्ड? डोंट वरी, ‘फॉरगॉट पासवर्ड’ वाला बटन तुम्हारा दोस्त है!

2. फॉर्म भरना सच बोलो, वरना पकड़े जाओगे:
अब शुरू होता है असली खेल। “नया पासपोर्ट” या “रिन्यू” जो भी तुम्हारी कहानी है, वो सिलेक्ट करो। डिटेल्स भरना मज़ाक नहीं है नाम, पता, डेट ऑफ बर्थ, पापा का नाम, यहाँ तक कि कहाँ-कहाँ घूमे हो, सब पूछेंगे। अब ये भी सच-सच भरो, क्योंकि सिस्टम अब इतना स्मार्ट हो गया है कि झूठ पकड़ लेगा! और हां, डिटेल्स भरते वक्त कोई ‘क्रिएटिव राइटिंग’ मत करना सरकार को असली सच चाहिए, फिक्शन नहीं।

3. फीस बिना इसके कुछ नहीं चलता:
चलो, सब भर दिया, अब आती है फीस की बारी। ये वो स्टेज है जहां लोग UPI-कार्ड नेट बैंकिंग की जुगाड़ लगाते हैं। पैसे जमा करोगे तो ही आगे बढ़ोगे, वरना प्रोसेस वहीं अटक जाएगी। पेमेंट के बाद थोड़ा रिलैक्स कर सकते हो, क्योंकि आपने आधी जंग जीत ली है।

4. अपॉइंटमेंट समय है बुकिंग का:
अब सिस्टम बोलेगा “कब आओगे?” यहां थोड़ा दिमाग लगाओ, भीड़ कम हो तो सुबह-सुबह का टाइम चुन लो। पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) या पोस्ट ऑफिस PSK जहां भी फ्री स्लॉट मिले, पकड़ लो। अपॉइंटमेंट की डेट मिल गई, तो SMS/ईमेल पर रेफरेंस नंबर टपक जाएगा इसे संभाल कर रखना, यही तुम्हारा एंट्री पास है।

5. PSK विजिट यहाँ से असली एक्शन शुरू:
अपॉइंटमेंट वाले दिन अपने ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स (पता, उम्र, फोटो, और उनकी फोटोकॉपी वगैरह) ले कर PSK पहुँचो। वहाँ तुम्हारा छोटा सा फोटोशूट होगा फोटोग्राफर की तरह पोज़ देने की ज़रूरत नहीं, सीधा कैमरा के सामने बैठ जाओ। फिर फिंगरप्रिंट लेंगे, और डॉक्युमेंट्स चेक करेंगे। सरकारी अफसर पूछ सकते हैं, “भैया, ये एड्रेस प्रूफ ले आए हो?” तो सब कुछ फोल्डर में रख के ले जाना, वरना लाइन में दोबारा लगना पड़ेगा।

6. पुलिस वेरिफिकेशन थोड़ा थ्रिल जरूरी है:
अब थोड़ा थ्रिल आता है पुलिस वेरिफिकेशन! कुछ लोग सोचते हैं पुलिस आ गई तो गड़बड़ है, लेकिन असल में वो बस चेक करते हैं कि तुम वही हो जो फॉर्म में लिखा है। कभी-कभी फोन पर भी पूछ लेते हैं, “भैया, घर पे ही हो?” कोई डर नहीं, बस डॉक्युमेंट्स दिखाओ और चाय ऑफर कर दो (ये मज़ाक है, पर क्या पता काम बन जाए!)।

7. पासपोर्ट डोरस्टेप डिलीवरी, अमेज़न स्टाइल:
जब पुलिस भी कह दे “सब सही है”, तब पासपोर्ट ऑफिस अपना जादू दिखाता है। तुम्हारा नया, चमचमाता ई-पासपोर्ट प्रिंट हो जाता है और स्पीड पोस्ट से सीधा घर पे पहुँचता है। ट्रैकिंग SMS भी आ जाएगा उसी दिन से घरवालों के पासपोर्ट कब आ रहा है, यही सवाल शुरू हो जाएंगे!

स्पेशल टिप:
ई-पासपोर्ट के लिए कोई अलग फॉर्म या अलग लाइन नहीं है। प्रोसेस वही है, बस अगर तुम्हारे वाले रिजन में ई-पासपोर्ट मिलना शुरू हो गया है, तो पोर्टल खुद-ब-खुद वही तैयार कर देगा। मतलब, कोई एक्स्ट्रा जुगाड़ या रिश्वत की ज़रूरत नहीं है।

सीक्रेट हैक:
अपनी डॉक्युमेंट्स की एक सेट फोटो खींच लो या Google Drive में सेव कर लो, कभी भी काम आ सकता है। और हाँ, फ्रेंड्स या फैमिली में किसी को ये प्रोसेस समझ नहीं आ रही, तो उनको ये गाइड भेज देना वरना वो फिर से पूछेंगे, “भैया, पासपोर्ट कैसे बनता है?”

Documents Required for e-Passport Application

अरे भाई, पासपोर्ट का चक्कर तो बड़ा ही दिलचस्प है ऐसा नहीं कि बस फोटो खिंचवा लो और मिल गया! यहाँ जरा कागज-पत्रों का पूरा तामझाम है, और हर चीज़ में थोड़ा-सा ट्विस्ट भी छुपा होता है।

सबसे पहले जन्म तारीख का सबूत। अब ये मत सोचो कि कोई भी आईडी पकड़ा दोगे और काम बन जाएगा। अगर आप 1 अक्टूबर 2023 के बाद वाले ब्रांड न्यू बच्चे हो, तो सिर्फ और सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र ही चलेगा कोई जुगाड़ नहीं चलेगा भाई! बाकियों के लिए थोड़ा लचीलापन है, पैन कार्ड, सरकारी आईडी, इनमें DOB लिखा है तो बेधड़क ले जाओ। वैसे, कई बार लोग स्कूल सर्टिफिकेट भी ले आते हैं, वो भी चल सकता है अगर बाकी डॉक्युमेंट मिसिंग हैं लेकिन, रिस्क तो खुद का ही है।

अब पते का सबूत ये तो हर कोई पूछता है जैसे मोहल्ले में नया किरायेदार आया हो! आधार कार्ड तो पासपोर्ट वालों का फेवरेट है, पर अगर किसी ने अब तक नहीं बनवाया, तो ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, बिजली का बिल, या बैंक पासबुक भी चलेगी। हाँ, बिजली बिल या बैंक पासबुक ले रहे हो तो ध्यान रखना, काफी नया होना चाहिए, वरना पूछेंगे ‘इतना पुराना कागज क्यों लाए हो?’

और हाँ, री-इश्यू करवाना है मतलब पुराना पासपोर्ट एक्सपायर हो गया या गुम हो गया? तो उसके पहले और आखिरी पन्ने की कॉपी साथ रखना, नहीं तो वहाँ खड़े-खड़े माथा पीटोगे। कई बार लोग सोचते हैं कि बस पुराना पासपोर्ट दिखा देंगे, मगर वो कॉपी मांग ही लेते हैं कितना भी बहस कर लो!

एक सीक्रेट टिप देते हैं ऑरिजिनल डॉक्युमेंट्स और उनकी खुद से साइन की हुई फोटोकॉपी (यानी सेल्फ अटेस्टेड) हमेशा साथ रखो। वहाँ जाकर न कहना, ‘बाबूजी, साइन भूल गए!’ वरना लाइन में दोबारा लगना पड़ेगा। पासपोर्ट ऑफिस वाले असली डॉक्युमेंटस बस देखेंगे, फिर तुरंत लौटा देंगे तो डरने का नहीं।

How Long Does It Take to Get an e-Passport?

चलो, अब थोड़ा डिटेल में बात करते हैं वैसे भी, पासपोर्ट बनवाने का तजुर्बा इंडिया में किसी रियलिटी शो से कम नहीं। सोचो, PSK (पासपोर्ट सेवा केंद्र) की अपॉइंटमेंट मिल गई, फॉर्म-फॉर्मालिटी हो गई, फिर भी 3-4 हफ्ते की वेटिंग! और ये तब है जब पुलिस वेरिफिकेशन वाले चाचा टाइम पर आ जाएं और “हम आए थे, आप मिले नहीं” वाला लेटर छोड़कर न चले जाएं।

अब ई-पासपोर्ट – सुनने में बड़ा हाई-टेक लगता है, है भी, लेकिन बनता उसी रफ्तार से है जैसे आम पासपोर्ट। कोई स्पेशल जादू नहीं, बस टेक्नोलॉजी का तड़का है। इन सब के बीच, सबसे बड़ी टेंशन पुलिस वेरिफिकेशन की होती है – मानो उनका मूड ठीक रहा, तो जल्दी वरना महीनों लग सकते हैं। कुछ लोग तो कहते हैं, “भाई, पुलिस वेरिफिकेशन में ही सबसे ज्यादा दिक्कत आती है, बाकि सब सेट है।” और सही भी है कभी-कभी तो वेरिफिकेशन वाले पूछते हैं, “आधार कार्ड दिखाओ, वोटर आईडी लाओ, पड़ोसी कौन हैं, बताओ।” उस दिन तो लग रहा होता है जैसे CBI की जांच हो रही हो!

अब थोड़ा “तत्काल” वर्सेस “नॉर्मल” की बात कर लें। अगर आपको बहुत अर्जेंट विदेश भागना है शादी का कार्ड पहुंचाना है या बॉस ने अचानक ट्रिप फेंक दिया तो तत्काल ही सबसे बेस्ट ऑप्शन है। हां, जेब पर थोड़ा भारी जरूर पड़ेगा, लेकिन पासपोर्ट हाथ में जल्दी आ जाएगा। कई बार तो 3-7 दिन में डाकिया लेकर आ जाता है बस शर्त ये कि डॉक्युमेंट्स में कोई गड़बड़ न हो और पुलिस वेरिफिकेशन वाले क्रिकेट मैच देखने में बिज़ी न हों।

वैसे, पासपोर्ट सर्विस पोर्टल पर अपनी फाइल की “स्थिति” चेक करते रहना ये वैसा ही है जैसे IRCTC पर ट्रेन का PNR स्टेटस बार-बार देखना। कभी-कभी एक ही जगह अटका रहता है, और खुद को दिलासा देते रहो “आ जाएगा, आ जाएगा।” और हां, जो लोग सोच रहे हैं कि ई-पासपोर्ट उसी दिन मिल जाएगा भाई, ये कोई अमेजन की वन-डे डिलीवरी नहीं है! ये onsite प्रिंट होता है, वेरिफिकेशन में टाइम लगता है, और सिस्टम थोड़ा पुराना भी है, तो सब्र रखो।

Is Upgrading to an e-Passport Mandatory?

देखो, ये ई-पासपोर्ट वाला फंडा सुनकर घबराने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। सरकार कोई अचानक अलार्म बजाकर नहीं कहने वाली कि “चलो भैया, सब पुराने पासपोर्ट जमा करो, अब से बस ई-पासपोर्ट चलेगा!” ऐसा कुछ भी नहीं है। अभी जो आपके पास छोटा नीला पासपोर्ट है, वो वैसे ही काम करेगा जैसे अब तक करता आया है। जब तक उसकी एक्सपायरी डेट नहीं टपकती, तब तक आप बेफिक्र होकर घूम सकते हो, चाहे वीज़ा लगवाना हो, या इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कूल बनकर निकलना हो।

ई-पासपोर्ट असल में टेक्नोलॉजी का एक तड़का है एक तरह से पासपोर्ट 2.0 समझो। इसमें चिप लगी होगी, सिक्योरिटी ज्यादा बढ़िया होगी, मतलब जाली पासपोर्ट वाले स्कैमस्टर्स की शामत आ जाएगी। पर इसका ये मतलब नहीं कि आपके पुराने पासपोर्ट की वैल्यू अचानक जीरो हो जाएगी। सरकार धीरे-धीरे यानी स्लो मोशन में ई-पासपोर्ट ला रही है। जैसे मोबाइल फोन धीरे-धीरे स्मार्टफोन बने, वैसे ही। आपको कोई लाइन में लगाकर पुराना पासपोर्ट छीन नहीं लेगा, न ही अचानक आपके हाथ का पासपोर्ट “सॉरी, एक्सपायर्ड!” बोल देगा।

और हां, एक और बात ई-पासपोर्ट अभी उन लोगों को मिल रहा है, जो नया पासपोर्ट बनवा रहे हैं या किसी वजह से री-इश्यू करवा रहे हैं। मतलब, नया माल चाहिए तो ई-पासपोर्ट मिलेगा, लेकिन जिनके पास अभी पुराना है, वे मजे से अपना काम चला सकते हैं। कोई हड़बड़ाने की ज़रूरत नहीं है। सोचो, जैसे आज भी कोई-कोई अपने फ़्लिप-फोन से कॉल करता है सबको फोर्स नहीं किया गया कि अभी के अभी स्मार्टफोन लो। जब समय आएगा, खुद-ब-खुद अपग्रेड हो जाओगे।

वैसे भी, कौन सा रोज़-रोज़ पासपोर्ट बदलते हो? जब आपका पासपोर्ट एक्सपायर होगा, या रिन्यू करवाना पड़ेगा, तो सरकार खुद आपको नया, चमचमाता ई-पासपोर्ट दे देगी। तब तक पुराने वाले से ही विदेश घूम लो, फोटो खींचो, स्टिकर लगाओ, कोई रोक टोक नहीं है।

तो कुल मिलाकर, अपने पासपोर्ट की एक्सपायरी डेट देख लो, बाकी सब भूल जाओ। न कोई फालतू भागदौड़, न झंझट। सरकार कहती है “मौजा ही मौजा!”

e-Passport Fees and Charges

ई-पासपोर्ट की फीस सुनकर घबराने की ज़रूरत नहीं है, दोस्त। सरकार ने इसमें कोई ऐसी नई फीस नहीं ठोकी है कि जेब खाली हो जाए! असल में, ई-पासपोर्ट अब वही स्टैंडर्ड पासपोर्ट है, बस थोड़ी टेक्नोलॉजी का तड़का लग गया है। RFID चिप-विप सब कुछ उसी पुराने रेट में मिल रहा है कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं, मतलब डिजिटल इंडिया का असली फायदा।

अब थोड़ा डीटेल में समझ लो बुकलेट के साइज और आपकी जल्दबाजी पर ही खर्चा टिका है। अगर आप 10 साल की वैधता वाला पासपोर्ट बनवा रहे हैं और 36 पेज वाली बुकलेट चाहिए, तो ₹1,500 में काम हो जाएगा, जैसे पहले होता था। लेकिन अगर आपको “भैया, मुझे तो कल ही चाहिए!” वाला मूड है, तो तत्काल सर्विस चुनो, और ₹2,000 एक्स्ट्रा जोड़ लो। यानी पूरे ₹3,500 में झटपट मिल जाएगा। वैसे, जो लोग घूमने के बहुत शौकीन हैं या बिजनेस ट्रिप्स पर हर महीने उड़ने वाले हैं, उनके लिए 60-पेज वाली जंबो बुकलेट है नॉर्मल में ₹2,000, और अगर तुरंत चाहिए तो पूरे ₹4,000

बच्चों के लिए फीस और भी कम है, जैसे 5 साल के पासपोर्ट के लिए महज़ ₹1,000। मतलब, छोटे बच्चे विदेश जा रहे हैं तो उनकी पॉकेट मनी भी सेफ!

एक और मजेदार बात ई-पासपोर्ट में जो RFID चिप लगी है, उसके लिए कोई अलग से पैसे नहीं मांगे जा रहे। वो सबकुछ इन रेट्स में ही इन-बिल्ट है। तो, नहीं, आपको टेक्नोलॉजी के नाम पर लूटा नहीं जा रहा।

ऑनलाइन पोर्टल पर एक कूल-सा कैलकुलेटर भी है आप जैसे ही अपनी बुकलेट साइज, सर्विस टाइप, वगैरह चुनेंगे, ये तुरंत आपके सामने कड़ाके की फीस रख देगा। कोई कंफ्यूजन नहीं, कोई माथापच्ची नहीं, बस क्लिक करो और पता चल जाएगा जेब कितना हल्का होगा।

Where to Get an e-Passport (Issuing Offices)

अब सुनो, ई-पासपोर्ट की पूरी कहानी में असली ट्विस्ट तो मशीनों में है, वरना दफ्तर तो वही पुराने हैं वो ही फाइलों का ढेर, वही ‘अगले काउंटर पे जाओ’ वाला चक्कर। फर्क ये है कि अब आपके पासपोर्ट में चिप लगेगी, जैसे ATM कार्ड में होती है थोड़ा हाई-फाई फील आएगा, और हां, इंटरनेशनल ट्रैवल पर कूल दिखने का भी एक नया तरीका मिल गया!

जैसे-जैसे भारत के अलग-अलग कोनों में ये चिप वाली मशीने पहुंच रही हैं, वैसे-वैसे पुराने पासपोर्ट वाले स्टाइल को अलविदा कहा जा रहा है। सोचो, नागपुर से लेकर चेन्नई तक और जम्मू से लेकर गोवा तक, हर जगह धीरे-धीरे डिजिटल रंग चढ़ रहा है। दिल्ली, अमृतसर, जयपुर जहां भी जाओ, 2025 तक सब जगह यही हाई-टेक पासपोर्ट मिलेंगे।

अब बात आती है आपके नजदीकी पासपोर्ट ऑफिस की अगर वहां चिप वाली मशीन लग गई है, तो समझो आपकी किस्मत खुल गई। अप्लाई करो, और नया पासपोर्ट मिलेगा तो उसमें चिप भी होगी। नहीं तो, थोड़ा इंतजार करो, सरकार कह रही है कि 2025 के मिड तक हर जगह ये काम पूरा हो जाएगा। वैसे, भारत में कोई सरकारी काम बिना इंतजार के हो जाए, ऐसा तो इतिहास में कम ही हुआ है, पर उम्मीद पे दुनिया कायम है!

Security and Technology Behind e-Passport

ई-पासपोर्ट की इतनी चर्चा क्यों है, भाई? देखो, ये कोई फालतू का टेक्निकल गीक शो नहीं है असल में गेमचेंजर है! बात सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है, इसमें तो स्मार्टनेस और स्टाइल साथ-साथ मिल रहे हैं। पुराने पासपोर्ट तो वैसे ही हुए जैसे नोकिया के पुराने फोन चलते हैं, पर आज के स्मार्टफोन के आगे कहाँ टिकते हैं?

अब सुनो, चिप वाली ये जो नई जादूगरी है, वो सिर्फ दिखावे के लिए नहीं। इसमें डेटा ऐसे छुपा रहता है जैसे आपकी मम्मी दिवाली के पैसे छुपाती हैं कोई आम स्कैनर हाथ भी नहीं लगा सकता। और ऊपर से, ये “बेसिक एक्सेस कंट्रोल” नाम थोड़ा बोरिंग है, पर काम जबरदस्त! चिप तभी खुलेगी जब पासपोर्ट के नीचे की दो लाइन वाला सीक्रेट कोड स्कैन हो जाए। मतलब, कोई जासूस दूर से स्कैनर लेकर मंडरा भी रहा हो, तब भी उसका गेम ओवर।

अब आती है PKI की बारी, नाम सुनते ही लगेगा कोई बैंक का लॉकर खोलने वाली चाबी है। लेकिन असल में, हर चिप पर सरकार खुद डिजिटल साइन करती है जैसे स्कूल में प्रिंसिपल की मोहर बिना सब बेकार! विदेश में इमिग्रेशन वाले फौरन चेक कर लेते हैं कि आपकी चिप असली है या घर पर प्रिंटर से छापी है। इंडिया में अपने सर्वर से वेरिफाई यानि डबल लॉक। नकली पासपोर्ट बनाने वालों के लिए ये सपना ही रह जाएगा चिप पकड़ लेगी, धोखा नहीं चलेगा।

अब सोचो, कितना झंझट कम हो गया। पहले तो एयरपोर्ट पर लाइन में खड़े-खड़े कमर टूट जाती थी, इमिग्रेशन वाले शक की नज़र से देखेंगे, फिर सवाल-जवाब। अब ई-पासपोर्ट है तो, फटाफट स्कैन करो, गेट खुलेगा, आप रॉकस्टार की तरह निकल लो। कोई फेस-टू-फेस इंटेरोगेशन नहीं, बस टेक्नॉलॉजी का मज़ा।

और हाँ, इससे एक और बड़ा फायदा अगर कभी पासपोर्ट चोरी हो भी जाए, तो कोई दूसरा बंदा उसका गलत इस्तेमाल आसानी से नहीं कर सकता। चिप है ना, सबका गेम बजा देती है। यानी, आपकी पहचान अब सिर्फ स्याही और कागज़ पर नहीं, अब तो डिजिटल फोर्टनॉक्स में ताला लगा है!

Conclusion

ई-पासपोर्ट सुनते ही लगता है जैसे कोई साइंस फिक्शन फिल्म का हिस्सा बन गए हों, है ना? लेकिन नहीं, ये असली है और इंडिया में आ भी गया! 2025 के आस-पास, पासपोर्ट भी अपना मेकओवर लेकर आ रहा है जैसे पुराने स्कूल के चश्मे छोड़कर कोई Ray-Ban पहन ले। अब कागज़ की बुकलेट नहीं, अंदर चिप फिट एकदम हाई-टेक

अब सोचो, पहले इमिग्रेशन की लाइन… सर झुकाए, फॉर्म दिखाओ, उंगलियों के निशान, फोटो घंटों लग जाते थे। अब ई-पासपोर्ट के साथ, ये सब प्रोसेस फास्ट-फॉरवर्ड हो जाएगा। चिप में सब कुछ नाम, फोटो, बायोमेट्रिक फटाफट स्कैन, और आप निकलो दुनिया घूमने! और जो फर्जी दस्तावेज़ों का धंधा है ना, उसकी तो अब वाट लगने वाली है। भाई, हैकिंग के शौकीनों के लिए ये नया ताला है बिना सही चाबी कोई खोल नहीं सकता।

अब देखो, पुराने पासपोर्ट वाले सोच रहे होंगे “हमारा क्या?” अरे बिल्कुल चिंता छोड़ो! जब तक वो पासपोर्ट एक्सपायर नहीं होता, वो पूरी तरह वैध है। कोई दफ़्तर के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं। और जब नया बनवाना हो, तो ऑनलाइन पोर्टल खोलो, फॉर्म भरो, और अगर आपके शहर में ई-पासपोर्ट की सुविधा है, तो अगली बुकलेट में ही चिप वाला पासपोर्ट मिल जाएगा। वरना, पुराना वाला डिज़ाइन ही सही लेकिन आपके रिकॉर्ड एकदम अपडेट रहेंगे। यानी, चाहे जो भी मिले, सिक्योरिटी और सुविधा दोनों में लेवल अप।

FAQs:

ई-पासपोर्ट क्या है?

ई-पासपोर्ट, भाई, ये कोई जादुई किताब नहीं है ये है अगली जनरेशन का पासपोर्ट! इसमें एक छोटी सी आरएफआईडी चिप लगी होती है (सोचो जैसे आपके डेबिट कार्ड में होती है, बस थोड़ा हाई-टेक)। इसमें आपकी सारी पर्सनल डिटेल्स नाम, फोटो, फिंगरप्रिंट, और बाकी जरूरी चीजें डिजिटल फॉर्म में स्टोर रहती हैं। ये टेक्नोलॉजी वाली चीज़ आपके लिए ट्रैवलिंग को एकदम स्मूथ बना देती है।

एयरपोर्ट पर लाइन में घंटों खड़े रहना? अब तो पुरानी बात है! बस मशीन के सामने पासपोर्ट दिखाओ, और झटपट आगे बढ़ो। सिक्योरिटी भी लेवल-अप हो गई है, क्योंकि आपकी डिटेल्स छुपी हुई हैं और किसी मुहल्ले के हैकर के बस की बात नहीं!

ई-पासपोर्ट नियमित पासपोर्ट से किस प्रकार भिन्न है?

देखो, सीधी बात नॉर्मल पासपोर्ट एकदम बेसिक, जैसे पुराने रेडियो। मैन्युअल चेकिंग, हर पेज पलटना, इमिग्रेशन अफसर का मूड देखना। ई-पासपोर्ट? ये तो स्मार्टफोन वाला फील दे रहा है। इसमें चिप लगी है, मशीन से चुटकियों में स्कैन हो जाता है। मतलब, वो 10 मिनट की लाइन अब 2 मिनट में निपट जाएगी।

खास बात आपकी डिटेल्स डिजिटल फॉर्मेट में हैं, झोलझाल की कम गुंजाइश। और हां, फ्यूचर में इंटरनेशनल ट्रैवल की टेक्नोलॉजी भी इसी पर शिफ्ट होने वाली है, तो स्मार्ट बनो, स्मार्ट बनो।

भारत में ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन कैसे करें?

अब एप्लिकेशन प्रोसेस भी थोड़ा डिजिटल हो चुका है, लेकिन डरने की जरूरत नहीं।

सबसे पहले पासपोर्ट सेवा की वेबसाइट पर रजिस्टर करो (पुराना तरीका भूल जाओ, अब सब ऑनलाइन है)।

फॉर्म भरो नाम, एड्रेस, फोटो, जो भी मांगे सब सही-सही डालो, वरना बाद में दिक्कत हो सकती है।

डॉक्युमेंट्स स्कैन करके अपलोड करो (फोटो की क्वालिटी अच्छी रखना, वरना ‘फोटो क्लियर नहीं है’ सुनने को मिलेगा)।

ऑनलाइन फीस पे करो, UPI या कार्ड से कैश भूल ही जाओ।
PSK (पासपोर्ट सेवा केंद्र) पर अपॉइंटमेंट बुक करो। टाइम पर पहुंचो, इंडिया है लेट आए तो भीड़ मिलेगी।

बायोमेट्रिक्स और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन करवाओ। यहां थोड़ा प्रोफेशनल बनना पड़ेगा, सेल्फी खींचने का मन करे तो बाद में खींच लेना!

क्या ई-पासपोर्ट में अपग्रेड करना अनिवार्य है?

अरे टेंशन मत लो! जब तक आपका पुराना पासपोर्ट वैलिड है, आराम से ट्रैवल करो। कोई आपको जबरदस्ती ई-पासपोर्ट लेने को नहीं कहेगा।

लेकिन, जब नया बनवाओगे या रिन्यू कराओगे तो ई-पासपोर्ट ही मिलेगा समझो सरकार धीरे-धीरे सबको डिजिटल बना रही है। वैसे भी, नया टेक्नोलॉजी है बहुत कुछ आसान हो जाएगा।

ई-पासपोर्ट के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?

बर्थ प्रूफ जन्म प्रमाण पत्र, आधार, या जो सबसे आसानी से मिल जाए।
एड्रेस प्रूफ वोटर आईडी, बिजली का बिल, गैस कनेक्शन, कुछ भी चलेगा, बस पता मैच होना चाहिए।

पुराना पासपोर्ट—अगर रिन्यू कर रहे हो। सब डॉक्युमेंट्स की खुद से साइन की हुई (self-attested) फोटोकॉपी। और हां, ओरिजिनल भी ले जाना, वरना ‘ओरिजिनल दिखाओ’ वाला डायलॉग सुनने को मिलेगा।

ई-पासपोर्ट प्राप्त करने में कितना समय लगता है?

नॉर्मल सर्विस: 3-4 हफ्ते (पुलिस वेरिफिकेशन के साथ, मतलब थोड़ा सब्र रखना पड़ेगा)
तत्काल सर्विस: 3-7 दिन (अगर आपको अचानक ट्रिप पर जाना है तो ये बेस्ट है, बस थोड़े ज्यादा पैसे लगेंगे) कभी-कभी पुलिस वेरिफिकेशन में देरी हो जाती है, तो ट्रैकिंग करते रहना, वरना ‘अभी तक नहीं आया?’ बोलते रह जाओगे।

ई-पासपोर्ट की कीमत क्या है?

पैसा तो लगेगा ही, लेकिन ये रहा ब्रेकडाउन:
36 पेज वाला: ₹1,500 (नॉर्मल), ₹3,500 (तत्काल)
60 पेज वाला: ₹2,000 (नॉर्मल), ₹4,000 (तत्काल)
बच्चों के लिए (5 साल की वैलिडिटी): ₹1,000 वैसे, थोड़ा ज्यादा लगेगा, लेकिन फ्यूचर प्रूफ है सिक्योरिटी, स्पीड, स्टाइल तीनों मिलेंगे।

मैं ई-पासपोर्ट कहां से प्राप्त कर सकता हूं?

पूरा इंडिया आपके लिए खुला है किसी भी पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) में अप्लाई कर सकते हो। शहर छोटा हो या बड़ा, PSK अब हर जगह हैं। और अगर कंफ्यूजन है कि आपके शहर में PSK है भी या नहीं, तो ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर चेक कर लो।

एड्रेस, टाइमिंग, सब कुछ मिलेगा। कुछ-कुछ जगह POPSK (पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र) भी खुल गए हैं मतलब, अब पोस्ट ऑफिस भी हाईटेक हो गए!

क्या ई-पासपोर्ट अधिक सुरक्षित है

सच कहूं तो, ये पासपोर्ट सिक्योरिटी में बाप है!
एनक्रिप्टेड चिप मतलब आपकी पर्सनल डिटेल्स ऐसे लॉक हो जाती हैं कि कोई हैकर भी सिर पकड़ ले।

PKI टेक्नोलॉजी डिजिटल साइन से छेड़छाड़ नामुमकिन। इमिग्रेशन लाइन में स्कैन एंड गो मतलब, आपकी डिटेल्स सेकंड्स में वेरिफाई हो जाएंगी, डुप्लीकेट का चांस ना के बराबर। तो हां, ये पासपोर्ट आपके पुराने पासपोर्ट से कहीं ज्यादा सेफ है।

क्या मैं अपने ई-पासपोर्ट आवेदन को ट्रैक कर सकता हूं?

बिल्कुल! आजकल सब कुछ ट्रैक हो सकता है फूड डिलीवरी से लेकर पासपोर्ट तक। पासपोर्ट सेवा साइट पर जाओ, एप्लीकेशन नंबर डालो, स्टेटस लाइव देखो। चाहो तो SMS अलर्ट भी एक्टिवेट कर सकते हो रोज-रोज लॉगिन करने की भी जरूरत नहीं।

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