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JPMorgan’s Jamie Dimon Issues Stark Warning to Job-Hopping Analysts: What You Need to Know

JPMorgan’s New Policy: What Jamie Dimon’s Crackdown on Junior Bankers Means for Your Career

ओह भाई, JPMorgan’s का ये नया ‘नो-जॉब-हॉपिंग’ गेम 🎮 सच में बैंकिंग इंडस्ट्री में भूचाल ले आया! पहले तो बैंकिंग का मतलब था कोट-टाई, फॉर्मल मेल, और ‘वी आर ए ग्लोबल लीडर इन फाइनेंस’ वाली बोरिंग लाइनें। अब देखो, जेमी डिमन खुद स्टेज पर आकर स्टूडेंट्स को धमका रहे हैं “सुन लो बच्चों, 18 महीने से पहले भागे तो तुम्हारी सैलरी, लैपटॉप, सब जब्त!” भाई, ऐसा अल्टीमेटम तो मम्मी-पापा भी नहीं देते 😅.

असल में, जेपी मॉर्गन की इस हरकत के पीछे बहुत बड़ा डर छुपा है 😨। नए बैंकर आते हैं, बैंक लाखों डॉलर की ट्रेनिंग में झोंक देता है, और फिर बच्चा अगले समेस्टर के रिजल्ट का इंतजार किए बिना ही प्राइवेट इक्विटी या हेज फंड में भाग जाता है 🚀। आपको लग सकता है “अरे, करियर ग्रोथ है, जहां दिल करे जाओ” पर बैंक की नजर में, ये तो धोखा है! ट्रेनिंग का खर्चा गया 💰, टीम की मेहनत गई, और फिर से नए बंदे को पकड़ो, ट्रेन करो, और भगवान भरोसे छोड़ दो.

अब जेमी डिमन ने ‘अनैतिक’ बोलकर इमोशनल कार्ड भी खेल दिया। भाई, बैंक के सीईओ का दिल भी आखिर इंसान ही होता है! वो सोच रहे हैं कि कहीं कोई जूनियर बैंकर, डाटा लेकर कॉम्पिटिटर के पास ना भाग जाए और देखो, आजकल सबकुछ ट्विटर पर वायरल हो जाता है, तो सीक्रेट भी कहाँ सीक्रेट रहते हैं?

यहाँ एक फनी बात ये है ये पॉलिसी सिर्फ यूएस बेस्ड फ्रेशर्स पर ही क्यों? क्योंकि अमेरिका में तो बंदा इंटरव्यू देने जाता है, अगले दिन तीन ऑफर व्हाट्सएप पर आ जाते हैं 📩। और बैंकिंग इंडस्ट्री में तो ‘जो जल्दी गया वो जीता’ का रूल ही चलता है 🏆। अब जेपी मॉर्गन ने बोल दिया “भाई, हमारी ट्रेनिंग ली है, तो कम से कम डेढ़ साल तो झेलो!

मुझे तो लगता है कि ये पॉलिसी एक तरह सेकॉरपोरेट शादी’ जैसी है 💍। एक बार हां कर दी, तो तलाक का ऑप्शन 18 महीने बाद ही मिलेगा! कोई बीच में भागा, तो बैंक सीधे घर का सामान बाहर फेंक देगा “जाओ, अब मत आना!”

अब जरा सोचो, आज की जेन-ज़ी जेनरेशन 💁‍♂️💁‍♀️, जिसे इंस्टाग्राम पर एक ही फोटो 18 मिनट तक पसंद नहीं आती ❤️, वो किसी जॉब में 18 महीने टिकेगी? भाई, मुश्किल हैआजकल बच्चों को ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ चाहिए ⚖️, ‘फ्लेक्सिबिलिटी’ चाहिए, और ऑफिस में ‘फन-फ्राइडे’ चाहिए। अब अगर बैंक खुद बोलेगा कि “18 महीने टंगो”, तो मन में तो गुस्सा आएगा ही 😡। शायद कुछ लोग तो पहले दिन ही कोने में बैठकर रो भी लें, “मम्मी, ये तो कॉलेज से भी सख्त है!”

लेकिन दूसरी तरफ, बैंक का भी दर्द समझो 💔। करोड़ों डॉलर इन्वेस्ट करते हैं, ट्रेनिंग, लंच-डिनर, लीडरशिप सेशन सबकुछ फ्री में देते हैं 🍽️। तो वो भी सोचते हैं कम से कम थोड़ा वफादार तो बनो!

बाकी बैंकों का हाल देखो, तो सबने अपने-अपने तरीके निकाले हैं कहीं बोनस के लालच में फंसाते हैं, कहीं नॉन-कम्पीट साइन करवा लेते हैं (जैसे “हमारे साथ ब्रेकअप किया, तो 6 महीने तक किसी और बैंक से बात भी मत करना!) 🤝। मगर जेपी मॉर्गन ने तो सीधा डंडा निकाल लिया “नियम तोड़ोगे, रोजगार गई!

यह पॉलिसी इंडस्ट्री में मिसाल बनेगी या मज़ाक अभी कहना मुश्किल है। कुछ लोग तो कह रहे हैं “ये तो बैंकिंग की आंटीजी है, सबको बिठाकर रखेगी।” 🤔 दूसरी तरफ, अगर हर बैंक यही करने लगे, तो ‘जॉब मार्केट’ का रोमांच ही खत्म हो जाएगा कोई कहीं नहीं जाएगा, सब मजबूरी में चाय पीते रहेंगे!

और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि जेपी मॉर्गन के साथ अपना फ्यूचर बनाना है, तो भाई, पहले खुद से पूछो “क्या मैं डेढ़ साल तक एक ही कुर्सी पर बैठ सकता हूं?” अगर हां, तो बढ़िया बैंकिंग का राजा बनो 👑। अगर नहीं, तो शायद किसी स्टार्टअप में ‘वर्क फ्रॉम माउंट एवरेस्ट’ वाला ऑफर ट्राइ कर लो!

अंत में, ये पॉलिसी जितनी सख्त दिखती है, उतनी ही क्रिएटिव भी है 🎨। कॉरपोरेट वर्ल्ड में हर कोई रेस जीतना चाहता है 🥇, और जेपी मॉर्गन ने तो साफ कह दियाहमारे साथ जुड़ो, तो सीरियस कमिटमेंट चाहिए, वरना रास्ता नापो.” अब देखना ये है कि आने वाले सालों में बैंकिंग इंडस्ट्री इसमें साथ देती है या फिर कैंडिडेट्स को और भी क्रिएटिव तरीके से बाइंडिंग से बचने के जुगाड़

नए बैंकरों के लिए असली गुरुमंत्र चाहिए? चलो, दिल खोलकर बात करते हैं💡

पहली बात अगर JPMorgan में घुस गए हो, तो पहले 18 महीने तो जैसे बर्फ में नाम लिख दो मिटाना नहीं है! मतलब, मोबाइल में ‘Jobs Near Me’ टाइप करना भूल जाओ। दोस्त बोले, ‘चल यार, Goldman Sachs ट्राई कर’ तो उसको जरा इग्नोर मारो। यहां डटे रहो, हिम्मत दिखाओ, वरना बोस को लगेगा तुम सिर्फ टाइम पास कर रहे हो।

अब, कैरेयर की सोच होनी चाहिए लंबी रेस की घोड़े जैसी 🐎। सिर्फ ‘मिल गया ऑफर, अब अगला कहाँ?’ वाली मानसिकता छोड़ दो। दरअसल, बैंक के अंदर भी बहुत से रास्ते खुल सकते हैं। आज बैंकर, कल फाइनेंस मैनेजर कौन जाने! तो बैंक की हर मीटिंग में आँखें खोलकर बैठो, नए प्रोजेक्ट्स में हाथ आज़माओ। 💼 जितना सीखोगे, उतना चमकोगे कसम से।

और भाई, कंपनी की नीतियों को ऐसे मत देखो जैसे कोई Terms & Conditions है जो कोई पढ़ता नहीं। 📜 असल में, अक्सर बड़ी पॉलिसी पेपर में वो लाइनें छुपी होती हैं, जो बाद में झटके देती हैं। साइन करने से पहले थोड़ा Sherlock Holmes बनो हर डिटेल जानो, वरना बाद में HR के पास जाकर सिर पकड़ोगे। 🔎

अब असली मसाले वाली बात JPMorgan ने जो चाल चली है, वो बस अपने लिए नहीं है। देखना, बाकी बड़े बैंक भी जल्दी ही इसी लकीर पर चलेंगे। **टैलेंट के लिए बैंकिंग में अभी WWE चल रही है हर कोई चाहता है उसके पास ही *सबके सब टॉप प्लेयर* रहें।** 🥇अब ऐसे में, बैंकरों की लाइफ पहले से ज्यादा बंधी-बंधाई होने वाली है।

अगर बाकी बैंक भी यही फॉर्मूला अपनाते हैं, तो बैंकिंग की दुनिया में कुछ नए सीन देखने को मिलेंगे:

  • करियर का GPS मिल जाएगा : पहले दिन से ही पता चलेगा, कहाँ से कहाँ जाना है।
  • नए-नए ग्रैजुएट्स की भागम-भाग थोड़ी कम होगी : कम से कम पहले डेढ़ साल तो टिकना ही पड़ेगा।
  • और भाई, ऑफिस की कैंटीन से लेकर सोशल मीडिया तक, ‘ये सही है या ज़्यादती?’ वाली बहसें चलती रहेंगी। कर्मचारी अधिकार, वर्क-लाइफ बैलेंस सब पर चर्चा गरम।

अब, जेमी डिमन का मेमो लीक हो गया मतलब मामला हल्का नहीं है। साफ है, JP Morgan अब रिजाइन लेटर को ‘स्पैम’ मान रहा है। टॉप कंपनीज अब अपने लोगों को जाने नहीं देना चाहतीं, और इसके लिए ये सख्ती ला रही हैं। हाँ, थोड़ी टफ लगती है ये पॉलिसी लेकिन नए एम्प्लॉई में इन्वेस्टमेंट बचाने का तरीका भी है।

लेकिन, रुकिए! क्या ये सब वाकई काम करेगा? या टैलेंट को लगेगा, ‘भैया, इतना बंधन क्यूं?’ और वो चुपचाप किसी स्टार्टअप का रुख कर लेंगे? 🤔 देखो, बैंकिंग सेक्टर अब वफादारी पर पूरा जोर लगाने वाला है। शॉर्टकट वालों की अब खैर नहीं।

अगर आप भी नए खिलाड़ी हो, तो पुरानी सोच छोड़ो। ये नए रूल्स, नए गेम का हिस्सा हैं। समझदारी इसी में है कि इनको पढ़ो, समझो, और अपने हिसाब से गेम खेलो। 🎮 कैरेयर की रेस है, भाई दौड़ना है, तो समझदारी से दौड़ो। 🏃‍♂️ वरना, कहीं ऐसा न हो कि ‘Offer Accepted’ के बाद खुद ही सोचो ‘यार, ये मैंने क्या कर दिया?’

क्योंकि भाई, कॉरपोरेट वर्ल्ड में हर रूल के लिए एक ‘लूपहोल’ 🔍 तो बनता ही है!

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