“What is CIBIL Score? Why It Matters for Your Next Loan”
A CIBIL score is a number that shows your credit health. It helps banks decide if you qualify for a loan. A good score can open doors to better loan options and lower interest rates. In this post, you’ll learn what a CIBIL score is and why it’s so important when applying for a loan.
सीक्रेट कोड: CIBIL स्कोर!
कभी लगता है बैंक वाले लोन के नाम पर CID बना देते हैं? फॉर्म, डॉक्युमेंट्स, फिर भी इंतज़ार का लटका हुआ लोन! असल राज़ बस तीन डिजिट में छुपा है CIBIL स्कोर। इसे समझो आपकी पैसों वाली पहचान, वैसी ही जैसी स्कूल की मार्कशीट हुआ करती थी।
CIBIL स्कोर: आखिर ये है क्या?
- भारत का सबसे बड़ा क्रेडिट ब्यूरो CIBIL (Credit Information Bureau India Limited)
- करोड़ों लोगों की फाइनेंशियल हिस्ट्री का पिटारा संभालते हैं ये
- 300 से 900 के बीच का एक मैजिक नंबर, जो आपकी क्रेडिट इमेज बनाता या बिगाड़ता है
CIBIL स्कोर क्या-क्या करता है?
- लोन मिलेगा या नहीं? स्कोर बताएगा
- ब्याज दर कितनी होगी? फिर से स्कोर बोलेगा
- यानी, जेब पर सीधा असर!
कैसे बनता है CIBIL स्कोर?
- आपके पिछले लोन और क्रेडिट कार्ड का पेमेंट हिस्ट्री
- कितना उधार लिया है और कितना बाकी है
- नए लोन के लिए कितनी बार अप्लाई किया
- मिला-जुला सब डेटा, और तैयार है आपका स्कोर!
स्कोर सुधारे कैसे?
- बिल्स टाइम पर चुकाओ (लेट से मतलब डेडली!)
- अनावश्यक लोन या कार्ड से बचो
- जितना लिमिट है, उससे बहुत ज़्यादा उधार न चढ़ाओ
- रेगुलर अपना स्कोर चेक करते रहो सरप्राइज से बुरा कुछ नहीं
हाई या लो स्कोर: किस्मत या कंगाली?
- स्कोर 750+? —बैंक वाले खुद चाय ऑफर करेंगे!
- 700 से कम? —फिर तो लोन के Chances स्लिम हैं, और ब्याज भी ज़्यादा लगेगा
- सीधा-सादा: स्कोर हाई, तो लाइफ ईज़ी
आखिर में…
तो, अगली बार लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपना ‘फाइनेंशियल फिंगरप्रिंट‘ यानी CIBIL स्कोर ज़रूर चेक करना। वरना बैंक वाले ऐसे देखेंगे जैसे आपने उनका फोन चोरी कर लिया हो! चलो, अब पैसे के खेल में मास्टर बनो CIBIL स्कोर से दोस्ती गांठो!
Understanding Credit Scores: The Basics
1. क्रेडिट स्कोर – असली रिपोर्ट कार्ड
- याद आया स्कूल का रिपोर्ट कार्ड? बस, वैसा ही है, मगर पैसे वाला।
- आपने कब-कहां-कितना उधार लिया, क्रेडिट कार्ड घुमाया, टाइम पर पैसे लौटाए या नहीं सबकुछ नोट हो जाता है।
- इसी डाटा से बनता है आपका CIBIL स्कोर वो तीन अंकों का नंबर, जो बैंक वाले आपकी फाइल खोलते ही सबसे पहले देखते हैं।
2. क्यों है ये नंबर इतना जरूरी?
- बैंक, लोन देने से पहले आपके स्कोर को ऐसे देखते हैं, जैसे सेलेक्शन कमेटी रिज्यूमे पढ़ती है।
- हाई स्कोर: “वाह! ये बंदा तो पैसा लौटा देगा, चलो लोन दे दो।”
- लो स्कोर: “भाई, इसको पैसे देंगे तो वापस आएंगे या नहीं, पता नहीं।”
- भरोसे का मामला है, सीधा पैसा है, कौन रिस्क ले!
3. CIBIL स्कोर की रेंज – खेल बड़े नंबरों का
- स्कोर 300 से 900 के बीच घूमता है।
- 300: मतलब भैय्या, हालत पतली है।
- 900: शाबाश! “फाइनेंशियल गोल्ड मेडलिस्ट”।
- 720+ : सेफ जोन। बैंक वाले मना नहीं करेंगे।
- जितना नंबर ऊपर, उतना फंडा क्लियर, लोन आसान और सस्ते में मिलेगा।
4. अगर आपके पास कोई क्रेडिट इतिहास ही नहीं है?
- कभी लोन नहीं लिया, क्रेडिट कार्ड का नाम भी नहीं सुना? तो रिपोर्ट में “NA” या “NH” लिखा मिलेगा।
- बैंक वाले सोचेंगे “इसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड है ही नहीं, भाई! अब इसे पैसे दें या न दें?”
- मतलब, थोड़ा फाइनेंशियल इतिहास बनाना पड़ेगा।
5. CIBIL स्कोर – आपकी फाइनेंशियल GPS
- सोचो, स्कोर आपका नक्शा है।
- ऊँचा स्कोर: सीधा रास्ता, लोन भी मिलेगा, ब्याज भी कम।
- नीचा स्कोर: गड्ढे ही गड्ढे कभी लोन मिलेगा, कभी नहीं, ब्याज का मीटर हाई।
- सीधा सा मंत्र – नंबर का ध्यान रखो, वरना फाइनेंस की दुनिया में भटकते रहोगे!
Bottom Line:
फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड को हल्के में मत लो, दोस्त! CIBIL स्कोर अच्छा रहा तो जिंदगी आसान, वरना उधारी के चक्कर में माथा ठनका।
What is CIBIL?
सिबिल: क्या बवाल है आखिर?
1. CIBIL – नाम से काम तक
- CIBIL का फुल फॉर्म: Credit Information Bureau (India) Limited. नाम तो जैसे कोई फिल्म का टाइटल हो।
- किसका है ये? अब ये ट्रांसयूनियन (अमेरिका वाले) के अंडर है।
- काम क्या है? आपकी पूरी कर्ज-कहानी लोन, क्रेडिट कार्ड, पेमेंट, सबकुछ बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से इकट्ठा करना और संभालकर रखना।
- क्या-क्या ट्रैक होता है?
- आपने कब-कब पैसा उधार लिया?
- कितना लिया?
- चुकाया या नहीं?
- टाइम पे दिया या डेडलाइन फिसल गई?
2. CIBIL – क्यों इतना ‘हाइप’ है?
- बैंक वालों का फेवरेट टूल: लोन या क्रेडिट कार्ड चाहिए? बैंकवाले सबसे पहले CIBIL स्कोर चेक करते हैं।
- लोन की ‘सीसीटीवी’: आपकी उधारी की हर हरकत पर इनकी नजर होती है।
- गड़बड़ की तो दिक्कत पक्की: मिस्ड पेमेंट? ओवरड्यू? स्कोर लो, फिर बैंक की टेढ़ी नजर झेलो।
- मॉरल ऑफ द स्टोरी: सबकुछ सही-सलामत रखा, तो लाइफ सेट। वरना लोन लेने में पसीना आ जाएगा।
CIBIL स्कोर: तीन अंकों का खेल
1. ये स्कोर आखिर है क्या?
- तीन डिजिट का जादू: 300 से 900 के बीच – जितना ऊँचा, उतना बड़िया।
- 720+? Jackpot! बैंक वाले खुद कॉल करेंगे – “सर, लोन चाहिए क्या?”
- 750+? अबे वाह! स्पेशल ऑफर तक मिलने लगेंगे।
2. स्कोर का गणित
- समय पर पेमेंट = स्कोर हाई
- गड़बड़ या देरी = स्कोर डाउन
- पुरानी EMI मिस? भाई, स्कोर को झटका लगेगा।
- कम उधारी, डिसिप्लिन = बैंक की दुआएं
3. CIBIL स्कोर – आपका फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड
- स्नैपशॉट: पुराना बही-खाता, EMI, क्रेडिट कार्ड सबका हिसाब।
- अच्छा स्कोर? लोन और क्रेडिट कार्ड के रास्ते खुले।
- बुरा स्कोर? बैंकवाले मुंह फेर लेंगे “पहले सुधार के आओ, फिर बात करेंगे।”
Bottom Line: स्कोर पे नजर रखो, वरना…!
- EMI मिस मत करना, वरना बैंकवाले ऐसे देखेंगे जैसे तुमने उनकी सैलरी ले ली हो।
- स्कोर बढ़िया रखा तो फाइनेंस की दुनिया में मस्त रहोगे।
- और हाँ, CIBIL सिर्फ नंबर नहीं – ये तुम्हारी फाइनेंशियल इमेज है। So, संभल के!
How is Your CIBIL Score Calculated?
CIBIL स्कोर: आखिर ये तीन अंकों का जादू है क्या?
चलो, इस रहस्यमयी नंबर की परतें खोलते हैं एकदम मसालेदार अंदाज़ में! CIBIL स्कोर को समझो जैसे कोई सीक्रेट रेसिपी, जिसमें हर चीज़ का अपना स्वाद है। नीचे देखो, हर जरूरी इंग्रीडिएंट डिटेल में:
1. भुगतान इतिहास: स्कोर का बादशाह
- टाइम पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल भरो, वर्ना स्कोर को लगेगा झटका।
- लेट या मिस्ड पेमेंट? स्कोर धड़ाम!
- CIBIL खुद कहता है भुगतान में गड़बड़, स्कोर में गड़बड़।
2. क्रेडिट उपयोग: लिमिट में रहो Boss!
- जितनी क्रेडिट लिमिट मिली, उसका ज्यादातर हिस्सा फूंक दोगे (जैसे 80%), तो स्कोर बोलेगा “भाई, थोड़ा कंट्रोल करो!”
- 30% के अंदर रहो फाइनेंस गुरुओं का फंडा।
- Airtel Finance तक बोल चुका ज्यादा खर्च, कम स्कोर।
3. क्रेडिट हिस्ट्री की उम्र: Old is Gold
- जितना पुराना क्रेडिट कार्ड या लोन, उतना बढ़िया।
- लंबा और अच्छा रिकॉर्ड = स्कोर को भी मज़ा।
- नया-नया अकाउंट? स्कोर थोड़ा ठंडा रहता है डेटा कम, भरोसा कम।
4. क्रेडिट मिक्स: थोड़ा मिक्सी मारो!
- सिर्फ क्रेडिट कार्ड या सिर्फ लोन नहीं मिलाजुला रखो।
- होम लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड सबका थोड़ा-थोड़ा।
- मिक्स मास्टर बने रहो, स्कोर बोलेगा “वाह!”
5. नई क्रेडिट जांच: बार-बार न खटखटाओ
- बार-बार नए लोन या कार्ड के लिए अप्लाई? स्कोर पर असर।
- बैंक बार-बार पूछताछ करे तो लगेगा, “भाई, बहुत पैसों का भूखा है?”
- बहुत ज्यादा इनक्वायरी = स्कोर फीका।
CIBIL Score Range and Its Meanings
CIBIL स्कोर की दुनिया में आपका स्वागत
चलो, CIBIL स्कोर की माया को थोड़ा आसान और मजेदार तरीके से समझते हैं। ये नंबर बस कोई जादू की छड़ी नहीं—आपकी फाइनेंशियल इमेज का पोस्टर है! अब देखते हैं, कौन-सा स्कोर क्या कहानी सुनाता है।
1. कोई इतिहास नहीं? (NA/NH) – फ्रेशर मोड ऑन!
- पहली बार क्रेडिट की दुनिया में कदम रखा? रिपोर्ट बोलेगी “NA” या “NH“।
- मतलब आप अभी नए खिलाड़ी हो, फील्ड में पहली बॉल खेलने आए हो।
- बैंक वाले भी सोच में पड़ जाते हैं “भाई, इसका ट्रैक रिकॉर्ड कहाँ है?”
2. 300-599 – ‘अरे बाप रे!’ जोन
- ये रेंज तो सीधा खतरे की घंटी बजा देती है।
- मिस्ड पेमेंट, लेट फीस सबका कड़वा असर यहीं दिखता है।
- लोन? मिलेगा मगर ऐसी शर्तों के साथ कि आप खुद सोचोगे “इतना दर्द क्यों भाई?”
3. 600-649 – ‘ठीक-ठाक, पर दिल नहीं जीता’
- थोड़ा सुधरे, पर अभी भी बैंक वाले आपको शक की निगाह से देखेंगे।
- लोन पास हो सकता है, पर टफ कंडीशंस और तगड़ा ब्याज लगेगा।
- बैंक वाले कहेंगे “ठीक है, मगर ज़्यादा उम्मीद मत रखना।”
4. 650-749 – ‘अब आया मजा’
- अब बैंक वाले आपके नाम पर गूगल करने लगेंगे!
- लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने के चांस पक्के।
- रेट्स थोड़े ऊपर-नीचे हो सकते हैं, लेकिन अब आप गेम में अच्छे खिलाड़ी हो।
5. 750-900 – ‘बॉस लेवल!’
- ये है VIP पास! बैंक वाले खुद ऑफर लेकर आपके पीछे-पीछे घूमेंगे।
- सबसे कम ब्याज, सबसे बेहतर डील सीधा स्पेशल ट्रीटमेंट।
- “भाई, आप तो हमारे फेवरेट कस्टमर हो!” ऐसा फील आएगा।
बस सीधी बात – स्कोर बढ़ाओ, लाइफ आसान बनाओ!
- जितना बड़ा स्कोर, उतनी बड़ी छूट और ऑफर।
- विकिपीडिया बोले तो 720+ अच्छा, मगर असली मजा 750+ में है।
- क्रेडिट कार्ड, लोन, फाइनेंस सबका रास्ता आसान, अगर स्कोर सही है।
तो, भाई लोग! स्कोर पर ध्यान दो, बैंक के गेट खुद खुल जाएंगे। वरना फिर वही पुरानी कहानी—“अभी नहीं, फिर कभी।”
How to Check Your CIBIL Score
CIBIL स्कोर – आपका फाइनेंसियल रिपोर्ट कार्ड!
1. क्यों ज़रूरी है CIBIL स्कोर?
सीधा सा जवाब लोन चाहिए? क्रेडिट कार्ड चाहिए? सबकुछ इसी स्कोर पर टिका है। आजकल तो शादी में भी पूछ लेते हैं “लड़के का CIBIL स्कोर क्या है?” (ठीक है, थोड़ा ओवरड्रामैटिक हो गया, लेकिन समझ रहे हो ना?)
2. अपना स्कोर कैसे देखें – झंझट फ्री तरीके
- CIBIL की ऑफिशियल साइट
- अकाउंट बनाओ, “सदस्य लॉगिन” करो।
- स्कोर और रिपोर्ट मिल जाएगी।
- पूरी रिपोर्ट चाहिए तो पैसे लगेंगे, लेकिन RBI का नियम है साल में एक बार फ्री रिपोर्ट ज़रूर मिलनी चाहिए।
- CIR (Credit Information Report) वाला लिंक ढूंढना पड़ेगा, थोड़ा घुमा-फिरा के मिलेगा।
- बैंक और ऑनलाइन पोर्टल्स
- BankBazaar, PaisaBazaar, कई बैंकिंग ऐप्स सब जगह स्कोर दिख जाता है।
- बस PAN नंबर डालो, OTP वेरिफाई करो, स्कोर सामने!
- डेटा कभी CIBIL से, कभी किसी और ब्यूरो से लेकिन स्कोर देखना तो हो ही जाता है।
- मोबाइल ऐप्स
- कुछ खुद CIBIL के, बाकी फिनटेक वाले।
- फ्री स्कोर, पेड डिटेल जो मर्जी, वैसा चुनो।
- वार्षिक फ्री रिपोर्ट का लिंक भी अक्सर इनमें मिल जाता है।
3. “सॉफ्ट इंक्वायरी” – स्कोर Safe है Boss
- अपना खुद का स्कोर देखना ये “सॉफ्ट इंक्वायरी” है, इससे स्कोर गिरता नहीं।
- जब तक खुद देख रहे हो, मस्त रहो। बैंक वाले जब चेक करें (लोन के लिए), तब “हार्ड इंक्वायरी” कहलाती है, उससे फर्क पड़ता है।
4. रिपोर्ट मिली? अब Sherlock बन जाओ!
- रिपोर्ट आते ही ध्यान से देखो।
- ये देखो:
- कोई अजीब एंट्री?
- पुराना लोन क्लोज़ होने के बाद भी “ओपन” दिख रहा?
- कोई ट्रांजैक्शन याद नहीं आ रही?
- कुछ भी गड़बड़ लगे तो तुरंत कंप्लेंट डालो वरना स्कोर का कबाड़ा हो सकता है।
5. याद रखो!
- स्कोर देखना है तो डरना नहीं जितनी बार चाहो चेक करो।
- Regular चेक करने से गलती पकड़ में आती है।
- जल्दी सुधार करवाओ, वरना बाद में पछताना पड़ेगा।
- सीधा फंडा: अच्छा स्कोर = बैंक वाले प्यार से लोन देंगे। स्कोर गड़बड़ = “आपका केस थोड़ा मुश्किल है…” सुनने के लिए तैयार रहो।
लास्ट लाइन:
CIBIL स्कोर है तो लाइफ सेट है! वरना EMI के लिए बैंक के चक्कर काटते रहना। So, स्कोर पर नज़र रखो, और फाइनेंस की दुनिया में शेर बनो! 🦁💸
Tips to Improve Your CIBIL Score
CIBIL स्कोर बढ़ाने का जुगाड़: आसान स्टेप्स में
- पेमेंट्स में टाइमिंग है तो लाइफ सेट है
- EMI, लोन या क्रेडिट कार्ड – जो भी हो, डेट मिस नहीं करनी भाई!
- भूलने की आदत है? ऑटो-पे ऑन कर लो या अलार्म लगा लो।
- टाइम पे पेमेंट = स्कोर में जान।
- क्रेडिट कार्ड का कंट्रोल अपने हाथ में रखो
- लिमिट का 30% से कम इस्तेमाल करो।
- बार-बार लिमिट खींचने की ज़रूरत नहीं।
- अगर खर्चा ज़्यादा है, तो लिमिट बढ़वाने का ट्राय कर लो – स्कोर को अच्छा लगेगा।
- नए अकाउंट्स खोलने में उतावले मत बनो
- हर हफ्ते नया लोन या कार्ड नहीं चाहिए।
- बार-बार अप्लाई करने से स्कोर गिर सकता है।
- लोन/कार्ड के बीच थोड़ा गैप रखो, वरना बैंक वाले शक करेंगे – “इसकी तो हालत पतली है!”
- पुराने अकाउंट्स को प्यार से संभालो
- पुराने क्रेडिट कार्ड बंद मत करो।
- साल में एक बार भी इस्तेमाल कर लो, एक्टिव रहेगा।
- जितना पुराना हिस्ट्री, उतना तगड़ा स्कोर।
- मिनिमम पेमेंट से ऊपर जाओ
- बिल हमेशा पूरा भरो, कम से कम मिनिमम से ऊपर तो करो ही।
- ब्याज भी बचेगा, बैलेंस भी कम रहेगा।
- क्रेडिट मिक्स – थोड़ा मसाला ज़रूरी है
- सिर्फ क्रेडिट कार्ड से काम मत चलाओ।
- पर्सनल या ऑटो लोन लेकर टाइम से चुका दो।
- इससे दिखाओ कि हर तरह का कर्ज संभाल सकते हो।
- रिपोर्ट पर नजर रखो, गड़बड़ पकड़ों
- साल में एक-दो बार CIBIL रिपोर्ट चेक करो।
- कोई गलती दिखे तो फौरन शिकायत करो।
- पुराना लोन पेंडिंग दिखे तो एक्शन लो – “भाई, चुका चुका हूँ!”
- बेवजह रिपोर्ट खिंचवाने से बचो
- सिर्फ वहीं अप्लाई करो, जहाँ वाकई जरूरत है।
- हर बार रिपोर्ट चेक होगी तो स्कोर गिर जाएगा, ध्यान रखना।
फाइनल मंत्र:
सारे स्टेप्स अपनाओ, तो स्कोर ऐसे भागेगा जैसे IPL में छक्का लगा हो। एक्सपर्ट भी कहते हैं टाइम पे पेमेंट, लिमिटेड यूज़ और रिपोर्ट पर नजर यही है असली गेम चेंजर! अब देर किस बात की? स्कोर सुधारो, बिंदास रहो!
Common Misconceptions About CIBIL Score
CIBIL स्कोर के बारे में उलझनों की दुनिया
1. “अपना खुद का CIBIL स्कोर देखूँ तो स्कोर गिर जाएगा?”
- Nope!
- खुद चेक करना सॉफ्ट इंक्वायरी है, कोई नुक़सान नहीं।
- असल में, रेगुलरली देखो तभी तो पता चलेगा, कहाँ गड़बड़ है।
2. “लोन नहीं लिया यानी स्कोर सुपरहिट?”
- भाई, स्कोर तो तब बनेगा जब उधारी का हिसाब होगा।
- कभी लोन ही नहीं लिया या कार्ड नहीं है, तो CIBIL बोलेगा “NA, भाई!”
- स्कोर बनाना है तो थोड़ा ले-दे, और टाइम पर चुका भी दे।
3. “क्रेडिट कार्ड बंद करूँ तो स्कोर बढ़ेगा?”
- Wishful thinking!
- कार्ड बंद किया तो क्रेडिट लिमिट घट गई यूटिलाइजेशन बढ़ गया स्कोर गिर गया।
- पुराना कार्ड खुला छोड़ दो (चाहे धूल खा रहा हो), हिस्ट्री लंबी रहेगी।
4. “एक बार स्कोर खराब हुआ तो लाइफ सेटिंग्स ही बिगड़ गई?”
- Relax, इतना डरा मत।
- स्कोर हर महीने अपडेट होता रहता है।
- फाइनेंशियल आदतें सुधारो, धीरे-धीरे नंबर भी सुधरेगा।
- ये कोई ब्लैकलिस्टिंग नहीं, लाइफ में दूसरा मौका सबको मिलता है।
5. “हर बैंक का अलग-अलग CIBIL स्कोर?”
- एकदम फिल्मी गल्प!
- CIBIL स्कोर सबके लिए एक ही ट्रांसयूनियन CIBIL से बनता है।
- बैंक अपना-अपना कटऑफ रखते हैं, पर स्कोर तो वही रहता है।
Bottom Line: असली जादू
- किसी शॉर्टकट या ‘जुगाड़ू’ ट्रिक पर भरोसा मत करो।
- सही-सही क्रेडिट का इस्तेमाल करो, बिल टाईम पर भरो, और पुराना कार्ड ऐसे ही पड़े रहने दो।
- बाकी सब बातें सिर्फ़ व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का ज्ञान है!
अब आराम से रहो, और अपने स्कोर पर नजर रखो।
Conclusion
CIBIL स्कोर ये कोई बस का टिकट नंबर नहीं, ये तो आपकी फाइनेंस की शोहरत है! सोचो, पड़ोस की आंटी तक बोलती हैं, “इसका नाम है” बस वैसे ही बैंक वाले भी आपके स्कोर से इम्प्रेस हो जाते हैं। अगर टाइम पे पैसे चुका दिए, उधारी लिमिट से बाहर नहीं गए, और रिपोर्ट पर नज़र रख ली तो समझो CIBIL स्कोर आपकी जेब में है।
स्कोर 720-750 या उससे ऊपर? वाह, फिर तो लोन के दरवाज़े खुद-ब-खुद खुलेंगे, ब्याज भी कम लगेगा जैसे सेल में शॉपिंग! लेकिन अगर स्कोर फिसल गया, तो बैंक वाले भी लाइन में नहीं लगाएंगे। मगर चिंता मत करो, ये स्कोर लाइफलाइन है, ECG नहीं सुधार सकते हो! बस रिपोर्ट में झाँको, गलतियां पकड़ो, ऊपर दिए टिप्स अपनाओ, और देखना ग्राफ ऊपर चढ़ेगा।
Frequently Asked Questions
CIBIL स्कोर – जानो, समझो, जीतों!
1. अच्छा CIBIL स्कोर? कितना होना चाहिए?
- 720+: आहा! यही तो है असली ‘ग्रेट’ जो बैंक वाले देखना चाहते हैं।
- 750+: यहाँ तो आपको VIP ट्रीटमेंट मिलेगा सबसे शानदार डील्स!
- 650-699: लोन मिलेगा, पर शर्तों में थोड़ा मसाला मिलेगा ज्यादा ब्याज या छोटा लोन।
- 600 से नीचे: यहाँ खेल खतरनाक है या तो लोन रिजेक्ट, या ब्याज इतना कि जेब हल्की!
2. CIBIL स्कोर चेक करना – कब और कैसे?
- साल में कम से कम एक बार बिलकुल फ्री!
- RBI का फंडा: हर साल एक फ्री रिपोर्ट मिलनी चाहिए, हक है आपका।
- लोन की प्लानिंग? तो तिमाही में एक बार स्कोर देख डालो बैंकिंग ऐप या फ्री पोर्टल्स से।
- खुद स्कोर देखना? टेंशन मत लो, इससे स्कोर में कोई सेंध नहीं लगेगी।
3. रिपोर्ट में गड़बड़? ऐसे करो फिक्स!
- कुछ गड़बड़ दिखी (गलत लोन, झूठा बकाया)?
- CIBIL वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करो।
- सबूत लगाओ – बैंक स्टेटमेंट, NOC, जो भी है।
- ऑनलाइन सब कुछ निपट जाएगा – 30 दिन में काम तमाम।
- दिक्कत ठीक = स्कोर उछल सकता है।
- टिप: गड़बड़ी पकड़ो तो फौरन एक्शन लो, वरना पछताओगे!
4. कम स्कोर, बड़ा सपना – लोन मिलेगा?
- 600 के नीचे: बैंक वाले मुंह बना सकते हैं, पर NBFC या छोटे लोन देने वाले कभी-कभी हां बोल जाते हैं।
- शर्तें:
- ब्याज ज्यादा।
- सह-आवेदक या गारंटर लाओ।
- मोटा डाउन पेमेंट या कोलैटरल डालो।
- सीधा सा फंडा – स्कोर ठीक कर लो, वरना लोन की दौड़ में पसीना आएगा।
5. लोन चुका दिया – अब तो स्कोर झकास हो गया?
- लोन क्लियर किया = स्कोर पर असर जरूर पड़ेगा… पर धैर्य रखो!
- बैंक, NBFC हर महीने CIBIL को अपडेट भेजते हैं थोड़ा वक्त लगता है।
- पर लगातार टाइम पर पेमेंट करोगे तो स्कोर भी झूमेगा।
- याद रखो, Rome भी एक दिन में नहीं बना था स्कोर भी धीरे-धीरे चमकेगा।
जोड़-बाकी:
स्कोर अच्छा रखो, लोन के खेल में बने रहो। चेक करते रहो, गड़बड़ी पकड़ो, सही करो और बस, जीत जाओ!